लैंडस्लाइड क्यों होती है ? Why do landslides happen
- केरल के वायनाड में भारी बारिश के कारण चार अलग-अलग जगहों पर भूस्खलन हुआ है, जिससे चार गांव बह गए हैं। इस घटना में घर, पुल, सड़कें और गाड़ियां भी बह गईं। अब तक 45 लोगों की मौत हो चुकी है और 100 से ज्यादा लोग मलबे में दबे हुए हैं। मृतकों की संख्या बढ़ने की संभावना है।
- वायनाड में लगातार बारिश जारी है, जिससे मंगलवार तड़के चार अलग-अलग जगहों पर भूस्खलन हुआ। इसमें मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा गांव प्रभावित हुए हैं। इस त्रासदी में 84 लोगों की जान जा चुकी है और 100 से ज्यादा लोग लापता हैं। अब तक 250 से ज्यादा लोगों को बचाया जा चुका है।
- एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई हैं। कन्नूर से सेना के 225 जवान, जिनमें मेडिकल टीम भी शामिल है, वायनाड के लिए रवाना हो चुके हैं। एयरफोर्स के दो हेलिकॉप्टर भी राहत कार्य में लगे हुए हैं। पांच साल पहले, 2019 में भी इन्हीं गांवों में भूस्खलन हुआ था, जिसमें 52 घर तबाह हुए थे और 17 लोगों की जान गई थी। पांच लोग आज भी लापता हैं।
- मौसम विभाग (IMD) ने आज वायनाड, कोझिकोड, मलप्पुरम और कसारागोड़ में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। यदि तेज बारिश जारी रहती है, तो राहत कार्य में मुश्किलें आ सकती हैं।
आज हम लैंडस्लाइड क्यों होती है ? Why do landslides happen के बारे में जानने वाले है।
लैंडस्लाइड: कारण, उदाहरण और बचाव के उपाय
परिचय
- लैंडस्लाइड, जिसे भू-स्खलन भी कहते हैं, एक प्राकृतिक आपदा है जिसमें चट्टान, मिट्टी, और मलबे का ढलान से तेजी से नीचे गिरना शामिल है। यह घटना आमतौर पर अचानक और तेज होती है और कई कारणों से हो सकती है। लैंडस्लाइड्स न केवल भौगोलिक संरचना को बदलते हैं, बल्कि वे जीवन और संपत्ति के लिए भी बड़ा खतरा होते हैं। इस लेख में, हम लैंडस्लाइड्स के कारण, उनके उदाहरण, और इससे बचने के उपायों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
लैंडस्लाइड के विभिन्न प्रकार होते हैं, जैसे:
- स्लाइड्स (Slides): इसमें मिट्टी और चट्टानों का एक बड़ा हिस्सा एक साथ खिसकता है।
- फ्लो (Flows): इसमें जमीन की सामग्री कीचड़ के रूप में बहती है, जैसे कि मडफ्लो या डेब्री फ्लो।
- फॉल्स (Falls): इसमें चट्टानें और मलबा सीधे नीचे गिरते हैं।
- स्प्रेड्स (Spreads): यह तब होता है जब जमीन का एक हिस्सा अलग हो जाता है और फैल जाता है।
लैंडस्लाइड के कारण Why do landslides happen
भूगर्भीय संरचना (Geological Structure):
चट्टानों और मिट्टी की संरचना:
- कुछ चट्टानें और मिट्टी की परतें कमजोर होती हैं और आसानी से टूट जाती हैं। खासकर अगर वे पानी को अवशोषित कर लें, तो वे अपनी स्थिरता खो सकती हैं।
ढलान की संरचना:
- जब ढलान का कोण बहुत तेज होता है, तो गुरुत्वाकर्षण बल बढ़ जाता है, जिससे लैंडस्लाइड की संभावना बढ़ जाती है।
वर्षा और जलवायु (Rainfall and Climate):
भारी वर्षा:
- जब बहुत ज्यादा बारिश होती है, तो मिट्टी और चट्टानों में पानी का घनत्व बढ़ जाता है, जिससे वे अस्थिर हो जाते हैं और लैंडस्लाइड की संभावना बढ़ जाती है।
जलभराव:
- जब पानी मिट्टी में ठहर जाता है, तो वह मिट्टी की स्थिरता को कमजोर कर देता है, जिससे भू-स्खलन हो सकता है।
निर्माण कार्य:
- पहाड़ियों और ढलानों पर निर्माण कार्य करना, जैसे सड़कें, इमारतें और खदानें, अक्सर भू-स्खलन की संभावना बढ़ा देते हैं।
वनों की कटाई:
- पेड़ों की कटाई से मिट्टी की पकड़ कमजोर हो जाती है, जिससे लैंडस्लाइड्स की संभावना बढ़ जाती है।
भूकंप (Earthquakes):
भूकंप से उत्पन्न कंपन:
- भूकंप के दौरान उत्पन्न होने वाले कंपन चट्टानों और मिट्टी को अस्थिर कर सकते हैं, जिससे बड़े पैमाने पर भू-स्खलन हो सकते हैं।
लैंडस्लाइड के उदाहरण
2013 उत्तराखंड बाढ़ और भू-स्खलन:
