गिद्ध गणना 2024: भारत में संकटग्रस्त गिद्धों की संख्या का सटीक आकलन और संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम।
डाइक्लोफेनाक दवा: भारत में गिद्धों की तेजी से घटती जनसंख्या का प्रमुख कारण।
गिद्ध: हमारे पर्यावरण के प्राकृतिक सफाईकर्मी जो बीमारियों और महामारी के खतरे को कम करते हैं।
पर्यावास की हानि और खाद्य स्रोत की कमी: गिद्धों की घटती संख्या के पीछे के प्रमुख कारण।
गिद्ध संरक्षण परियोजना 2004: भारत में संकटग्रस्त गिद्ध प्रजातियों को बचाने की पहल।
WWF-India द्वारा 7 सितंबर से 6 अक्टूबर, 2024 तक गिद्ध गणना 2024 का आयोजन।
भारत में 9 संकटग्रस्त गिद्ध प्रजातियाँ, जिनमें सफ़ेद-पूंछ वाला गिद्ध और भारतीय गिद्ध शामिल हैं।
भारत में 8 गिद्ध प्रजनन केंद्र: गिद्धों की संख्या में वृद्धि के लिए प्रमुख प्रयास।
सामुदायिक भागीदारी: WWF-India की पहल गिद्धों के संरक्षण के लिए सामुदायिक जागरूकता बढ़ाने पर केंद्रित।
गिद्धों की संख्या में गिरावट से पर्यावरणीय संतुलन पर गंभीर खतरा।
संकटग्रस्त गिद्धों की गणना 2024
read full story