TINS अरिघाट भारत के परमाणु त्रिभुज (थल, वायु, और जल आधारित परमाणु हमले की क्षमता) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित करता है।
INS अरिघाट का प्रमुख उद्देश्य भारत को दूसरे हमले की विश्वसनीय क्षमता प्रदान करना है, जिससे दुश्मन के पहले हमले के बावजूद प्रभावी जवाबी हमला किया जा सके।
INS अरिघाट पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक पर आधारित है, जो भारत की आत्मनिर्भरता और रक्षा क्षमता का प्रतीक है।
INS अरिघाट शौर्य बैलिस्टिक मिसाइलों से सुसज्जित है, जो लंबी दूरी तक लक्ष्यों को भेदने की क्षमता रखती हैं, जिससे यह पनडुब्बी अत्यधिक घातक बनती है।
परमाणु ऊर्जा से संचालित होने के कारण, INS अरिघाट लंबे समय तक पानी के नीचे संचालन कर सकती है, जो इसे रणनीतिक तैनाती के लिए आदर्श बनाता है।
INS अरिघाट की कमीशनिंग भारत की समुद्री सुरक्षा और क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण कदम है।
INS अरिघाट में INS अरिहंत की तुलना में कई तकनीकी सुधार किए गए हैं, जो इसे अधिक उन्नत और सक्षम बनाते हैं।
INS अरिघाट का निर्माण भारत की राष्ट्रीय रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने और संभावित खतरों के खिलाफ सुरक्षा को सुनिश्चित करने में सहायक है।
INS अरिघाट के बाद, भारत की नौसेना और भी अधिक परमाणु पनडुब्बियों के निर्माण की योजना बना रही है, जिससे भारत की सामरिक और समुद्री सुरक्षा में और सुधार होगा।