Chhattisgarh approved the countrys third largest tiger reserve
- हाल के वर्षों में छत्तीसगढ़ में बाघों की संख्या में गिरावट आई है। इस स्थिति को देखते हुए, राज्य ने 7 अगस्त को एक नए टाइगर रिजर्व की अधिसूचना को मंजूरी दी, जो देश का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व बनने जा रहा है। यह नया रिजर्व गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व के रूप में जाना जाएगा, जिसमें एक मौजूदा राष्ट्रीय उद्यान और एक वन्यजीव अभयारण्य को एकीकृत किया गया है। यह टाइगर रिजर्व 2,829 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है और राज्य के चार उत्तरी जिलों में फैला है। यह छत्तीसगढ़ का चौथा टाइगर रिजर्व होगा।
आज हम Chhattisgarh approved the countrys third largest tiger reserve के बारे में जानने वाले है।
बाघों की संख्या में गिरावट
- छत्तीसगढ़ में बाघों की संख्या 2014 में 46 से घटकर 2022 में 17 रह गई थी। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (National Tiger Conservation Authority) की जुलाई 2023 में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, यह गिरावट चिंताजनक है।
कम बाघों की संख्या वाले राज्य
- कुछ राज्यों में बाघों की संख्या कम है, जिनमें मिजोरम, नागालैंड, झारखंड, गोवा, छत्तीसगढ़ और अरुणाचल प्रदेश शामिल हैं। 7 अगस्त को, राज्य मंत्रिमंडल ने गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और तमोर पिंगला अभयारण्य के क्षेत्रों को मिलाकर नए टाइगर रिजर्व का गठन किया। यह रिजर्व मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, कोरिया, सूरजपुर और बलरामपुर जिलों में स्थित है।
पर्यावरणीय पर्यटन को बढ़ावा
- सरकार का कहना है कि इस टाइगर रिजर्व के गठन से राज्य में पर्यावरणीय पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और कोर और बफर ज़ोन में रहने वाले ग्रामीणों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। उन्हें गाइड, पर्यटक वाहन ऑपरेटर, और रिसॉर्ट मैनेजर के रूप में काम करने के मौके मिलेंगे। इसके अलावा, राष्ट्रीय प्रोजेक्ट टाइगर प्राधिकरण (National Project Tiger Authority) इस रिजर्व के संचालन के लिए अतिरिक्त बजट प्रदान करेगा, जिससे आसपास के गांवों में नई आजीविका विकास परियोजनाओं को बढ़ावा मिलेगा।
- उच्च न्यायालय में जनहित याचिका
2019 में, वन्यजीव कार्यकर्ता अजय दुबे ने राज्य में बाघों की संख्या में गिरावट को लेकर उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की थी। इस याचिका में सरकार पर 2012 से इस रिजर्व की अधिसूचना में देरी का आरोप लगाया गया था, जबकि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण और केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय से इसकी मंजूरी पहले ही मिल चुकी थी। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने 15 जुलाई को इस मामले में सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को चार सप्ताह का समय दिया था कि वह इस क्षेत्र को टाइगर रिजर्व घोषित करने पर अपना रुख स्पष्ट करे।
देश का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व
- आंध्र प्रदेश का नागार्जुनसागर श्रीशैलम टाइगर रिजर्व देश का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व है, जो 3,296.31 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। असम का मानस टाइगर रिजर्व 2,837.1 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल के साथ दूसरा सबसे बड़ा है। दोनों रिजर्व में 58 बाघ हैं।
भारत के अन्य टाइगर रिजर्व
- भारत में बाघों के संरक्षण के लिए कई टाइगर रिजर्व स्थापित किए गए हैं। यहाँ सभी टाइगर रिजर्व के नाम, स्थान, स्थापना का वर्ष, राज्य, और उनके विशेषताओं के बारे में जानकारी दी जा रही है-
1. कॉर्बेट टाइगर रिजर्व
