भारत का पहला लेखक गांव Indias first writers village

Indias first writers village

परिचय 

Indias first writers village ,देहरादून से 24 किमी दूर स्थित एक अनोखी पहल है जिसे उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ द्वारा शुरू किया गया है। यह गांव साहित्यिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का एक केंद्र बनेगा, जिसका मुख्य उद्देश्य लेखकों, कलाकारों, और साहित्यकारों को एक ऐसा स्थान प्रदान करना है जहां वे अपनी रचनात्मकता को प्रोत्साहित कर सकें। इस लेख में हम लेखक गांव के महत्व, उद्देश्यों, सुविधाओं और इसके सांस्कृतिक प्रभाव के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।

भारत का पहला लेखक गांव Indias first writers village

लेखक गांव का महत्व

  • भारत के पहले लेखक गांव का निर्माण भारतीय साहित्य और कला के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है।
पहलू विवरण
स्थान देहरादून से 24 किमी दूर
उद्देश्य लेखकों को समर्पित रचनात्मक स्थान प्रदान करना
उद्घाटनकर्ता रमेश पोखरियाल ‘निशंक’
उद्घाटन में शामिल प्रमुख हस्तियाँ पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, उत्तराखंड के राज्यपाल, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी
  • यह गांव देशभर के रचनाकारों और लेखकों को एकजुट कर सांस्कृतिक और साहित्यिक गतिविधियों को बढ़ावा देने का केंद्र बनेगा।

उद्घाटन समारोह की झलकियाँ

  • लेखक गांव का उद्घाटन समारोह एक विशेष और ऐतिहासिक आयोजन था, जिसमें पूर्व राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद, उत्तराखंड के राज्यपाल, और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जैसी प्रमुख हस्तियों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय साहित्य, कला और संस्कृति महोत्सव का शुभारंभ हुआ, जिसमें 65 से अधिक देशों के साहित्यकारों, कलाकारों और सांस्कृतिक हस्तियों ने भाग लिया।

उत्सव में होने वाले प्रमुख सत्र:

  1. लेखन तकनीक पर चर्चा
  2. सांस्कृतिक दृष्टिकोण और लेखन
  3. कला और प्रकृति के बीच संबंध
  4. प्रेरणादायक व्यक्तित्व और उनके अनुभवों की कहानियाँ

गांव के पीछे की प्रेरणा

  • पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रेरणा से प्रेरित होकर रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने इस गांव का विचार किया। उन्होंने भारतीय लेखकों के प्रति सम्मान की कमी पर चिंता जताई और एक ऐसा स्थान बनाने का संकल्प लिया जहां लेखक न केवल अपनी रचनात्मकता को उभार सकें बल्कि उनके सम्मान और योगदान को भी मान्यता मिले।

लेखक गांव की सुविधाएँ और रचनात्मक स्थान

  • लेखक गांव में लेखकों और कलाकारों के लिए कई प्रकार की सुविधाएँ दी गई हैं ताकि उनकी रचनात्मकता को नए आयाम मिल सकें।

मुख्य सुविधाएँ:

  1. लाइब्रेरी और शोध केंद्र: लेखकों के लिए एक विस्तृत पुस्तकालय और शोध केंद्र की सुविधा।
  2. ध्यान और योग केंद्र: लेखकों को मानसिक और शारीरिक शांति प्रदान करने के लिए।
  3. सभागार: साहित्यिक चर्चाओं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए एक सभागार।
  4. हिमालयी संग्रहालय: हिमालय की संस्कृति और इतिहास को प्रदर्शित करने के लिए एक संग्रहालय।

इन सुविधाओं का उद्देश्य है लेखकों को एक ऐसा वातावरण प्रदान करना जो उनके लेखन और कला के प्रति उत्साह को बढ़ाए।

लेखक कॉटेज और रचनात्मक स्थान:

  • लेखकों के लिए विशेष रूप से डिजाइन किए गए कॉटेज उपलब्ध हैं। इन कॉटेज को शांति और रचनात्मकता को प्रोत्साहित करने के लिए प्राकृतिक सौंदर्य से घिरे हुए बनाया गया है। इसके अतिरिक्त, एक संजीवनी भोजनालय है, जो पौष्टिक भोजन प्रदान करता है और दो विशेष बगीचे, नक्षत्र वाटिका और ग्रह वाटिका, ध्यान और चिंतन के लिए स्थान प्रदान करते हैं।

हिमालय और लेखक गांव का सांस्कृतिक महत्व

  • हिमालय की शांत और प्राकृतिक सुंदरता ने हमेशा लेखकों और कलाकारों को आकर्षित किया है। इस गांव का निर्माण उन सभी के लिए एक प्रेरणास्रोत बनकर सामने आया है जो हिमालय की अद्भुत छटा और शांति का अनुभव करना चाहते हैं। निशंक का यह कदम हिमालय की विशेषता और भारतीय संस्कृति के बीच संतुलन स्थापित करता है।

गांव की सांस्कृतिक और साहित्यिक गतिविधियाँ:

लेखक गांव न केवल लेखकों को एकजुट करेगा बल्कि यहां साहित्य और संस्कृति को समर्पित कार्यक्रमों का आयोजन भी होगा।

  • साहित्यिक उत्सव: अंतर्राष्ट्रीय लेखकों का एकजुट मंच, जहां विचारों का आदान-प्रदान होगा।
  • लेखन कार्यशालाएँ: युवा लेखकों के लिए लेखन तकनीक और रचनात्मकता में सुधार के लिए कार्यशालाएँ।
  • प्रदर्शनियाँ और सेमिनार: साहित्यिक और सांस्कृतिक विषयों पर प्रदर्शनियों और सेमिनार का आयोजन।

प्रमुख आकर्षण:

  1. लेखन कॉटेज: यह विशेष रूप से लेखकों के आराम और रचनात्मकता के लिए बनाया गया है।
  2. संजीवनी भोजनालय: स्वस्थ भोजन की सुविधा।
  3. नक्षत्र और ग्रह वाटिका: चिंतन और मनन के लिए।
  4. हिमालयी संग्रहालय: क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करता है।

लेखक गांव के सांस्कृतिक और वैश्विक प्रभाव

प्रभाव विवरण
सांस्कृतिक भारतीय संस्कृति और साहित्य के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देगा।
वैश्विक अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सांस्कृतिक आदान-प्रदान और सहयोग को प्रोत्साहित करेगा।
आर्थिक पर्यटन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से आर्थिक समृद्धि।
शैक्षिक युवा लेखकों और छात्रों को लेखन में रूचि उत्पन्न करने का अवसर।

निष्कर्ष

  • भारत का पहला लेखक गांव देहरादून में साहित्य और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का एक अनोखा स्थान है। लेखक गांव का उद्देश्य लेखकों, कलाकारों, और सांस्कृतिक हस्तियों को रचनात्मकता और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के एक नए युग में प्रवेश कराने का अवसर प्रदान करना है। यह गांव न केवल लेखकों को सम्मानित करेगा बल्कि भारतीय साहित्य को एक नई ऊंचाई पर ले जाएगा।
  • लेखक गांव का यह कदम भारतीय साहित्य और संस्कृति के प्रति जागरूकता बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगा और इसे भारतीय संस्कृति की धरोहर के रूप में सहेजा जाएगा।

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