भारत सरकार ने 8 नई रेलवे परियोजनाओं को मंजूरी दी Indian Government approves 8 new railway projects

Indian Government approves 8 new railway projects 

  • 9 अगस्त 2024 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ₹24,657 करोड़ की लागत से 8 नई रेलवे परियोजनाओं को मंजूरी दी। इन परियोजनाओं का उद्देश्य कनेक्टिविटी बढ़ाना, यात्रा को आसान बनाना, लॉजिस्टिक लागत को कम करना, तेल आयात को घटाना और कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को कम करना है।

भारत सरकार ने 8 नई रेलवे परियोजनाओं को मंजूरी दी Indian Government approves 8 new railway projects

आज हम Indian Government approves 8 new railway projects के बारे में जानने वाले है।

2030-31 तक पूरा होने की उम्मीद

  • इन परियोजनाओं के तहत ओडिशा, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, झारखंड, बिहार, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल के 14 जिलों में रेलवे नेटवर्क को 900 किमी तक बढ़ाया जाएगा। यह कार्य 2030-31 तक पूरा होने की उम्मीद है।

रेलवे लाइन रूट्स

रेलवे लाइनों में निम्नलिखित रूट शामिल हैं-

  • गुनुपुर – थेर्बुबली (73.62 किमी) रायगडा में
  • जूनागढ़ – नबरंगपुर (116.21 किमी) कालाहांडी और नबरंगपुर में
  • बदामपहाड़ – कंडुजहरगढ़ (82.06 किमी) केओंझार और मयूरभंज में
  • बांगिरपोसी – गोरुमाहिसानी (85.60 किमी) मयूरभंज में
  • मलकानगिरी – पांडुरंगापुरम (173.61 किमी) मलकानगिरी, पूर्वी गोदावरी और भद्राद्री कोठागुडेम में
  • बुरामारा – चाकुलिया (59.96 किमी) पूर्वी सिंहभूम, झारग्राम और मयूरभंज में
  • जालना  – जलगांव (174 किमी) औरंगाबाद में
  • विक्रमशिला – कटारिया (26.23 किमी) भागलपुर में

510 गांवों को जोड़ेगी यह परियोजना

  • इन परियोजनाओं के तहत 64 नए स्टेशन बनाए जाएंगे जो 6 ‘आकांक्षी जिलों’ (पूर्वी सिंहभूम, भद्राद्री कोठागुडेम, मलकानगिरी, कालाहांडी, नबरंगपुर और रायगडा) के 510 गांवों और लगभग 40 लाख की आबादी को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेंगे।

इस परियोजना के लाभ

लॉजिस्टिक दक्षता में सुधार

  • ये परियोजनाएं अंडर-डेवलप्ड क्षेत्रों को जोड़कर और परिवहन नेटवर्क को बेहतर बनाकर लॉजिस्टिक दक्षता में सुधार करेंगी, जिससे आपूर्ति श्रृंखला में सुधार होगा और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।

रोजगार के अवसर

  • निर्माण के दौरान इन परियोजनाओं से लगभग 3 करोड़ व्यक्ति-दिन का प्रत्यक्ष रोजगार उत्पन्न होगा। ये परियोजनाएं पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत की गई हैं, जो मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी प्रदान करती हैं।

आवश्यक माल ढुलाई मार्ग

  • अजन्ता गुफाएं, जो कि एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है, रेलवे नेटवर्क से जुड़ जाएगी, जिससे बड़ी संख्या में पर्यटक आकर्षित होंगे। ये मार्ग कृषि उत्पादों, उर्वरक, कोयला, लौह अयस्क, इस्पात, सीमेंट, बॉक्साइट, एल्यूमीनियम पाउडर, ग्रेनाइट, कंटेनर आदि के परिवहन के लिए महत्वपूर्ण हैं।

पर्यावरण के अनुकूल और ऊर्जा कुशल

  • रेलवे का उपयोग पर्यावरण के अनुकूल और ऊर्जा कुशल परिवहन के रूप में होगा, जिससे देश की लॉजिस्टिक लागत को कम करने, तेल आयात (32.20 करोड़ लीटर) को घटाने और CO2 उत्सर्जन (0.87 मिलियन टन) को कम करने में मदद मिलेगी, जो कि 3.5 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है।

