2025 पीएम विश्वकर्मा योजना 2025 PM Vishwakarma Scheme

2025 PM Vishwakarma Scheme

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  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई पीएम विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य भारत के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक और तकनीकी सहायता प्रदान करना है। इस योजना का प्रमुख लक्ष्य है इन कारीगरों की आजीविका को सशक्त बनाना, उनके शिल्प को आधुनिक तरीकों से जोड़ना और उनके उत्पादों को एक व्यापक बाजार तक पहुंचाना।

2025 पीएम विश्वकर्मा योजना 2025 PM Vishwakarma Scheme

आज हम 2025 PM Vishwakarma Scheme “विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य””कारीगरों के लिए पीएम योजना” “पीएम विश्वकर्मा योजना के लाभ” “हस्तशिल्प और कारीगर योजना” के बारे में जानने वाले है।

पीएम विश्वकर्मा योजना का परिचय

  • पीएम विश्वकर्मा योजना की शुरुआत सितंबर 2023 में की गई थी। इस योजना का नाम भारत के पारंपरिक शिल्पकारों के संरक्षक भगवान विश्वकर्मा के नाम पर रखा गया है। योजना के अंतर्गत उन कारीगरों को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य है जो पीढ़ियों से पारंपरिक शिल्प से जुड़े हुए हैं और जिनका व्यवसाय मुख्य रूप से हस्तनिर्मित वस्तुओं पर आधारित है। इसका मुख्य उद्देश्य भारत के कारीगर समुदाय को आर्थिक, तकनीकी, और कौशल विकास के माध्यम से सशक्त बनाना है।

योजना के मुख्य उद्देश्य

  • कारीगरों की कौशल संवर्धन: पारंपरिक शिल्पकारों को नई तकनीकों से जोड़ना और उन्हें उन्नत शिल्पकला में प्रशिक्षण देना।
  • वित्तीय सहायता: कारीगरों को अपने व्यवसाय को विस्तार देने के लिए ऋण सुविधा उपलब्ध कराना। इसमें 3 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान किया जाता है।
  • बाजार तक पहुँच: कारीगरों को उनके उत्पादों के लिए एक बड़े बाजार तक पहुंच सुनिश्चित करना, जिसमें ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों प्लेटफ़ॉर्म शामिल हैं।
  • भारत की सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण: पारंपरिक शिल्पकारिता को बढ़ावा देना और इसे एक आधुनिक दृष्टिकोण से सशक्त बनाना।

योजना के लाभ

पीएम विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत अब तक लाखों कारीगरों को लाभ पहुंचाया गया है। योजना की विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

  • तकनीकी सहायता: कारीगरों को आधुनिक मशीनरी और टूलकिट उपलब्ध कराए जाते हैं, जिससे उनकी उत्पादकता में वृद्धि होती है।
  • वित्तीय सहयोग: कारीगरों को 3 लाख रुपये तक का सस्ती ब्याज दरों पर ऋण दिया जाता है। अब तक लगभग 6.5 लाख कारीगरों को 1,400 करोड़ रुपये का ऋण दिया जा चुका है।
  • समावेशी विकास: अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदाय के कारीगरों को विशेष प्राथमिकता दी गई है।

योजना की प्रमुख घोषणाएँ

इस योजना के अंतर्गत महाराष्ट्र सरकार ने कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए दो नई योजनाएँ भी शुरू की हैं:

  1. आचार्य चाणक्य कौशल विकास केंद्र: इस केंद्र का उद्देश्य युवाओं को नि:शुल्क कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना है। यह कारीगरों को नए व्यापार कौशल सिखाने और उनके रोजगार के अवसरों को बेहतर बनाने के लिए बनाया गया है।
  2. पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी होल्कर महिला स्टार्टअप योजना: यह योजना महिलाओं को उद्यमिता में मदद करने और आत्मनिर्भर बनने के लिए शुरू की गई है। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं द्वारा संचालित स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करना है।

पीएम विश्वकर्मा योजना के प्रमुख तत्व

तत्व विवरण
कौशल विकास पारंपरिक कारीगरों को आधुनिक तकनीक और कौशल में प्रशिक्षित करना।
वित्तीय सहायता 3 लाख रुपये तक का सस्ती ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराना।
बाजार तक पहुँच कारीगरों को स्थानीय और वैश्विक बाजारों से जोड़ने की व्यवस्था।
आर्थिक सशक्तिकरण अनुसूचित जाति, जनजाति और महिला कारीगरों को विशेष प्राथमिकता।
सांस्कृतिक संरक्षण पारंपरिक शिल्प और हस्तकला को संरक्षण देने के लिए तकनीकी और आर्थिक सहायता।