- स्थान- नैनीताल और पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखंड
- स्थापना- 1936 (पहले हैली नेशनल पार्क के रूप में)
- राज्य- उत्तराखंड
- विशेषता- भारत का पहला टाइगर रिजर्व, विविध वनस्पति और जीव-जंतु, पर्यटन के लिए प्रसिद्ध।
2. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व
- स्थान- उमरिया, मध्य प्रदेश
- स्थापना- 1968
- राज्य- मध्य प्रदेश
- विशेषता- सबसे ज्यादा बाघों की घनत्व, बांधवगढ़ किला, सफेद बाघ की उत्पत्ति का स्थान।
3. कान्हा टाइगर रिजर्व
- स्थान- मंडला और बालाघाट, मध्य प्रदेश
- स्थापना- 1955
- राज्य- मध्य प्रदेश
- विशेषता- सल और बांस के जंगल, बारासिंघा (दलदली हिरण) का संरक्षण, बाघों की बड़ी संख्या।
4. रणथंभौर टाइगर रिजर्व
- स्थान- सवाई माधोपुर, राजस्थान
- स्थापना- 1973
- राज्य- राजस्थान
- विशेषता- रणथंभौर किला, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व, बाघों के प्राकृतिक व्यवहार को देखने के लिए प्रसिद्ध।
5. सुंदरबन टाइगर रिजर्व
- स्थान- दक्षिण 24 परगना, पश्चिम बंगाल
- स्थापना- 1973
- राज्य- पश्चिम बंगाल
- विशेषता- मैंग्रोव जंगल, बाघों की तैराकी की क्षमता, विश्व धरोहर स्थल।
6. सतपुड़ा टाइगर रिजर्व
- स्थान- होशंगाबाद, मध्य प्रदेश
- स्थापना- 1999
- राज्य- मध्य प्रदेश
- विशेषता- घने जंगल, बाघों के साथ तेंदुए, गौर, और भालू का भी निवास स्थान।
7. नागार्जुनसागर श्रीशैलम टाइगर रिजर्व
- स्थान- नल्लमाला पहाड़ियाँ, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना
- स्थापना- 1983
- राज्य- आंध्र प्रदेश और तेलंगाना
- विशेषता- भारत का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व, नल्लमाला जंगल, कृष्णा नदी।
8. पेरियार टाइगर रिजर्व
- स्थान- इडुक्की, केरल
- स्थापना- 1978
- राज्य- केरल
- विशेषता- पेरियार झील, हाथियों का आवास, वनों का मिश्रण।
9. काजीरंगा टाइगर रिजर्व
- स्थान- गोलाघाट और नागांव, असम
- स्थापना- 2006 (नेशनल पार्क के रूप में 1974)
- राज्य- असम
- विशेषता- एक सींग वाला गैंडा, विविध जैव विविधता, विश्व धरोहर स्थल।
10. पन्ना टाइगर रिजर्व
- स्थान- पन्ना, मध्य प्रदेश
- स्थापना- 1994
- राज्य- मध्य प्रदेश
- विशेषता- केन नदी, बाघों का पुनर्वास कार्यक्रम, विशाल वनस्पति।
11. सरिस्का टाइगर रिजर्व
- स्थान- अलवर, राजस्थान
- स्थापना- 1978
- राज्य- राजस्थान
- विशेषता- अजबगढ़-बजबगढ़ किले, हड़प्पा और महाजनपद काल के अवशेष।
12. सुहुली टाइगर रिजर्व
- स्थान- बलरामपुर, उत्तर प्रदेश
- स्थापना- 2014
- राज्य- उत्तर प्रदेश
- विशेषता- तराई क्षेत्र, बाघों के साथ अन्य वन्यजीवों का संरक्षण।
13. गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व
- स्थान- मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, कोरिया, सूरजपुर और बलरामपुर, छत्तीसगढ़
- स्थापना- 2024
- राज्य- छत्तीसगढ़
- विशेषता- छत्तीसगढ़ का चौथा टाइगर रिजर्व, बाघों की घटती संख्या के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण कदम।
14. नमदाफा टाइगर रिजर्व
- स्थान- चांगलांग, अरुणाचल प्रदेश
- स्थापना- 1983
- राज्य- अरुणाचल प्रदेश
- विशेषता- पूर्वोत्तर भारत का सबसे बड़ा रिजर्व, विविध वनस्पति और जलवायु।
15. मुदुमलाई टाइगर रिजर्व
- स्थान- नीलगिरि, तमिलनाडु
- स्थापना- 2007
- राज्य- तमिलनाडु
- विशेषता- पश्चिमी घाट की जैव विविधता, हाथियों और बाघों का प्रमुख निवास।
16. सिमलीपाल टाइगर रिजर्व
- स्थान- मयूरभंज, ओडिशा
- स्थापना- 1973
- राज्य- ओडिशा
- विशेषता- पहाड़ी क्षेत्र, बाघों के साथ हाथियों और अन्य वन्यजीवों का निवास।
ये सभी टाइगर रिजर्व भारत के वन्यजीव संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और बाघों के संरक्षण के साथ-साथ पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में भी मदद करते हैं।