All mountain ranges of Rajasthan
राजस्थान, जिसे “राजाओं की भूमि” कहा जाता है, भारत का सबसे बड़ा राज्य है। इस राज्य का भौगोलिक परिदृश्य विविधता से भरा है, जिसमें रेगिस्तान, अरावली पर्वतमाला, और विभिन्न छोटी-बड़ी पर्वत श्रृंखलाएं शामिल हैं। इस शोध-पत्र में, हम राजस्थान की सभी प्रमुख पर्वत श्रृंखलाओं का विस्तार से अध्ययन करेंगे।
आज हम All mountain ranges of Rajasthan के बारे में जानने वाले है।
1. अरावली पर्वतमाला-
1.1 परिचय
- अरावली पर्वतमाला राजस्थान की सबसे प्राचीन और महत्वपूर्ण पर्वत श्रृंखला है। यह लगभग 700 किलोमीटर लंबी है और उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम दिशा में फैली हुई है। अरावली पर्वतों का निर्माण भूगर्भीय दृष्टि से प्राचीनतम पर्वतों में से एक है, जिसकी उत्पत्ति लगभग 3500 मिलियन वर्ष पूर्व हुई थी।
1.2 भूगोल
- अरावली पर्वतमाला राजस्थान के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित है और यह हरियाणा, राजस्थान, और गुजरात तक फैली हुई है। इसकी सबसे ऊँची चोटी गुरु शिखर है, जो माउंट आबू में स्थित है और 1722 मीटर ऊँची है।
1.3 ऐतिहासिक महत्व
- अरावली पर्वतमाला का ऐतिहासिक महत्व अत्यधिक है। यह पर्वत श्रृंखला राजस्थान के राजाओं और योद्धाओं के लिए प्राकृतिक दुर्ग का काम करती थी। इसके अलावा, यहाँ कई महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थलों जैसे कि कुम्भलगढ़ किला और रणकपुर मंदिर भी स्थित हैं।
1.4 वनस्पति और जीव-जंतु
- अरावली पर्वतमाला वनस्पतियों और जीव-जंतुओं की विविधता के लिए भी जानी जाती है। यहाँ पर कई दुर्लभ वनस्पतियाँ पाई जाती हैं, और यह तेंदुआ, चिंकारा, और कई प्रकार के पक्षियों का निवास स्थान भी है।
2. विंध्याचल पर्वतमाला
2.1 परिचय
- विंध्याचल पर्वतमाला राजस्थान के दक्षिणी भाग में स्थित है और यह मध्य प्रदेश के विंध्याचल पर्वतों का विस्तार है। यह श्रृंखला राजस्थान में छोटी-छोटी पहाड़ियों के रूप में फैली हुई है।
2.2 भूगोल
- विंध्याचल पर्वतमाला का विस्तार राजस्थान के दक्षिणी जिलों में है, और यह बांसवाड़ा और प्रतापगढ़ जिलों में प्रमुख रूप से पाई जाती है। इस पर्वत श्रृंखला की औसत ऊँचाई 300-600 मीटर के बीच होती है।
2.3 ऐतिहासिक महत्व
- विंध्याचल पर्वतमाला का ऐतिहासिक महत्व धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से अधिक है। यहाँ कई धार्मिक स्थल जैसे कि त्रिपुरा सुंदरी मंदिर स्थित हैं।
2.4 वनस्पति और जीव-जंतु
- विंध्याचल पर्वतमाला में घने वन क्षेत्र पाए जाते हैं, जो कई प्रकार के वन्यजीवों का घर हैं। यहाँ पर बांस, साल, और टीक जैसे पेड़ प्रमुखता से पाए जाते हैं।
3. थार मरुस्थल के किनारे स्थित पहाड़ियाँ
3.1 परिचय