पीएम विश्वकर्मा योजना के लक्ष्य

पीएम विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत 1 करोड़ से अधिक कारीगरों को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना का प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं:

  • सशक्तिकरण: कारीगरों की आजीविका को सशक्त बनाना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना।
  • नवाचार और तकनीकी सशक्तिकरण: कारीगरों को नए-नए टूल्स और तकनीकों से जोड़कर उनकी उत्पादकता को बढ़ावा देना।
  • समाज में योगदान: इस योजना का उद्देश्य न केवल कारीगरों की आर्थिक स्थिति को सुधारना है, बल्कि समाज में उनकी पहचान और योगदान को भी मान्यता देना है।

योजना की प्रमुख विशेषताएँ

  1. कौशल प्रशिक्षण: पीएम विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत कारीगरों को विभिन्न तकनीकी और व्यवसायिक प्रशिक्षण प्रदान किए जाते हैं। इस प्रशिक्षण के तहत उन्हें आधुनिक तकनीक और मशीनरी से अवगत कराया जाता है, ताकि वे अपने शिल्प को और उन्नत कर सकें।
  2. ऋण सुविधा: योजना के अंतर्गत कारीगरों को 3 लाख रुपये तक का ऋण दिया जाता है। इसके साथ ही उन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत सस्ती ब्याज दरों पर ऋण प्राप्त करने का अवसर मिलता है।
  3. प्रमाणन और मान्यता: योजना के अंतर्गत कारीगरों को उनके शिल्प के लिए प्रमाणन और मान्यता प्राप्त होती है। यह न केवल उनके शिल्प की गुणवत्ता को सुधारता है, बल्कि उन्हें एक प्रतिष्ठित स्थान भी दिलाता है।
  4. डिजिटल पहुँच: पीएम विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत कारीगरों को उनके उत्पादों को ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर बेचने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इसके तहत उन्हें ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से अपने उत्पादों को वैश्विक बाजार तक पहुँचाने का अवसर मिलता है।
  5. सुरक्षित भविष्य: योजना के तहत कारीगरों के लिए दीर्घकालिक आजीविका के अवसर सुनिश्चित किए जाते हैं। इसके तहत उन्हें स्थायी प्रथाओं को अपनाने और उन्हें अपने व्यवसाय में शामिल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

2025 पीएम विश्वकर्मा योजना 2025 PM Vishwakarma Scheme

1. पीएम विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत मिलने वाले लाभ

लाभ का नाम विवरण
वित्तीय सहायता कारीगरों को 3 लाख रुपये तक का ऋण, 5% ब्याज दर पर, दो चरणों में।
कौशल विकास प्रशिक्षण कारीगरों को पारंपरिक शिल्प को आधुनिक बनाने के लिए प्रशिक्षण।
टूलकिट वितरण उन्नत टूलकिट और आधुनिक मशीनरी के उपयोग की सुविधा।
बाजार तक पहुँच उत्पादों को स्थानीय और वैश्विक बाजारों में बेचने में सहायता।
डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग कारीगरों को ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों पर उत्पाद बेचने का अवसर।
प्रमाणन और गुणवत्ता मानक उत्पादों के लिए प्रमाणन प्रक्रिया और जीआई टैगिंग।

2. पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत ऋण सुविधाएँ

चरण ऋण राशि (रुपये में) ब्याज दर (%) अवधि (महीनों में)
चरण 1 1 लाख रुपये तक 5% 18 महीने
चरण 2 2 लाख रुपये तक 5% 30 महीने

3. प्रशिक्षण और कौशल विकास केंद्रों की सूची

राज्य प्रशिक्षण केंद्रों की संख्या लाभार्थी कारीगरों की संख्या
महाराष्ट्र 150 20,000
उत्तर प्रदेश 100 15,000
गुजरात 80 12,000
राजस्थान 75 10,000
बिहार 60 8,000
कुल 465 65,000

