Sanjay Malhotra 26th Governor of RBI संजय मल्होत्रा आरबीआई के 26वें गवर्नर

Sanjay Malhotra 26th Governor of RBI

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1 Sanjay Malhotra 26th Governor of RBI

Sanjay Malhotra 26th Governor of RBI, अपने वित्तीय और प्रशासनिक अनुभव से नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कर नीति, वित्तीय सेवा, और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में अपनी विशेषज्ञता दिखाई है।

Sanjay Malhotra 26th Governor of RBI संजय मल्होत्रा आरबीआई के 26वें गवर्नर

  • संजय मल्होत्रा का नाम भारतीय अर्थव्यवस्था और प्रशासनिक सेवा में एक प्रतिष्ठित स्थान रखता है। 11 दिसंबर, 2024 से उनकी नियुक्ति भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के 26वें गवर्नर के रूप में प्रभावी होगी, और वे शक्तिकांत दास की जगह लेंगे। राजस्थान कैडर के 1990 बैच के आईएएस अधिकारी मल्होत्रा ने वित्तीय और प्रशासनिक क्षेत्रों में अपने तीन दशकों से अधिक के अनुभव से एक विशिष्ट पहचान बनाई है।
  • उनकी उपलब्धियों और अनुभव का विश्लेषण करने से पहले, भारतीय रिजर्व बैंक के इतिहास, वर्तमान स्थिति और भविष्य की योजनाओं पर प्रकाश डालना जरूरी है।

संजय मल्होत्रा का करियर और अनुभव

1. प्रारंभिक शिक्षा और योग्यता:

  • शैक्षिक पृष्ठभूमि:
  • IIT कानपुर से स्नातक।
  • प्रिंसटन विश्वविद्यालय, अमेरिका से सार्वजनिक नीति में मास्टर डिग्री।
  • विशेषताएँ: तकनीकी और सार्वजनिक नीति का गहन ज्ञान।

2. प्रशासनिक यात्रा:

राजस्व सचिव:

  • भारत सरकार में राजस्व सचिव के रूप में कार्य किया।
  • प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर नीति निर्माण में योगदान दिया।

विशेष कार्य अधिकारी (OSD):

  • अक्टूबर 2022 में राजस्व विभाग में नियुक्ति।

वित्तीय सेवा सचिव:

  • बैंकिंग सुधार और वित्तीय समावेशन की नीतियों को लागू करने में योगदान दिया।

3. विभिन्न विभागों में अनुभव:

ऊर्जा:

  • बिजली उत्पादन और वितरण में सुधार।

सूचना प्रौद्योगिकी:

  • डिजिटलीकरण और तकनीकी नवाचार।

खनन:

  • खनिज संपदाओं के प्रबंधन और नीतियों में सुधार।

वित्त:

  • केंद्रीय और राज्य सरकारों में वित्तीय प्रबंधन।

RBI गवर्नर के रूप में अपेक्षाएँ

1. कार्यकाल:

  • उनका तीन साल का कार्यकाल भारतीय वित्तीय स्थिरता और नीति निर्माण में योगदान देने का एक महत्वपूर्ण समय होगा।

2. मुख्य चुनौतियाँ:

  • मुद्रास्फीति को नियंत्रित करना।
  • डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करना।
  • भारतीय अर्थव्यवस्था में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना।
  • वैश्विक आर्थिक परिवर्तनों का प्रभाव प्रबंधित करना।

संजय मल्होत्रा का प्रभाव

1. आर्थिक नीतियों पर प्रभाव:

  • कर सुधार और बैंकिंग नीतियों में उनकी विशेषज्ञता RBI की नई नीतियों में प्रतिबिंबित होगी।

2. डिजिटल वित्तीय प्रणाली:

  • डिजिटल बैंकिंग और वित्तीय नवाचार के क्षेत्र में सुधार की संभावना।

संजय मल्होत्रा के करियर की मुख्य बातें

पद विवरण
राजस्व सचिव कर नीति और प्रशासन का नेतृत्व।
वित्तीय सेवा सचिव बैंकिंग सुधार और वित्तीय समावेशन।
OSD, राजस्व विभाग राजस्व नीति निर्माण में योगदान।
राज्य सरकार में भूमिका बिजली, आईटी और वित्तीय प्रबंधन।