- राजस्थान का थार मरुस्थल भी कई छोटी-बड़ी पहाड़ियों का घर है। ये पहाड़ियाँ अधिक ऊँचाई वाली नहीं होतीं, लेकिन ये मरुस्थलीय पर्यावरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
3.2 भूगोल
- थार मरुस्थल की पहाड़ियाँ राजस्थान के पश्चिमी भाग में स्थित हैं और जैसलमेर, बीकानेर, और बाड़मेर जिलों में पाई जाती हैं। इनकी ऊँचाई सामान्यतः 150-300 मीटर के बीच होती है।
3.3 ऐतिहासिक महत्व
- इन पहाड़ियों का ऐतिहासिक महत्व कम है, लेकिन ये स्थानीय जनजातियों और पर्यावरण के लिए महत्वपूर्ण हैं। ये पहाड़ियाँ पानी के संचयन और वन्यजीवन के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
3.4 वनस्पति और जीव-जंतु
- इन पहाड़ियों पर बहुत कम वनस्पति पाई जाती है, लेकिन ये मरुस्थलीय जीव-जंतुओं के लिए आवास का काम करती हैं। यहाँ पर गोजर, छिपकली, और विभिन्न प्रकार के पक्षी पाए जाते हैं।
4. दक्षिणी राजस्थान की अन्य पर्वत श्रृंखलाएं
4.1 परिचय
- दक्षिणी राजस्थान में अरावली और विंध्याचल के अलावा कुछ और छोटी पर्वत श्रृंखलाएं भी पाई जाती हैं। ये पर्वत श्रृंखलाएं अपने विशिष्ट भौगोलिक और पर्यावरणीय गुणों के लिए जानी जाती हैं।
4.2 भूगोल
- इन पर्वत श्रृंखलाओं का विस्तार मुख्य रूप से उदयपुर, डूंगरपुर, और सिरोही जिलों में है। इनकी ऊँचाई औसतन 300-800 मीटर होती है।
4.3 ऐतिहासिक महत्व
- इन पर्वत श्रृंखलाओं का स्थानीय इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान है। यहाँ पर कई पुराने किले, मंदिर, और वन्यजीवन संरक्षित क्षेत्र स्थित हैं।
4.4 वनस्पति और जीव-जंतु
- ये क्षेत्र घने वनों से आच्छादित हैं और यहाँ पर सागौन, महुआ, और साल के पेड़ पाए जाते हैं। इसके साथ ही, यहाँ पर तेंदुआ, भालू, और कई प्रकार के पक्षी भी निवास करते हैं।
राजस्थान के उच्चतम पर्वत शिखर-
गुरु शिखर सिरोही 1722 मी.
सेर सिरोही 1597 मी.
दिलवाडा सिरोही 1442 मी.
जरगा उदयपुर 1431 मी.
अचलगढ सिरोही 1380 मी.
आबू पर्वत सिरोही 1295 मी.
कुम्भलगढ़ राजसमंद 1224 मी.
रघुनाथगढ सीकर 1055 मी.
5. पर्वत श्रृंखलाओं का आर्थिक महत्व
- राजस्थान की पर्वत श्रृंखलाएं न केवल भौगोलिक दृष्टिकोण से, बल्कि आर्थिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण हैं। यहाँ पर खनिज संसाधनों की भरमार है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। इसके अलावा, ये क्षेत्र पर्यटन, कृषि, और जल संसाधनों के लिए भी महत्वपूर्ण हैं।
निष्कर्ष- All mountain ranges of Rajasthan
- राजस्थान की पर्वत श्रृंखलाएं राज्य के भौगोलिक, ऐतिहासिक, और सांस्कृतिक धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इनका संरक्षण और संवर्धन आवश्यक है, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी इनकी महत्ता को समझ सकें।
चलिए कुछ प्रश्न देखते है।
Q.1 राजस्थान में कौन से पर्वत श्रृंखला है?
ANS.
