डब्ल्यूएचओ ने वयस्कों के लिए एमपॉक्स के पहले वैक्सीन को स्वीकृति दी WHO approves first ever ampox vaccine for adults

WHO approves first ever ampox vaccine for adults

डब्ल्यूएचओ ने वयस्कों के लिए एमपॉक्स वैक्सीन को दी स्वीकृति | मंकीपॉक्स वैक्सीन पर पूरी जानकारी

डब्ल्यूएचओ ने वयस्कों के लिए एमपॉक्स के पहले वैक्सीन को स्वीकृति दी WHO approves first ever ampox vaccine for adults
जानिए WHO approves first ever ampox vaccine for adults, इसके फायदे, दिशा-निर्देश, और अफ्रीका में इस बीमारी के खिलाफ की जा रही कोशिशों के बारे में।


परिचय:

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हाल ही में वयस्कों में एमपॉक्स (जिसे पहले मंकीपॉक्स के नाम से जाना जाता था) के खिलाफ इस्तेमाल होने वाले पहले वैक्सीन को मंजूरी दी है। यह मंजूरी वैश्विक स्वास्थ्य क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है, खासकर उन देशों के लिए जहां एमपॉक्स का प्रभाव बहुत अधिक रहा है, विशेषकर अफ्रीका में। इस लेख में हम WHO की मंजूरी के महत्व, टीकाकरण दिशा-निर्देश, एमपॉक्स की गंभीरता, और इससे जुड़े अन्य पहलुओं पर चर्चा करेंगे।

WHO की मंजूरी का महत्व

डब्ल्यूएचओ द्वारा एमपॉक्स वैक्सीन की स्वीकृति के बाद, GAVI और UNICEF जैसे बड़े संगठन बवेरियन नॉर्डिक A/S कंपनी से इस वैक्सीन की खरीद कर सकते हैं। यह कंपनी वर्तमान में एमपॉक्स वैक्सीन बनाने वाली एकमात्र निर्माता है, जिससे टीके की आपूर्ति सीमित हो जाती है। हालांकि, वैक्सीन की सीमित उपलब्धता चिंता का विषय है, क्योंकि कई जगहों पर टीके की भारी मांग है।

टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस, जो डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक हैं, ने इस पर जोर दिया है कि वैश्विक स्तर पर वैक्सीन की आपूर्ति को बढ़ाना महत्वपूर्ण है। उन्होंने इसे एक बड़ा स्वास्थ्य संकट बताते हुए कहा कि जल्द से जल्द वैक्सीन को उन जगहों पर पहुंचाना आवश्यक है, जहां इसका सबसे ज्यादा प्रभाव हो रहा है।

टीकाकरण के दिशा-निर्देश

WHO के अनुसार, यह वैक्सीन 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के वयस्कों को दी जा सकती है। इस टीके को प्रभावी रूप से काम करने के लिए दो खुराक में दिया जाता है। हालाँकि, 18 वर्ष से कम आयु के लोगों में इसका उपयोग अभी तक लाइसेंस प्राप्त नहीं है, लेकिन आपातकालीन स्थितियों में इसे देने की अनुमति दी जाती है। WHO का मानना है कि जब जोखिम और लाभों को ध्यान में रखा जाए, तो बच्चों में भी इसका उपयोग संभव हो सकता है।

एमपॉक्स का अफ्रीका पर प्रभाव

एमपॉक्स का सबसे अधिक प्रकोप अफ्रीका के मध्य और पश्चिमी क्षेत्रों में देखा गया है। अफ्रीका के कई देशों में इस बीमारी का प्रभाव बच्चों पर अधिक देखा गया है। उदाहरण के लिए, कांगो जैसे देशों में, एमपॉक्स से 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में 70% से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं।

2023 में आई रिपोर्टों के अनुसार, केवल पिछले हफ्ते में अफ्रीका में एमपॉक्स के 107 नए मामले दर्ज किए गए हैं। अफ्रीका रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (CDC) और डब्ल्यूएचओ ने मिलकर महाद्वीपीय स्तर पर इस संकट से निपटने के लिए एक व्यापक योजना शुरू की है।

एमपॉक्स के लक्षण और इसका प्रसार

एमपॉक्स एक वायरल संक्रमण है, जो ऑर्थोपॉक्सवायरस परिवार से संबंधित है। इस वायरस के लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, सूजन, पीठ दर्द, मांसपेशियों में दर्द, थकान और रैश शामिल हैं। यह बीमारी आमतौर पर संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने से फैलती है। इसके अलावा, दूषित वस्त्रों या श्वसन से भी संक्रमण हो सकता है।

