असम ने भूमि अधिकारों के लिए मिशन बसुंधरा 3 की शुरुआत की Assam launches Mission Basundhara 3 for land rights

Assam launches Mission Basundhara 3 for land rights

परिचय

असम ने भूमि अधिकारों के लिए मिशन बसुंधरा 3.0 की शुरुआत की Assam launches Mission Basundhara 3.0 for land rights

असम राज्य ने अपनी स्वदेशी जनजातियों और स्थानीय निवासियों को भूमि अधिकार प्रदान करने के लिए एक महत्त्वपूर्ण कदम उठाया है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुवाहाटी में मिशन बसुंधरा 3 की शुरुआत की, जो राज्य की भूमि सुधार की दिशा में एक नई पहल है। इस मिशन का उद्देश्य असम के लोगों को उनके भूमि अधिकार प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाना है। भूमि से जुड़े मुद्दों का समाधान करते हुए यह मिशन समाज के विकास और समृद्धि की दिशा में एक बड़ा कदम है।

Assam launches Mission Basundhara 3 for land rights “असम सरकार ने भूमि अधिकारों को सशक्त बनाने के लिए मिशन बसुंधरा 3 की शुरुआत की है। यह पहल स्वदेशी समुदायों को भूमि स्वामित्व प्रदान करने और भूमि से जुड़ी सेवाओं में पारदर्शिता लाने का एक बड़ा प्रयास है। जानें कैसे मिशन बसुंधरा 3 असम के भूमि सुधारों में नए आयाम जोड़ेगा।”


मिशन बसुंधरा की पृष्ठभूमि

  • मिशन बसुंधरा की शुरुआत पहली बार 2 अक्टूबर 2021 को हुई थी। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य असम की स्थानीय और स्वदेशी आबादी को भूमि के अधिकार देकर उन्हें सशक्त बनाना है। भूमि विवादों का समाधान करने और जनता को भूमि संबंधी सेवाओं तक पहुँच बढ़ाने के लिए मिशन का डिजिटलीकरण भी किया गया। यह मिशन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “आजादी के 75 साल के उत्सव” के तहत शुरू किया गया था।

मिशन बसुंधरा 1.0 की उपलब्धियाँ

  • मिशन बसुंधरा 1.0 के तहत असम सरकार ने नौ महीनों के भीतर लगभग 8 लाख से अधिक आवेदनों का निपटारा किया, जो इस पहल की बड़ी सफलता थी। इस बड़ी उपलब्धि के बाद, सरकार ने 2022 में मिशन बसुंधरा 2.0 को लॉन्च किया। इसका लक्ष्य उन लोगों को भूमि अधिकार प्रदान करना था, जिन्हें पहले भूमि से संबंधित सेवाएँ प्राप्त नहीं हुई थीं। इस चरण के तहत भी लाखों लोगों को लाभ हुआ।

मिशन बसुंधरा 3.0 की विशेषताएँ और उद्देश्य

  • मिशन बसुंधरा 3.0 का उद्देश्य असम की सभी भूमि संबंधी सेवाओं को ऑनलाइन और पारदर्शी बनाना है। यह मिशन विशेष रूप से अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), चाय जनजाति, गोरखा और अन्य समुदायों के लिए भूमि अधिकारों का निपटारा करेगा।
  • मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि मिशन बसुंधरा 3.0 असम में भूमि प्रशासन को पूरी तरह से डिजिटलीकरण की दिशा में ले जाएगा और यह भूमि सेवाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा।
  • पात्रता मानदंड
    मिशन बसुंधरा 3.0 के तहत आवेदकों को तीन पीढ़ियों की वंशावली साबित करनी होगी। हालांकि, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, चाय जनजाति और गोरखा समुदाय के लिए यह नियम माफ किया गया है। इससे इन समुदायों को भूमि अधिकार आसानी से प्राप्त होंगे।

मिशन बसुंधरा 3.0 की सेवाएँ

इस नए चरण में निम्नलिखित सेवाएँ प्रदान की जाएँगी:

  • मिशन बसुंधरा 2.0 से लंबित मामलों की समीक्षा और निपटारा।
  • वार्षिक पट्टों को आवधिक पट्टों में बदलने की प्रक्रिया।
  • चाय अनुदान भूमि का आवधिक पट्टों में रूपांतरण।
  • भूदान/ग्रामभूमि विवादों का समाधान।
  • भूमि अधिकारों को समझने में मदद के लिए मानचित्रों का प्रकाशन।
  • भूमि रिकॉर्ड का पूर्ण डिजिटलीकरण।