भारतीय रेलवे का इतिहास

भारत सरकार ने 8 नई रेलवे परियोजनाओं को मंजूरी दी Indian Government approves 8 new railway projects

शुरुआत और प्रारंभिक विकास (1853-1900)

  • 1853- भारतीय रेलवे की शुरुआत 16 अप्रैल 1853 को हुई जब पहली रेलगाड़ी बोरीबंदर (अब मुंबई का छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस) से ठाणे के बीच चली। यह रेलगाड़ी 34 किमी की दूरी तय करती थी और इसमें 14 डिब्बे थे।
  • 1854- इसके बाद, हावड़ा से हुगली के बीच 39 किमी की दूसरी रेल सेवा शुरू की गई। इसके बाद, धीरे-धीरे रेलगाड़ियों का विस्तार होता गया।
  • 1880- 1880 तक भारत में 9,000 किमी का रेल नेटवर्क तैयार हो चुका था, जिसमें प्रमुख शहरों और बंदरगाहों को जोड़ा गया था। अंग्रेजी शासन के दौरान, रेलवे का मुख्य उद्देश्य भारत से कच्चे माल को ब्रिटेन भेजना था।

विकास और विस्तार (1900-1947)

  • 1901- 1901 में, रेलवे बोर्ड की स्थापना की गई, जिसने रेलवे के प्रशासन और प्रबंधन को संगठित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • 1920- 1920 तक भारतीय रेलवे का नेटवर्क 61,000 किमी तक फैल चुका था। इस अवधि में, रेलवे ने भारतीय समाज को जोड़ने और औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • 1947- जब भारत स्वतंत्र हुआ, तब रेलवे का कुल नेटवर्क लगभग 55,000 किमी था। हालांकि, विभाजन के कारण कुछ रेलवे नेटवर्क पाकिस्तान में चला गया।

स्वतंत्र भारत में रेलवे का विकास (1947-2000)

  • 1951- भारतीय रेलवे का राष्ट्रीयकरण किया गया, और इसे एकल प्रबंधन के तहत लाया गया। इससे रेलवे की संरचना में सुधार हुआ और सेवाओं का विस्तार हुआ।
  • 1952- भारतीय रेलवे को 6 ज़ोन में विभाजित किया गया ताकि इसका प्रबंधन और संचालन बेहतर तरीके से किया जा सके। बाद में, ज़ोन की संख्या बढ़ाकर 17 कर दी गई।
  • 1980-90 के दशक- 1980 के दशक में कंप्यूटरीकृत यात्री आरक्षण प्रणाली की शुरुआत की गई, जिसने यात्रियों के लिए टिकट बुकिंग को आसान बनाया। 1990 के दशक में, भारतीय रेलवे ने नई तकनीकों को अपनाया और बिजली के लोकोमोटिव और उच्च गति के ट्रेनों की शुरुआत की।

आधुनिक युग में रेलवे (2000-वर्तमान)

  • 2000- 2000 के दशक में, भारतीय रेलवे ने कई सुधार और योजनाएं शुरू कीं। इस अवधि में, राजधानी एक्सप्रेस और शताब्दी एक्सप्रेस जैसी उच्च गति की ट्रेनों को पेश किया गया।
  • 2014 के बाद- 2014 के बाद, भारतीय रेलवे ने तेजस एक्सप्रेस, वंदे भारत एक्सप्रेस और हमसफर एक्सप्रेस जैसी नई और आधुनिक ट्रेनों को शुरू किया। साथ ही, रेलवे स्टेशनों का आधुनिकीकरण और बुलेट ट्रेन जैसी परियोजनाओं की भी शुरुआत की गई।
  • डिजिटलीकरण- हाल के वर्षों में, भारतीय रेलवे ने डिजिटलीकरण पर ध्यान दिया है, जिसमें ऑनलाइन टिकट बुकिंग, मोबाइल एप्स, और डिजिटल पेमेंट के माध्यम से यात्रियों को बेहतर सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।
  • स्वच्छता और सुरक्षा- स्वच्छता और सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। स्वच्छ भारत अभियान के तहत रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में सफाई के मानकों को बढ़ाया गया है। साथ ही, रेल सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरों और अन्य आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है।

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