अरावली पर्वत श्रृंखला-
- यह राजस्थान की सबसे पुरानी और प्रमुख पर्वत श्रृंखला है, जिसकी उत्पत्ति प्राचीन काल में हुई थी।
- अरावली पर्वत श्रृंखला राजस्थान के पूर्वी भाग से शुरू होकर गुजरात तक फैली हुई है।
- यह श्रृंखला राजस्थान के विभिन्न जिलों जैसे उदयपुर, अजमेर, अलवर, और सिरोही से होकर गुजरती है।
- सबसे ऊँची चोटी गुरु शिखर है, जो माउंट आबू में स्थित है और इसकी ऊँचाई लगभग 1722 मीटर है।
- अरावली पर्वत श्रृंखला ने राजस्थान की जलवायु और भूगोल पर गहरा प्रभाव डाला है, जिससे राज्य के पश्चिमी हिस्से में रेगिस्तान का विकास हुआ।
विंध्याचल पर्वत श्रृंखला-
- यह पर्वत श्रृंखला राजस्थान के दक्षिण-पूर्वी भाग से होकर गुजरती है।
- यह श्रृंखला मिर्जापुर (उत्तर प्रदेश) से शुरू होकर राजस्थान तक फैली हुई है।
- विंध्याचल पर्वत श्रृंखला में चंबल नदी और उसकी सहायक नदियों का महत्वपूर्ण योगदान है।
धारवाड़ पर्वत श्रृंखला-
- यह एक भूवैज्ञानिक संरचना है, जो राजस्थान के दक्षिण-पश्चिमी भाग में स्थित है।
- यह पर्वत श्रृंखला प्राचीन काल में अस्तित्व में आई थी और इसमें लौह अयस्क और अन्य खनिज पदार्थ पाए जाते हैं।
Q.2 अरावली पर्वतमाला राजस्थान को कितने भागों में विभाजित करती है?
ANS. अरावली पर्वतमाला राजस्थान को दो प्रमुख भौगोलिक भागों में विभाजित करती है-
पूर्वी राजस्थान-
- अरावली पर्वतमाला के पूर्वी हिस्से में स्थित है।
- इस क्षेत्र में अधिकतर उपजाऊ भूमि, प्रमुख नदियाँ (जैसे बनास, चंबल), और हरा-भरा प्राकृतिक दृश्य पाया जाता है।
- यहाँ की जलवायु अधिक अनुकूल और खेती के लिए उपयुक्त है।
पश्चिमी राजस्थान-
- अरावली पर्वतमाला के पश्चिमी हिस्से में स्थित है, जिसे “थार मरुस्थल” भी कहा जाता है।
- इस क्षेत्र में रेगिस्तानी भूमि, कम वर्षा, और सूखा जलवायु पाई जाती है।
- यहाँ की कृषि पर पानी की कमी का गहरा असर पड़ता है और जीवनशैली कठिन होती है।
अरावली पर्वतमाला इन दो हिस्सों के बीच एक प्राकृतिक विभाजन रेखा का काम करती है, जो राजस्थान की जलवायु, कृषि, और जनसंख्या के वितरण पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालती है।
Q.3 राजस्थान के पहाड़ों की सबसे ऊंची चोटी कौन सी है?
ANS. राजस्थान के पहाड़ों की सबसे ऊँची चोटी गुरु शिखर है। यह अरावली पर्वतमाला में स्थित है और माउंट आबू के पास है। गुरु शिखर की ऊँचाई लगभग 1722 मीटर (5650 फीट) है।
गुरु शिखर चोटी माउंट आबू क्षेत्र का प्रमुख आकर्षण है और धार्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। यहाँ पर गुरु दत्तात्रेय का एक प्रसिद्ध मंदिर स्थित है, जो पर्यटकों और भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है।
Q.4 राजस्थान का सबसे ऊँचा पठार कौन सा है?