हालांकि एमपॉक्स के लिए कोई विशिष्ट उपचार उपलब्ध नहीं है, लेकिन चेचक का टीका कुछ सुरक्षा प्रदान कर सकता है। WHO का कहना है कि यदि एमपॉक्स के लक्षणों को जल्द पहचान लिया जाए, तो संक्रमण को नियंत्रित किया जा सकता है।

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वैक्सीन की चुनौती और WHO की रणनीति

एमपॉक्स का वैक्सीन वर्तमान में केवल एक ही निर्माता, बवेरियन नॉर्डिक A/S द्वारा बनाया जाता है। इस वजह से, वैक्सीन की मांग की पूर्ति करना एक बड़ी चुनौती है। WHO ने अपने वक्तव्य में कहा है कि उन्होंने इस दिशा में तेजी से कदम उठाने की योजना बनाई है, ताकि वैक्सीन की आपूर्ति को बेहतर किया जा सके।

WHO ने यह भी कहा है कि अफ्रीका जैसे देशों में एमपॉक्स का प्रकोप गंभीर होता जा रहा है, और इस वजह से वहां वैक्सीन की मांग तेजी से बढ़ रही है। इस दिशा में WHO ने GAVI और अन्य संगठनों के साथ मिलकर एक योजना बनाई है, ताकि वैक्सीन को सबसे ज़्यादा प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचाया जा सके।

एमपॉक्स का वैश्विक स्वास्थ्य पर प्रभाव

एमपॉक्स का वैश्विक स्वास्थ्य पर बड़ा प्रभाव देखा गया है। WHO के अनुसार, यदि इस बीमारी को नियंत्रित नहीं किया गया, तो यह आने वाले वर्षों में एक बड़ी महामारी का रूप ले सकती है। इसलिए, WHO ने एमपॉक्स के खिलाफ वैक्सीन को मंजूरी देने का फैसला किया, ताकि बीमारी के फैलाव को रोका जा सके और वैश्विक स्वास्थ्य संकट से बचा जा सके।

अफ्रीका में टीकाकरण अभियान

अफ्रीका के कई देशों में, एमपॉक्स के खिलाफ टीकाकरण अभियान तेजी से चलाए जा रहे हैं। WHO ने अफ्रीका में सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में वैक्सीन की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए GAVI और UNICEF के साथ मिलकर काम किया है।

2023 की शुरुआत से ही, अफ्रीका में एमपॉक्स के मामलों में तेजी देखी गई है, और WHO ने इसके खिलाफ कदम उठाने के लिए कई योजनाओं को लागू किया है। WHO ने इस वायरस को नियंत्रित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक व्यापक अभियान की शुरुआत की है, जिसमें वैश्विक समुदाय को भी इस बीमारी के बारे में जागरूक किया जा रहा है।

एमपॉक्स का इतिहास

एमपॉक्स (जिसे पहले मंकीपॉक्स कहा जाता था) का पहला मानव मामला 1970 में कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में दर्ज किया गया था। यह एक वायरस है, जो ऑर्थोपॉक्सवायरस परिवार से संबंधित है। इस वायरस का प्रकोप ज़्यादातर मध्य और पश्चिमी अफ्रीका में पाया जाता है, और यह मुख्य रूप से कृन्तकों और अन्य छोटे जानवरों से फैलता है।

वायरस के लक्षणों में बुखार, दाने और सूजी हुई लिम्फ नोड्स शामिल हैं। यह संक्रमण सीधे संपर्क, दूषित वस्त्रों या संक्रमित व्यक्तियों के माध्यम से फैलता है।

निष्कर्ष

डब्ल्यूएचओ द्वारा वयस्कों के लिए एमपॉक्स वैक्सीन की मंजूरी एक महत्वपूर्ण कदम है, जो वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा में सुधार लाने की दिशा में उठाया गया है। एमपॉक्स का प्रभाव खासकर अफ्रीका में देखा जा रहा है, जहां यह वायरस बच्चों और वयस्कों में गंभीर रूप से फैल रहा है। WHO की मंजूरी से टीकाकरण की प्रक्रिया को तेजी से बढ़ाया जाएगा, ताकि इस वायरस को नियंत्रित किया जा सके।

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