इस डिजिटलीकरण से नागरिकों को अपने भूमि रिकॉर्ड तक तुरंत पहुँचने की सुविधा मिलेगी और सेवाओं में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ेगी।


आगामी भूमि सुधार और सुविधाएँ

  • मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि सरकार आने वाले समय में सभी भूमि धारकों को भूमि पासबुक भी प्रदान करेगी, जो उनके भूमि अधिकारों का प्रमाण होगा। इसके अलावा, असम सरकार ने शहरी निवासियों के लिए प्रीमियम दर को क्षेत्रीय मूल्यांकन के 3% तक घटा दिया है। यह बदलाव शहरी क्षेत्र के निवासियों के लिए भूमि स्वामित्व प्राप्त करना और अधिक सुलभ बनाएगा।

डिजिटल उन्नयन

  • मिशन बसुंधरा 3.0 के तहत डिजीडॉक नामक डिजिटल निर्देशिका भी लॉन्च की गई है, जो गैर-पंजीकरणीय और वैकल्पिक पंजीकरणीय दस्तावेज़ों को सुरक्षित रखने में मदद करेगी। इससे दस्तावेज़ों का प्रसंस्करण समय कम होगा और लोगों को सेवाएँ तेजी से प्राप्त होंगी।
    मुख्यमंत्री ने राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों के लिए प्रोजेक्ट क्लोज्ड यूजर ग्रुप (CUG) भी शुरू किया है। इससे आपात स्थितियों में संचार और समन्वय में सुधार होगा।

मिशन बसुंधरा 3.0: आगामी महत्व

  • मिशन बसुंधरा 3.0 का मुख्य उद्देश्य असम की जनता को उनके भूमि अधिकारों को सशक्त रूप से प्रदान करना है। डिजिटलीकरण और पारदर्शिता के इस कदम से असम राज्य में भूमि विवादों का समाधान होगा और जनता को भूमि संबंधी सेवाएँ सुलभ होंगी।
    मिशन बसुंधरा के यह चरण असम की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएँगे और यह पहल राज्य के विकास में एक मील का पत्थर साबित होगी।

 मिशन बसुंधरा 3.0 के तहत दी जाने वाली सेवाएँ

सेवा का नाम विवरण
लंबित मामलों की समीक्षा मिशन 2.0 से लंबित मामलों की समीक्षा और निपटारा।
भूमि रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण भूमि अभिलेखों का पूर्ण रूप से डिजिटल रूपांतरण।
चाय भूमि का रूपांतरण चाय अनुदान भूमि का आवधिक पट्टों में रूपांतरण।
भूदान/ग्रामभूमि विवाद का समाधान भूदान और ग्रामभूमि संबंधी मुद्दों का निपटारा।
भूमि मानचित्रों का प्रकाशन जनता की सुविधा के लिए भूमि मानचित्रों का प्रकाशन।

 मिशन बसुंधरा 3.0 के लाभार्थी समुदाय

  • अनुसूचित जाति (SC): 25%
  • अनुसूचित जनजाति (ST): 20%
  • चाय जनजाति: 15%
  • गोरखा: 10%
  • अन्य: 30%

निष्कर्ष

  • मिशन बसुंधरा 3.0 असम में भूमि अधिकारों को सही तरीके से और पारदर्शी रूप से प्रदान करने का एक महत्त्वपूर्ण प्रयास है। इस मिशन के तहत स्वदेशी समुदायों और अन्य वंचित वर्गों को भूमि स्वामित्व का अधिकार मिलेगा, जिससे उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार होगा।
    यह पहल असम सरकार के भूमि सुधार के लिए दीर्घकालिक दृष्टिकोण का हिस्सा है, जिसमें डिजिटलीकरण, पारदर्शिता और नागरिकों की सुविधा को प्राथमिकता दी जा रही है।
    मिशन बसुंधरा 3.0 से असम राज्य में विकास और समृद्धि को बढ़ावा मिलेगा और यह पहल राज्य की जनता के लिए लाभकारी सिद्ध होगी।

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