ANS. राजस्थान का सबसे ऊँचा पठार आबू पठार (माउंट आबू) है। यह अरावली पर्वतमाला के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में स्थित है और राजस्थान का एकमात्र हिल स्टेशन भी है।
- ऊँचाई: आबू पठार की औसत ऊँचाई समुद्र तल से लगभग 1220 मीटर (4000 फीट) है।
- भौगोलिक विशेषताएँ: यह पठार हरे-भरे जंगलों, झीलों, और पहाड़ियों से घिरा हुआ है। यहाँ का मौसम ठंडा और सुहावना रहता है, जो इसे राजस्थान के अन्य भागों से अलग बनाता है।
- महत्वपूर्ण स्थल: आबू पठार पर गुरु शिखर, नक्की झील, और दिलवाड़ा जैन मंदिर जैसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थल स्थित हैं।
Q.5 राजस्थान का दूसरा सबसे ऊंचा पर्वत कौन सा है?
ANS. राजस्थान का दूसरा सबसे ऊँचा पर्वत सर है, जिसे सेर (Ser) के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्वत सिरोही जिले में स्थित है और इसकी ऊँचाई लगभग 1597 मीटर (5240 फीट) है।
मुख्य विशेषताएँ-
- स्थान: सेर पर्वत अरावली पर्वतमाला का हिस्सा है और माउंट आबू के पास स्थित है।
- प्राकृतिक सौंदर्य: यह क्षेत्र हरे-भरे जंगलों और विविध वनस्पतियों से घिरा हुआ है, जो इसे पर्यावरणीय दृष्टि से महत्वपूर्ण बनाता है।
- पर्यटन: सेर पर्वत पर्यटकों के बीच कम प्रसिद्ध है, लेकिन इसकी ऊँचाई और प्राकृतिक सुंदरता इसे एक आकर्षक स्थल बनाती है।
Q.6 अजमेर की सबसे ऊंची चोटी कौन सी है?
ANS. अजमेर की सबसे ऊँची चोटी नाग पहाड़ (Naga Pahad) है।
मुख्य विशेषताएँ-
- स्थान: नाग पहाड़ अजमेर शहर के पास स्थित है और यह अरावली पर्वतमाला का हिस्सा है।
- ऊँचाई: इस पहाड़ की ऊँचाई लगभग 870 मीटर (2854 फीट) है।
- धार्मिक महत्व: नाग पहाड़ का धार्मिक महत्व भी है, विशेष रूप से इसके पास स्थित पुष्कर झील और ब्रह्मा मंदिर के कारण।
- भूगोलिक महत्व: यह पहाड़ी अजमेर और पुष्कर को विभाजित करती है, और इसका ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व भी है।
नाग पहाड़ अजमेर जिले की भौगोलिक पहचान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और यह क्षेत्र के प्राकृतिक और धार्मिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
Q.7 जयपुर में कौन सी पर्वत श्रृंखलाएं हैं?
ANS. जयपुर में प्रमुख रूप से अरावली पर्वत श्रृंखला स्थित है।
मुख्य विशेषताएँ-
- अरावली पर्वत श्रृंखला: यह श्रृंखला जयपुर शहर के उत्तर-पूर्वी और दक्षिणी हिस्सों से गुजरती है।
- नाहरगढ़ और जयगढ़ की पहाड़ियाँ: अरावली पर्वतमाला का हिस्सा होने के कारण, जयपुर में नाहरगढ़ और जयगढ़ की पहाड़ियाँ भी स्थित हैं। इन पहाड़ियों पर प्रसिद्ध नाहरगढ़ किला और जयगढ़ किला बने हुए हैं, जो पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं।
Q.8 भोमट का पठार कहाँ है?