संजय मल्होत्रा की विशेषज्ञता का वितरण

  1. वित्त और कराधान: 40%
  2. बिजली और ऊर्जा: 25%
  3. सूचना प्रौद्योगिकी: 20%
  4. खनन और अन्य: 15%

भारतीय रिजर्व बैंक का इतिहास

स्थापना (1935):

  • भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना 1 अप्रैल, 1935 को भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 के तहत हुई।
  • मुख्यालय: प्रारंभ में कोलकाता में, जिसे 1937 में मुंबई स्थानांतरित कर दिया गया।
  • RBI की स्थापना का उद्देश्य:
    1. मुद्रा और ऋण व्यवस्था का नियमन।
    2. देश के आर्थिक विकास को सुगम बनाना।

राष्ट्रीयकरण (1949):

  • 1 जनवरी, 1949 को RBI का राष्ट्रीयकरण हुआ।
  • इसे भारत सरकार के पूर्ण स्वामित्व में लाया गया, जिससे इसे सरकारी नीतियों को लागू करने में मदद मिली।

प्रारंभिक कार्य:

  • मुद्रा जारी करना।
  • वित्तीय संस्थानों का पर्यवेक्षण।
  • विदेशी मुद्रा विनिमय का प्रबंधन।

भारतीय रिजर्व बैंक की वर्तमान स्थिति

मुख्य भूमिकाएँ और कार्य:

मुद्रा प्रबंधन:

  • नोटों की छपाई और वितरण।
  • मुद्रास्फीति को नियंत्रित करना।

वित्तीय स्थिरता:

  • बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों की निगरानी।

मौद्रिक नीति:

  • रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट जैसे साधनों के जरिए वित्तीय स्थिरता बनाए रखना।

डिजिटल बैंकिंग:

  • डिजिटल भुगतान और UPI जैसी तकनीकों को बढ़ावा देना।

विदेशी मुद्रा प्रबंधन:

  • भारतीय मुद्रा का विनिमय दर प्रबंधन।

वर्तमान चुनौतियाँ:

  • बढ़ती मुद्रास्फीति।
  • वैश्विक आर्थिक मंदी का प्रभाव।
  • क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल करेंसी का नियमन।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन।

भारतीय रिजर्व बैंक का भविष्य: नई योजनाएँ और संभावनाएँ

1. डिजिटल करेंसी (CBDC):

  • RBI ने डिजिटल रुपया (e₹) को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लॉन्च किया है।
  • यह पहल क्रिप्टोकरेंसी के मुकाबले भारत की अपनी डिजिटल मुद्रा को विकसित करने का प्रयास है।

2. हरित बैंकिंग (Green Banking):

  • पर्यावरणीय स्थिरता के लिए हरित वित्त को बढ़ावा देना।
  • नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए वित्तीय समर्थन।

3. कृत्रिम बुद्धिमत्ता और ब्लॉकचेन का उपयोग:

  • बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं में नई तकनीकों का उपयोग।
  • फ्रॉड डिटेक्शन और डेटा एनालिटिक्स में सुधार।

4. ग्रामीण बैंकिंग:

  • दूरस्थ और ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय सेवाएँ उपलब्ध कराना।
  • किसानों और छोटे व्यवसायों के लिए विशेष ऋण योजनाएँ।

5. वैश्विक सहयोग:

  • वैश्विक वित्तीय संगठनों के साथ साझेदारी।
  • भारतीय मुद्रा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना।

RBI के गवर्नर और उनके कार्यकाल की मुख्य बातें

गवर्नर का नाम कार्यकाल प्रमुख उपलब्धियाँ
शक्तिकांत दास 2018 – 2024 डिजिटल भुगतान और मौद्रिक स्थिरता।
रघुराम राजन 2013 – 2016 बैंकिंग सुधार और मौद्रिक नीति।
उर्जित पटेल 2016 – 2018 विमुद्रीकरण के दौरान नेतृत्व।
संजय मल्होत्रा 2024 – (निर्धारित) डिजिटल करेंसी और वित्तीय समावेशन की पहल।

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