ब्राजील में जी20 शिखर सम्मेलन 2024 G20 Summit 2024 in Brazil

G20 Summit 2024 in Brazil

2024 G20 Summit 2024 in Brazil में वैश्विक नेताओं का मिलन है, जहाँ जलवायु परिवर्तन, व्यापार, और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा पर चर्चा होगी। जानें कैसे यह शिखर सम्मेलन सतत विकास और वैश्विक नीतियों को नई दिशा देगा।

ब्राजील में जी20 शिखर सम्मेलन 2024 G20 Summit 2024 in Brazil

परिचय
जी20 शिखर सम्मेलन 2024, वैश्विक राजनीति और आर्थिक नीतियों के निर्धारण का महत्वपूर्ण आयोजन, 18 और 19 नवंबर को ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में हो रहा है। यह शिखर सम्मेलन अंतर्राष्ट्रीय समस्याओं के समाधान के लिए 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को एकजुट करता है। इस वर्ष, ब्राजील ने इसे ‘सतत विकास और सामाजिक न्याय’ जैसे विषयों पर केंद्रित किया है।


जी20 का महत्व

जी20 (ग्रुप ऑफ़ ट्वेंटी) एक अंतर्राष्ट्रीय मंच है जिसमें विश्व के 19 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं और यूरोपीय संघ शामिल हैं। इसका उद्देश्य वैश्विक वित्तीय स्थिरता बनाए रखना और आर्थिक चुनौतियों का समाधान करना है।
महत्वपूर्ण आंकड़े:

  • स्थापना वर्ष: 1999
  • सदस्य: 20 (19 देश + यूरोपीय संघ)
  • विश्व की GDP में योगदान: 85%
  • विश्व की जनसंख्या में हिस्सा: 66%

2024 शिखर सम्मेलन की मुख्य विषय-वस्तु

सतत विकास और गरीबी उन्मूलन:

  • विकासशील देशों के लिए नई नीतियां।
  • गरीबों के उत्थान के लिए सामाजिक योजनाओं पर जोर।

जलवायु परिवर्तन:

  • कार्बन उत्सर्जन को कम करने के उपाय।
  • ब्राजील और अमेरिका के बीच हरित ऊर्जा साझेदारी।

भू-राजनीतिक तनाव:

  • रूस-यूक्रेन युद्ध का प्रभाव।
  • गाजा संघर्ष और मानवीय संकट।

वैश्विक व्यापार:

  • अमेरिका-चीन व्यापारिक विवाद।
  • वैश्विक व्यापार में सुधार के प्रयास।

भू-राजनीतिक तनाव और उसकी चुनौतियां

1. रूस-यूक्रेन संघर्ष:
रूस द्वारा यूक्रेन पर किए गए हवाई हमलों ने यूरोपीय राजनयिकों के लिए समाधान खोजना कठिन बना दिया है। अमेरिका ने यूक्रेन को हथियार सप्लाई में ढील दी है, जिससे तनाव और बढ़ सकता है।

2. गाजा संघर्ष:
गाजा में मानवीय संकट के समाधान के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। इस विषय पर सहमति बनाना चुनौतीपूर्ण है।

 जी20 में भू-राजनीतिक तनाव

संघर्ष प्रभाव क्षेत्र संभावित समाधान
रूस-यूक्रेन यूरोप और वैश्विक युद्धविराम और राजनयिक प्रयास
गाजा मध्य-पूर्व मानवीय सहायता और संघर्ष विराम

ब्राजील की नेतृत्व भूमिका

ब्राजील ने इस वर्ष के शिखर सम्मेलन में कई महत्वाकांक्षी योजनाएं रखी हैं।

गरीबी उन्मूलन:

  • विकासशील देशों के लिए विशेष फंड।
  • वैश्विक स्तर पर असमानता को कम करना।

पर्यावरण संरक्षण:

  • अमेज़न वर्षावन की सुरक्षा।
  • हरित ऊर्जा स्रोतों का प्रचार।

आर्थिक सुधार और व्यापारिक नीतियां

1. सुपर-रिच पर कर:
ब्राजील ने अमीर लोगों पर कर लगाने का प्रस्ताव दिया है। इसका उद्देश्य वैश्विक आय असमानता को कम करना है।

2. अमेरिका-चीन व्यापारिक तनाव:
डोनाल्ड ट्रम्प के नेतृत्व में अमेरिका ने चीन पर आयात शुल्क बढ़ाने का इरादा किया है। इससे वैश्विक व्यापार चर्चाएं प्रभावित हो सकती हैं।


जलवायु परिवर्तन पर चर्चा

जी20 शिखर सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन एक महत्वपूर्ण विषय है।
महत्वपूर्ण पहलें:

  • कार्बन उत्सर्जन कम करना: सदस्य देशों ने कार्बन उत्सर्जन को कम करने की प्रतिबद्धता जताई।
  • हरित ऊर्जा: स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा।
  • अमेज़न का संरक्षण: ब्राजील ने अमेज़न जंगलों को बचाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मदद मांगी।

जी20 में जलवायु परिवर्तन के मुद्दे

मुद्दा प्रतिशत (%)
कार्बन उत्सर्जन 40%
स्वच्छ ऊर्जा 30%
जंगलों का संरक्षण 20%
अन्य 10%

भारत की भूमिका

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने सतत विकास और वैश्विक समानता के लिए अपना पक्ष रखा।

  1. डिजिटल अर्थव्यवस्था:
    भारत ने डिजिटल भुगतान और फिनटेक को बढ़ावा देने के लिए पहल की।
  2. हरित ऊर्जा:
    भारत ने सोलर अलायंस के तहत सदस्य देशों को हरित ऊर्जा में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया।
  3. वैश्विक दक्षिण की आवाज:
    भारत ने विकासशील देशों की चिंताओं को मंच पर उठाया।

चीन की रणनीति: बेल्ट एंड रोड पहल

चीन ने अपनी बेल्ट एंड रोड पहल के माध्यम से वैश्विक व्यापार में विस्तार की योजना बनाई।

  • ब्राजील ने इस पहल में शामिल होने से इनकार किया।
  • चीन की योजना का उद्देश्य: वैश्विक स्तर पर व्यापारिक नेटवर्क बनाना।

भविष्य की राह

जी20 शिखर सम्मेलन 2024 कई मायनों में ऐतिहासिक है।

  • सतत विकास के लिए प्रतिबद्धता।
  • जलवायु संकट से निपटने के लिए ठोस कदम।
  • वैश्विक आर्थिक स्थिरता का पुनर्निर्माण।

निष्कर्ष

  • जी20 शिखर सम्मेलन 2024, वैश्विक चुनौतियों और अवसरों का एक मंच है। ब्राजील ने इसे सतत विकास, जलवायु संरक्षण, और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक मील का पत्थर बनाने का प्रयास किया है। यह आयोजन भविष्य की वैश्विक नीतियों को आकार देगा।

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