ANS. भोमट का पठार राजस्थान के दक्षिणी भाग में स्थित है और यह उदयपुर जिले में आता है।
मुख्य विशेषताएँ-
- स्थान: यह पठार उदयपुर जिले के गोगुंदा और कोटड़ा तहसीलों के आसपास फैला हुआ है। यह अरावली पर्वतमाला का हिस्सा है।
- ऊँचाई: भोमट का पठार समुद्र तल से लगभग 600 से 900 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है।
- भूगोलिक महत्व: पठार की भूमि खुरदरी और उबड़-खाबड़ है, जिसमें कई छोटी-बड़ी पहाड़ियाँ और घाटियाँ शामिल हैं। इस क्षेत्र की मिट्टी कम उपजाऊ होती है, और यहाँ की जलवायु शुष्क होती है।
- जनजातीय क्षेत्र: भोमट का पठार राजस्थान के जनजातीय क्षेत्रों में से एक है, जहाँ भील और मीणा जैसी जनजातियाँ निवास करती हैं। यहाँ की जनसंख्या कृषि, पशुपालन, और जंगल पर निर्भर है।
- वनस्पति और वन्यजीवन: पठार पर घने जंगल और वन्यजीवन पाया जाता है, जो इसे पर्यावरणीय दृष्टि से महत्वपूर्ण बनाता है।
Q.9 सबसे नई पर्वत श्रृंखला कौन सी है?
ANS. दुनिया की सबसे नई और ऊँची पर्वत श्रृंखला हिमालय पर्वत श्रृंखला है।
मुख्य विशेषताएँ-
- उत्पत्ति: हिमालय पर्वत श्रृंखला लगभग 50 मिलियन (5 करोड़) साल पहले उत्पन्न हुई थी। यह भारतीय प्लेट के यूरेशियन प्लेट से टकराने के कारण बनी, जिससे यह पर्वतमाला आज भी बढ़ती जा रही है।
- स्थान: हिमालय श्रृंखला एशिया के पाँच देशों से होकर गुजरती है – भारत, नेपाल, भूटान, चीन, और पाकिस्तान।
- ऊँचाई: हिमालय में दुनिया की सबसे ऊँची चोटी, माउंट एवरेस्ट, स्थित है, जिसकी ऊँचाई 8,848.86 मीटर (29,031.7 फीट) है।
- महत्व: हिमालय भारत की प्रमुख नदियों का स्रोत है, जैसे गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र, और सिंधु। यह पर्वतमाला भारत के जलवायु, मौसम, और कृषि पर भी गहरा प्रभाव डालती है।
- प्राकृतिक और सांस्कृतिक महत्व: हिमालय का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी बहुत है। इसे देवताओं का निवास स्थान माना जाता है और यहाँ कई तीर्थ स्थल स्थित हैं।
Q.10 ऋषिकेश चोटी राजस्थान के किस जिले में है?
ANS. ऋषिकेश चोटी राजस्थान के सिरोही जिले में स्थित है।
मुख्य विशेषताएँ-
- स्थान: ऋषिकेश चोटी सिरोही जिले में अरावली पर्वतमाला के अंतर्गत आती है और यह माउंट आबू के पास स्थित है।
- ऊँचाई: इस चोटी की ऊँचाई लगभग 1,722 मीटर (5,650 फीट) है, जो राजस्थान की सबसे ऊँची चोटी, गुरु शिखर, के पास स्थित है।
- पर्यावरणीय महत्व: ऋषिकेश चोटी हरे-भरे जंगलों और वन्यजीवों से घिरी हुई है, जो इसे एक महत्वपूर्ण पर्यावरणीय क्षेत्र बनाती है। इस क्षेत्र में प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण मिलता है।
- धार्मिक और पर्यटन स्थल: ऋषिकेश चोटी माउंट आबू के पास होने के कारण धार्मिक और पर्यटन स्थल के रूप में भी महत्व रखती है। यहाँ से आसपास के क्षेत्रों का सुंदर दृश्य दिखाई देता है।
Q.11 राजस्थान की प्रमुख चोटियां PDF download
ANS. राजस्थान की प्रमुख चोटियां (1)
Q.12 कमलनाथ चोटी किस जिले में है?
ANS. कमलनाथ चोटी राजस्थान के सिरोही जिले में स्थित है।