- इस भयंकर आपदा में भारी बारिश और बादल फटने के कारण कई जगहों पर बड़े पैमाने पर भू-स्खलन हुए। केदारनाथ क्षेत्र में इसका असर सबसे ज्यादा हुआ था, जहां हजारों लोगों की जान गई और कई लोग बेघर हो गए।
2014 मालिन, महाराष्ट्र भू-स्खलन:
- इस घटना में एक पूरा गांव मिट्टी और मलबे में दब गया। भारी बारिश और कमजोर मिट्टी इस दुर्घटना के मुख्य कारण थे।
2018 केरल भू-स्खलन:
- इस वर्ष केरल में भारी बारिश और बाढ़ ने कई जगहों पर भू-स्खलन को जन्म दिया। कई स्थानों पर सड़कें और इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं।
- 2018: केरल में आई बाढ़ और भूस्खलन ने बड़े पैमाने पर विनाश किया। यह राज्य के विभिन्न हिस्सों में हुई भारी बारिश और भूस्खलन के कारण हुआ, जिसमें कई लोगों की जान गई और बड़े पैमाने पर संपत्ति का नुकसान हुआ।
- 2020: अगस्त 2020 में इडुक्की जिले के राजामला क्षेत्र में एक बड़े भूस्खलन ने चाय बागान के कामगारों के कई घरों को तबाह कर दिया, जिसमें दर्जनों लोग मारे गए।
- 2021: अक्टूबर में भारी बारिश के बाद कई हिस्सों में भूस्खलन की घटनाएं हुईं, जिसमें कई लोगों की मौत हुई और बड़ी संख्या में लोग बेघर हो गए।
लैंडस्लाइड से बचाव के उपाय
भू-स्खलन प्रभावित क्षेत्रों की पहचान:
- संभावित लैंडस्लाइड क्षेत्रों की पहचान करना और वहां के निवासियों को चेतावनी देना बेहद जरूरी है। इससे समय रहते लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा सकता है।
वनों का संरक्षण:
- पेड़ों की जड़ें मिट्टी को पकड़कर रखती हैं, इसलिए वनों की कटाई को रोकना और पेड़ लगाना महत्वपूर्ण है।
सुरक्षित निर्माण तकनीक:
- ढलान वाले क्षेत्रों में निर्माण करते समय सुरक्षित तकनीकों का उपयोग करना चाहिए। जैसे कि ड्रेनेज सिस्टम बनाना और मजबूत नींव रखना।
जल निकासी प्रबंधन:
- जल निकासी को सही ढंग से प्रबंधित करना चाहिए ताकि भारी बारिश के दौरान जलभराव न हो। यह भू-स्खलन की संभावना को कम करने में मदद करता है।
आपदा प्रबंधन और बचाव प्रशिक्षण:
- स्थानीय समुदायों को आपदा प्रबंधन और बचाव तकनीकों की जानकारी दी जानी चाहिए। इससे आपदा के समय में जानमाल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।
लैंडस्लाइड के समय क्या करें?
सुरक्षित स्थान पर जाएं:
- यदि आपके क्षेत्र में भू-स्खलन की संभावना हो, तो तुरंत सुरक्षित स्थान पर चले जाएं। पहाड़ी क्षेत्रों से दूर रहें और ऊंचाई वाले क्षेत्रों की ओर बढ़ें।
आपातकालीन किट तैयार रखें:
- हमेशा एक आपातकालीन किट तैयार रखें, जिसमें आवश्यक वस्त्र, भोजन, पानी, और प्राथमिक चिकित्सा किट हो। इसके अलावा, एक टॉर्च, रेडियो, और मोबाइल फोन को चार्ज करके रखें।
स्थानीय अधिकारियों की सलाह का पालन करें:
- स्थानीय प्रशासन और अधिकारियों की चेतावनी और सलाह का पालन करें। उन्हें सबसे अधिक जानकारी होती है कि किस क्षेत्र में खतरा है और किस क्षेत्र में सुरक्षा है।
मीडिया और अन्य संचार माध्यमों से अपडेट रहें:
- समाचार चैनल और रेडियो के माध्यम से जानकारी लेते रहें। यह आपको स्थिति के बारे में अद्यतित रखेगा और आवश्यक समय पर सही निर्णय लेने में मदद करेगा।
बाहर जाने से बचें:
- जब तक स्थिति पूरी तरह से सामान्य न हो जाए, तब तक बाहर जाने से बचें। अगर आप बाहर हैं, तो गाड़ी में न रहें, क्योंकि मलबे के नीचे दबने की संभावना होती है।
निष्कर्ष
- लैंडस्लाइड एक गंभीर प्राकृतिक आपदा है, जिसे नियंत्रित करना मुश्किल है, लेकिन उचित सावधानी और जागरूकता से इसे कम किया जा सकता है। प्राकृतिक और मानव निर्मित कारणों के परिणामस्वरूप होने वाले इस खतरे से बचने के लिए सही जानकारी और तैयारी होना आवश्यक है। उपर्युक्त उपायों और सावधानियों का पालन करके हम अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं। छात्रों को भी इस बारे में जागरूक करना और उन्हें आपदा प्रबंधन की जानकारी देना आवश्यक है, ताकि वे किसी भी आपात स्थिति में सही ढंग से प्रतिक्रिया कर सकें।
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