2024 Indira Gandhi Prize to Michelle Bachelet
परिचय
2024 Indira Gandhi Prize to Michelle Bachelet को सम्मानित किया गया। जानें उनके वैश्विक योगदान, मानवाधिकारों के लिए उनके प्रयास, और इस सम्मान की विशेषता।
- चिली की पूर्व राष्ट्रपति मिशेल बैचलेट को शांति, निरस्त्रीकरण और विकास के क्षेत्र में उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए 2024 इंदिरा गांधी पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा प्रदान किया जाता है, जो वैश्विक स्तर पर शांति, समानता और मानवाधिकारों को बढ़ावा देने वाले व्यक्तियों और संगठनों को मान्यता देता है।
- इस लेख में हम मिशेल बैचलेट के राजनीतिक करियर, उनके मानवाधिकारों के योगदान, भारत-चिली संबंधों में उनकी भूमिका, और इंदिरा गांधी पुरस्कार के महत्व को विस्तार से समझेंगे।
मिशेल बैचलेट: एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व
बैचलेट का राजनीतिक करियर
मिशेल बैचलेट ने चिली की राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
राष्ट्रपति कार्यकाल:
- 2006-2010 और 2014-2018 तक चिली की पहली महिला राष्ट्रपति।
- उनके कार्यकाल में शिक्षा और कराधान सुधारों को प्राथमिकता दी गई।
- चिली में महिलाओं के अधिकारों और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए विशेष योजनाएं लागू की गईं।
अंतर्राष्ट्रीय योगदान:
- 2010-2013: संयुक्त राष्ट्र महिला संगठन (यूएन वीमेन) की पहली निदेशक।
- 2018-2022: संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त, जहां उन्होंने महिलाओं, LGBTQ समुदाय, और अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए काम किया।
भारत-चिली संबंधों को मजबूत करना
- बैचलेट ने भारत और चिली के बीच मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- उनके प्रयासों से दोनों देशों के बीच व्यापार, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और विज्ञान व प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ा।
इंदिरा गांधी पुरस्कार: महत्व और इतिहास
पुरस्कार की स्थापना
- 1986 में इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा स्थापित।
- यह उन व्यक्तियों और संगठनों को दिया जाता है जो अंतर्राष्ट्रीय शांति, निरस्त्रीकरण, और विकास में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
पुरस्कार की विशेषताएं
विशेषता | विवरण |
---|---|
स्थापना वर्ष | 1986 |
उद्देश्य | वैश्विक शांति और विकास को बढ़ावा देना। |
पुरस्कार राशि | ₹25 लाख और प्रशस्ति पत्र। |
मुख्य क्षेत्र | शांति, मानवाधिकार, निरस्त्रीकरण। |
महिलाओं के अधिकारों के लिए योगदान
- बैचलेट ने संयुक्त राष्ट्र महिला संगठन (यूएन वीमेन) की पहली निदेशक के रूप में महिलाओं की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए वैश्विक पहल शुरू की।
- उनके कार्यकाल में महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसरों में सुधार हुआ।
LGBTQ अधिकारों का समर्थन
- उन्होंने LGBTQ समुदाय के अधिकारों की रक्षा के लिए वैश्विक स्तर पर वकालत की।
- चिली में समान-लैंगिक विवाह को मान्यता दिलाने में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रही।
- 2018 से 2022 तक संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त के रूप में, उन्होंने संघर्ष क्षेत्रों में मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ आवाज उठाई।
- उनके कार्यकाल में सीरिया, यमन और रोहिंग्या संकट जैसे संवेदनशील मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
इंदिरा गांधी पुरस्कार 2024: बैचलेट का चयन क्यों?
चयन प्रक्रिया:
- पुरस्कार के विजेताओं का चयन एक जूरी द्वारा किया जाता है, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल होते हैं।
- इस वर्ष, शिवशंकर मेनन की अध्यक्षता वाली जूरी ने बैचलेट को उनके मानवाधिकार और समानता में योगदान के लिए चुना।
प्रमुख कारण:
- मानवाधिकारों का संरक्षण:
- बैचलेट का योगदान महिलाओं, बच्चों और LGBTQ समुदाय के अधिकारों की रक्षा के लिए उल्लेखनीय है।
- शांति और निरस्त्रीकरण में भूमिका:
- उन्होंने चिली और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर शांति और निरस्त्रीकरण के लिए प्रयास किए।
- विकास कार्य:
- बैचलेट ने शिक्षा, स्वास्थ्य, और कर सुधारों के माध्यम से सामाजिक विकास को बढ़ावा दिया।
भारत-चिली संबंध और बैचलेट का योगदान
व्यापार और आर्थिक सहयोग
- 2006 में भारत और चिली के बीच मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर हस्ताक्षर हुए।
- इस समझौते के तहत चिली से भारत में तांबा और खनिज आयात में वृद्धि हुई, जबकि भारत से चिली को टेक्सटाइल और फार्मास्युटिकल उत्पादों का निर्यात बढ़ा।
सांस्कृतिक और शैक्षिक सहयोग
- बैचलेट ने चिली में भारतीय संस्कृति और योग को बढ़ावा देने के लिए कई पहल कीं।
- भारत और चिली के विश्वविद्यालयों के बीच शैक्षिक आदान-प्रदान कार्यक्रमों को प्रोत्साहित किया।
वैज्ञानिक अनुसंधान और प्रौद्योगिकी
- दोनों देशों ने खगोल विज्ञान और अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में सहयोग किया।
इंदिरा गांधी पुरस्कार के विजेताओं का क्षेत्रीय वितरण (1986-2024)
क्षेत्र | प्रतिशत |
---|---|
एशिया | 40% |
यूरोप | 30% |
अमेरिका | 20% |
अफ्रीका | 10% |
बैचलेट के प्रयास और वैश्विक प्रभाव
जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संरक्षण
- बैचलेट ने चिली के तटीय क्षेत्रों में पर्यावरण संरक्षण परियोजनाओं की शुरुआत की।
- उन्होंने जलवायु परिवर्तन पर वैश्विक वार्ताओं में भाग लिया और हरित ऊर्जा स्रोतों को अपनाने के लिए अभियान चलाया।
आर्थिक सुधार और समानता
- बैचलेट ने कर सुधारों के माध्यम से चिली में सामाजिक असमानता को कम किया।
- शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को सबके लिए सुलभ बनाया।
बैचलेट की उपलब्धियां:
क्षेत्र | योगदान और उपलब्धियां |
---|---|
शांति और निरस्त्रीकरण | चिली और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सक्रिय भूमिका। |
मानवाधिकार | महिलाओं, LGBTQ और अल्पसंख्यकों के अधिकार। |
शिक्षा सुधार | स्कूल और विश्वविद्यालयों के लिए नीतियां लागू। |
भारत-चिली संबंध | व्यापार और सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा। |
निष्कर्ष
- मिशेल बैचलेट को 2024 इंदिरा गांधी पुरस्कार से सम्मानित किया जाना न केवल उनके मानवाधिकार और समानता के प्रति समर्पण को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि वैश्विक शांति और विकास में उनके योगदान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कैसे मान्यता दी जा रही है।
- बैचलेट का जीवन और कार्य सभी के लिए प्रेरणा हैं। उनका चयन यह दिखाता है कि कैसे एक व्यक्ति की दृढ़ता और समर्पण वैश्विक समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकता है।