लैंडस्लाइड, जिसे भू-स्खलन भी कहते हैं, चट्टान, मिट्टी, और मलबे का ढलान से तेजी से नीचे गिरना है, जो जीवन और संपत्ति के लिए बड़ा खतरा होता है।
लैंडस्लाइड के मुख्य प्रकारों में स्लाइड्स, फ्लो, फॉल्स, और स्प्रेड्स शामिल हैं, जो विभिन्न भूगर्भीय और जलवायु परिस्थितियों में होते हैं।
भू-स्खलन के कारणों में भूगर्भीय संरचना, चट्टानों और मिट्टी की संरचना, ढलान का कोण, भारी वर्षा, जलभराव, मानव गतिविधियाँ, और भूकंप शामिल हैं।
अत्यधिक वर्षा मिट्टी और चट्टानों में पानी का घनत्व बढ़ाती है, जिससे वे अस्थिर हो जाते हैं और भू-स्खलन की संभावना बढ़ जाती है।
निर्माण कार्य और वनों की कटाई जैसे मानव गतिविधियाँ मिट्टी की पकड़ कमजोर करती हैं और भू-स्खलन का खतरा बढ़ाती हैं।
– भूकंप से उत्पन्न कंपन चट्टानों और मिट्टी को अस्थिर कर सकते हैं, जिससे बड़े पैमाने पर भू-स्खलन हो सकते हैं।
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2013 उत्तराखंड बाढ़, 2014 मालिन, 2018 केरल भू-स्खलन जैसी घटनाएँ बड़े पैमाने पर लैंडस्लाइड की गंभीरता को दर्शाती हैं।
भू-स्खलन प्रभावित क्षेत्रों की पहचान, वनों का संरक्षण, सुरक्षित निर्माण तकनीक, और जल निकासी प्रबंधन भू-स्खलन से बचाव के महत्वपूर्ण उपाय हैं।
आपातकालीन किट तैयार रखना, स्थानीय अधिकारियों की सलाह का पालन करना, और मीडिया के माध्यम से अपडेट रहना आवश्यक है।
आपातकालीन किट तैयार रखना, स्थानीय अधिकारियों की सलाह का पालन करना, और मीडिया के माध्यम से अपडेट रहना आवश्यक है।
लैंडस्लाइड क्यों होती है ? Why do landslides happen
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