चांदिपुरा वायरस: बच्चों के लिए घातक और जानलेवा खतरा।

चांदिपुरा वायरस का प्रसार: सैंडफ्लाई मच्छरों से तेजी से फैलता है।

चांदिपुरा वायरस के लक्षण: तेज बुखार से लेकर कोमा तक का सफर।

चांदिपुरा वायरस का प्रभाव: मस्तिष्क और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र पर गंभीर हमला।

मच्छरों से बचाव: चांदिपुरा वायरस से बचने का सबसे प्रभावी तरीका।

चांदिपुरा वायरस का निदान: PCR और ELISA टेस्ट से होती है पुष्टि।

चांदिपुरा वायरस का इलाज: सहायक देखभाल ही है मुख्य उपचार।

चांदिपुरा वायरस: महाराष्ट्र, गुजरात और आंध्र प्रदेश में गंभीर प्रकोप।

चांदिपुरा वायरस का भविष्य: बदलते मौसम और ग्लोबल वार्मिंग से बढ़ सकता है खतरा।

चांदिपुरा वायरस पर शोध: भारतीय वैज्ञानिकों का टीका विकसित करने का प्रयास जारी।

जानलेवा चांदिपुरा वायरस