फलों में घुलता ज़हर Poison dissolved in fruits

Poison dissolved in fruits


Poison dissolved in fruits! कैल्शियम कार्बाइड जैसे रसायनों से पकाए गए फल सेहत के लिए बेहद हानिकारक हो सकते हैं। जानें कैसे ये रसायन हमारे फलों में ज़हर घोलते हैं और FSSAI ने इसे रोकने के लिए क्या कदम उठाए हैं।

फलों में घुलता ज़हर Poison dissolved in fruits


परिचय

भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने स्वास्थ्य सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए, खासकर आम जैसे फलों के मौसम में, कृत्रिम रूप से पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड के उपयोग पर कड़ी निगरानी और सख्त प्रतिबंध लगाए हैं। कैल्शियम कार्बाइड से निकलने वाली एसिटिलीन गैस में आर्सेनिक और फास्फोरस जैसे हानिकारक तत्व होते हैं, जो मानव स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न कर सकते हैं। इस लेख में, हम कैल्शियम कार्बाइड के उपयोग, उसके स्वास्थ्य प्रभाव, और FSSAI द्वारा लगाए गए नियमों का गहराई से विश्लेषण करेंगे।


कैल्शियम कार्बाइड का उपयोग: एक हानिकारक प्रक्रिया

क्या है कैल्शियम कार्बाइड?

  • यह एक रासायनिक यौगिक है जिसका उपयोग औद्योगिक प्रक्रियाओं में होता है। आमतौर पर इसे फलों, विशेषकर आमों को पकाने के लिए प्रयोग किया जाता है।

कृत्रिम पकाने की प्रक्रिया

  • कैल्शियम कार्बाइड जब पानी के संपर्क में आता है, तो यह एसिटिलीन गैस छोड़ता है, जो फलों को जल्दी पकाने का काम करता है।

स्वास्थ्य पर प्रभाव

  • एसिटिलीन गैस में आर्सेनिक और फास्फोरस के अंश होते हैं, जो शरीर में विषाक्तता का कारण बन सकते हैं। इससे फलों का पोषण स्तर भी गिरता है और वे स्वाद में भी प्राकृतिक नहीं रह जाते।

FSSAI द्वारा लगाए गए प्रतिबंध

FSSAI के दिशा-निर्देश

  • खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के तहत FSSAI ने सभी फलों को प्राकृतिक रूप से पकाने की सिफारिश की है। इसके लिए आधुनिक ‘रिपनिंग चैम्बर्स’ का उपयोग किया जा सकता है।

राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों में कड़ी कार्रवाई का आदेश

  • राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के खाद्य विभागों को गैरकानूनी गतिविधियों पर सतर्क रहने और कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।

व्यापारियों के लिए चेतावनी

  • FSSAI ने व्यापारियों, फल विक्रेताओं, और खाद्य व्यवसायियों को चेतावनी दी है कि वे कैल्शियम कार्बाइड का उपयोग न करें।

कैल्शियम कार्बाइड के विकल्प: स्वास्थ्य-सुरक्षित विकल्प

ईथिलीन गैस

  • यह एक प्राकृतिक गैस है जो फलों को बिना स्वास्थ्य जोखिम के पकाने में मदद करती है। इसे फल पकाने के लिए उपयुक्त माना गया है।

रिपनिंग चैम्बर्स

  • आधुनिक रिपनिंग चैम्बर्स में ईथिलीन गैस का नियंत्रित उपयोग होता है, जिससे फलों का प्राकृतिक पकना सुनिश्चित होता है। यह विधि स्वास्थ्य-सुरक्षित और FSSAI द्वारा अनुशंसित है।

हानिकारक रसायनों के सेवन से स्वास्थ्य पर प्रभाव

हानिकारक तत्व संभावित प्रभाव
आर्सेनिक कैंसर, त्वचा रोग
फास्फोरस जिगर और गुर्दे में क्षति
एसिटिलीन गैस श्वसन संबंधी समस्याएं, सिरदर्द
  • लंबे समय तक सेवन के दुष्प्रभाव
    कैल्शियम कार्बाइड के सेवन से शरीर में हानिकारक तत्वों का संचय हो सकता है, जिससे दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।

FSSAI का कदम और समाज पर प्रभाव

सुरक्षा में वृद्धि

  • इस कदम से उपभोक्ताओं के बीच जागरूकता बढ़ेगी और स्वास्थ्य की सुरक्षा को प्राथमिकता मिलेगी।

व्यापार में बदलाव

  • व्यापारी अब वैकल्पिक सुरक्षित विधियों की ओर रुख करेंगे, जिससे बाजार में गुणवत्ता युक्त फल मिलेंगे।

उपभोक्ता जागरूकता

  • FSSAI के सख्त नियमों से उपभोक्ता जागरूकता बढ़ेगी और वे स्वास्थ्य-सुरक्षित विकल्पों का चयन करेंगे।

FSSAI द्वारा उठाए गए अन्य कदम

  • फलों पर नियमित जांच
    FSSAI ने बाजार में बिकने वाले फलों पर नियमित रूप से जांच शुरू की है। इन निरीक्षणों का उद्देश्य गैरकानूनी रसायनों के उपयोग को रोकना है।
  • कानूनी कार्रवाई
    जो व्यापारी और विक्रेता इन नियमों का उल्लंघन करते हुए पाए जाते हैं, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाती है, जिससे प्रतिबंध का पालन सख्ती से हो।

प्राकृतिक और कृत्रिम पकाने के बीच अंतर

विशेषता प्राकृतिक पकाना कृत्रिम पकाना (कैल्शियम कार्बाइड)
स्वास्थ्य प्रभाव स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित स्वास्थ्य के लिए हानिकारक
फल का स्वाद प्राकृतिक और मधुर अस्वाभाविक और खट्टा
पर्यावरण प्रभाव सुरक्षित प्रदूषण और रासायनिक अवशेष
FSSAI द्वारा अनुमोदित हाँ नहीं

निष्कर्ष

  • कैल्शियम कार्बाइड का उपयोग स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक हानिकारक है, और FSSAI का यह कदम भारत में स्वस्थ और सुरक्षित फलों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। सही जानकारी और जागरूकता के साथ, उपभोक्ताओं को सही निर्णय लेने की शक्ति मिलती है और व्यापारी भी सुरक्षित विकल्पों की ओर रुख कर सकते हैं।
  • FSSAI का यह कदम उपभोक्ताओं को स्वस्थ विकल्प उपलब्ध कराकर देश के स्वास्थ्य स्तर को बढ़ाने में सहायक होगा।

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