किचेन कैबिनेट Kitchen Cabinet

किचेन कैबिनेट Kitchen Cabinet

किचेन कैबिनेट एक महत्वपूर्ण और अनौपचारिक निकाय है, जो प्रधानमंत्री के करीबी और विश्वासी सहयोगियों का समूह होता है। यह निकाय न केवल प्रशासनिक निर्णय लेने में मदद करता है बल्कि प्रधानमंत्री को विभिन्न राजनीतिक और प्रशासनिक मुद्दों पर सलाह भी देता है।

किचेन कैबिनेट Kitchen Cabinet

आज हम भारत के प्रधानमंत्री के किचेन कैबिनेट Kitchen Cabinet के बारे में चर्चा करेंगे।

किचेन कैबिनेट का महत्व-

किचेन कैबिनेट का गठन प्रधानमंत्री द्वारा चुने गए 15-20 महत्वपूर्ण मंत्रियों और अन्य विश्वासपात्रों को मिलाकर किया जाता है। इसमें वे लोग शामिल होते हैं जिन पर प्रधानमंत्री सबसे ज्यादा विश्वास करते हैं और जिनके साथ वे अपनी समस्याओं और योजनाओं पर चर्चा करते हैं। इसका प्रमुख उद्देश्य प्रधानमंत्री को त्वरित और गोपनीय निर्णय लेने में मदद करना होता है।

इतिहास और प्रमुख उदाहरण-

भारत में किचेन कैबिनेट Kitchen Cabinet की परंपरा बहुत पुरानी है। प्रत्येक प्रधानमंत्री ने अपने कार्यकाल में एक आंतरिक कैबिनेट का गठन किया है, जो उनके निर्णयों और नीतियों को प्रभावित करती रही है।

जवाहरलाल नेहरू-

नेहरू की आंतरिक कैबिनेट में सरदार पटेल, मौलाना आजाद, गोपाल स्वामी आयंगर और किदवई शामिल थे। ये सभी नेहरू के करीबी थे और महत्वपूर्ण निर्णयों में उनकी सहायता करते थे।

लाल बहादुर शास्त्री-

शास्त्री जी की आंतरिक कैबिनेट Kitchen Cabinetमें वायवी चौहान, स्वर्ण सिंह और जी एल नंदा शामिल थे। इन लोगों पर शास्त्री जी का गहरा विश्वास था और वे महत्वपूर्ण मुद्दों पर उनसे सलाह लेते थे।

इंदिरा गांधी-

इंदिरा गांधी की किचेन कैबिनेटKitchen Cabinet सबसे ज्यादा चर्चित और प्रभावशाली रही। इसमें वाई वी चौहान, उमा शंकर दीक्षित, फखरुद्दीन अली अहमद, और डॉक्टर करण सिंह जैसे लोग शामिल थे। इंदिरा गांधी के कार्यकाल में इस किचेन कैबिनेट ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए और सरकार की नीतियों को दिशा दी।

अटल बिहारी वाजपेयी-

वाजपेयी जी की आंतरिक कैबिनेट में एलके आडवाणी, जॉर्ज फर्नांडीज, मुरली मनोहर जोशी, और प्रमोद महाजन जैसे नेता शामिल थे। इन नेताओं के साथ वाजपेयी जी ने कई महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णय लिए।

किचेन कैबिनेट की विशेषताएँ-

किचेन कैबिनेट के गठन के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण होते हैं-

छोटा और प्रभावशाली समूह-यह एक छोटा निकाय होता है जो कैबिनेट के विशाल आकार की तुलना में निर्णय लेने में अधिक प्रभावशाली होता है।

नियमित बैठकें-किचेन कैबिनेट की बैठकें नियमित रूप से होती रहती हैं, जिससे यह बड़े कैबिनेट की तुलना में अधिक तत्परता से कार्य कर पाती है।

गोपनीयता-यह प्रधानमंत्री को महत्वपूर्ण राजनीतिक और प्रशासनिक मुद्दों पर गोपनीयता बनाए रखने में सहायता करती है।
किचेन कैबिनेट के दोष

किचेन कैबिनेट के कई फायदे होने के बावजूद इसमें कुछ दोष भी होते हैं-

कैबिनेट के महत्व को कम करना- यह एक उच्चतम निर्णय लेने वाले अंग के रूप में कैबिनेट के महत्व और अधिकारों को कम करती है।
बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश- बाहरी व्यक्तियों का इसमें प्रवेश और सरकार के कार्यों में उनकी प्रभावशाली भूमिका कानूनी प्रक्रिया को उलझा देता है।

अंतर्राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य-

किचेन कैबिनेट का सिद्धांत केवल भारत में ही नहीं बल्कि अमेरिका और इंग्लैंड जैसे देशों में भी प्रचलित है। इन देशों में भी सरकार के निर्णयों को प्रभावित करने में यह निकाय काफी शक्तिशाली होता है।

निष्कर्ष-

किचेन कैबिनेट एक महत्वपूर्ण और प्रभावशाली निकाय है जो प्रधानमंत्री को त्वरित, गोपनीय और प्रभावशाली निर्णय लेने में सहायता करती है। हालांकि इसके कुछ दोष भी हैं, लेकिन इसके फायदे अधिक हैं। यह निकाय न केवल भारत में बल्कि अन्य लोकतांत्रिक देशों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

कुल मिलाकर, किचेन कैबिनेटKitchen Cabinet  एक ऐसा निकाय है जो प्रधानमंत्री के कार्यों और निर्णयों को प्रभावशाली और सुचारू बनाता है, जिससे सरकार की कार्यक्षमता में वृद्धि होती है। दुनिया भर के अनेक देशो में किचेन कैबिनेट का प्रचलन ऐतिहासिक कालखंड से देखनेको मिलता है। कई देशो में आज भी सत्ता की मुख्य डोर किचेन कैबिनेट के पास ही रहती है।

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