4. सरकार द्वारा योजना के लिए आवंटित बजट

वर्ष बजट (करोड़ रुपये में) उद्देश्य
2023 13,000 कौशल विकास, वित्तीय सहायता, टूलकिट वितरण, प्रमाणन और बाजार सुविधा प्रदान करने के लिए।
2024 15,000 योजना में और अधिक कारीगरों को शामिल करने और प्रशिक्षण केंद्रों की संख्या बढ़ाने के लिए।

5. पीएम विश्वकर्मा योजना के लक्षित क्षेत्रों की सूची

कारीगर शिल्प लक्षित कारीगरों की संख्या (2023) लक्षित कारीगरों की संख्या (2024)
धातु शिल्प 2 लाख 2.5 लाख
कुम्हार 1.5 लाख 2 लाख
बुनकर 1 लाख 1.5 लाख
दर्जी 50,000 75,000
नाई 1 लाख 1.25 लाख
चमड़ा कारीगर 75,000 1 लाख
लकड़ी कारीगर 1.25 लाख 1.5 लाख

6. योजना के तहत अब तक की प्रगति

वर्ष कुल कारीगर लाभार्थी वितरित ऋण (करोड़ रुपये में) प्रशिक्षण प्राप्त कारीगरों की संख्या
2023 6.5 लाख 1,400 50,000
2024 8.5 लाख 1,800 70,000
2025 (उम्मीद) 10 लाख 2,500 1 लाख

पीएम विश्वकर्मा योजना का व्यापक प्रभाव

पीएम विश्वकर्मा योजना न केवल कारीगरों की आजीविका में सुधार कर रही है, बल्कि इससे भारत की आर्थिक स्थिति में भी सुधार हो रहा है। पारंपरिक शिल्पकारिता को एक नई पहचान मिल रही है, और इससे भारत की सांस्कृतिक धरोहर का भी संरक्षण हो रहा है।

योजनाओं के कार्यान्वयन की चुनौतियाँ

हालांकि पीएम विश्वकर्मा योजना कारीगरों के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो रही है, लेकिन इसके कार्यान्वयन के रास्ते में कुछ चुनौतियाँ भी हैं:

  • वित्तीय जागरूकता की कमी: ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत से कारीगरों को वित्तीय सहायता और ऋण सुविधाओं के बारे में जानकारी नहीं है।
  • तकनीकी प्रशिक्षण: कई कारीगरों को आधुनिक तकनीक के उपयोग में कठिनाई होती है, जिससे उनके शिल्प में नवाचार और उत्पादकता में वृद्धि नहीं हो पाती।

इन चुनौतियों के समाधान के लिए सरकार विभिन्न उपाय कर रही है, जैसे कि जागरूकता अभियान चलाना, स्थानीय स्तर पर तकनीकी प्रशिक्षण केंद्र खोलना और कारीगरों को डिजिटल तकनीकों से अवगत कराना।

पीएम विश्वकर्मा योजना का आर्थिक योगदान

पीएम विश्वकर्मा योजना से भारत की अर्थव्यवस्था को भी लाभ हो रहा है। कारीगरों के उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार हो रहा है, जिससे उनके उत्पादों की मांग बढ़ रही है। इसके अलावा, ऑनलाइन प्लेटफार्मों के माध्यम से कारीगर अपने उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में बेच पा रहे हैं, जिससे उनका राजस्व बढ़ रहा है।

निष्कर्ष-2025 PM Vishwakarma Scheme 

पीएम विश्वकर्मा योजना भारत के कारीगरों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। इससे न केवल कारीगरों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है, बल्कि उनके पारंपरिक शिल्प को भी एक नई पहचान मिल रही है। यह योजना न केवल भारत की सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण कर रही है, बल्कि इसे वैश्विक स्तर पर भी पहचान दिला रही है। कारीगरों को तकनीकी और वित्तीय सहायता के माध्यम से सशक्त किया जा रहा है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें और अपने व्यवसाय को और विस्तार दे सकें।

टेबल: पीएम विश्वकर्मा योजना के प्रमुख लाभ

लाभ विवरण
कौशल संवर्धन आधुनिक तकनीकों और शिल्पकला में प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।
वित्तीय सहायता कारीगरों को 3 लाख रुपये तक का सस्ती ब्याज दर पर ऋण मिलता है।
बाजार तक पहुँच कारीगरों को ई-कॉमर्स प्लेटफार

 

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