Gangotri Glacier गंगोत्री ग्लेशियर : इतिहास, निर्माण, वर्तमान और भविष्य

Gangotri Glacier

परिचय

Gangotri Glacier भारत का सबसे बड़ा हिमनद है, जो गंगा नदी का उद्गम स्थल है। इसके इतिहास, निर्माण प्रक्रिया, वर्तमान स्थिति, जलवायु, नदियों, पर्वत शृंखलाओं, वनस्पति, जीव-जंतु और भविष्य पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के बारे में विस्तृत जानकारी यहाँ पढ़ें।

Gangotri Glacier गंगोत्री ग्लेशियर : इतिहास, निर्माण, वर्तमान और भविष्य

गंगोत्री ग्लेशियर हिमालय की सबसे महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध हिमनदियों (Glaciers) में से एक है। यह ग्लेशियर गंगा नदी का उद्गम स्थल है और धार्मिक, सांस्कृतिक तथा भौगोलिक दृष्टि से अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित यह ग्लेशियर लगभग 30 किलोमीटर लंबा और 2 से 4 किलोमीटर चौड़ा है। गंगोत्री ग्लेशियर न केवल उत्तर भारत की नदियों को जल प्रदान करता है, बल्कि पूरे भारत की जलवायु, कृषि, और सामाजिक जीवन पर गहरा प्रभाव डालता है।


1. गंगोत्री ग्लेशियर का इतिहास

  • भूगर्भीय इतिहास :
    हिमालय पर्वत की उत्पत्ति लगभग 5 करोड़ वर्ष पूर्व टेथिस सागर के अवसादी चट्टानों के टकराव से हुई थी। इस प्रक्रिया के दौरान कई ग्लेशियर बने, जिनमें गंगोत्री प्रमुख है।

  • पौराणिक इतिहास :
    गंगोत्री ग्लेशियर गंगा नदी का उद्गम है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, भगीरथ की तपस्या से माँ गंगा स्वर्ग से पृथ्वी पर अवतरित हुईं और हिमालय के गोमुख स्थान से प्रकट हुईं।

  • भौगोलिक खोज :
    ब्रिटिश काल में सर्वे ऑफ इंडिया ने इस ग्लेशियर का सर्वेक्षण किया। वैज्ञानिक दृष्टि से यह एक नदी सदृश प्रवाहित हिमनद है, जो हिमनद विज्ञान (Glaciology) के अध्ययन का प्रमुख केंद्र है।


2. निर्माण प्रक्रिया (Formation Process)

गंगोत्री ग्लेशियर का निर्माण हिमनद संचय और हिमनद प्रवाह से होता है।

  1. ऊँचे हिमालय पर गिरने वाली बर्फ वर्षों तक जमा होकर बर्फ की परतों में बदल जाती है।

  2. बर्फ के दबाव से वह “फिरन (Firn)” में बदलती है।

  3. फिरन धीरे-धीरे संकुचित होकर ठोस ग्लेशियल आइस में परिवर्तित हो जाती है।

  4. यह बर्फ ढलानों पर नीचे की ओर बहती है और इसी को “ग्लेशियर प्रवाह” कहते हैं।

  5. गोमुख से यह बर्फ पिघलकर भागीरथी नदी के रूप में बाहर निकलती है।


3. वर्तमान स्थिति (Present Condition)

  • गंगोत्री ग्लेशियर की लंबाई पहले 32 किलोमीटर थी, लेकिन जलवायु परिवर्तन के कारण यह अब घटकर लगभग 30 किलोमीटर रह गया है।

  • हर साल यह ग्लेशियर औसतन 15–20 मीटर पीछे हट रहा है

  • इसके पिघलने से गंगा नदी का जल प्रवाह प्रभावित हो रहा है, जिसका असर पूरे गंगा बेसिन पर पड़ता है।

  • आज यह ग्लेशियर “Climate Change के Impact Zone” में माना जाता है।


4. भविष्य की स्थिति (Future Condition)

  • वैज्ञानिकों के अनुसार यदि वैश्विक तापमान वृद्धि जारी रही तो 2100 तक गंगोत्री ग्लेशियर का आधा हिस्सा समाप्त हो सकता है।

  • गंगा नदी का प्रवाह कम हो जाएगा, जिससे कृषि, उद्योग और पेयजल संकट गहराएगा।

  • हिमालयी क्षेत्र में ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड (GLOF) की घटनाएँ बढ़ सकती हैं।

  • इससे उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और बंगाल की निचली घाटियों में बाढ़ का खतरा होगा।


5. भौगोलिक संरचना और पर्वत श्रृंखलाएँ

  • गंगोत्री ग्लेशियर हिमालय की गरवाल हिमालय (Garhwal Himalaya) पर्वतमाला में स्थित है।

  • इसके आसपास की प्रमुख चोटियाँ:

    • शिवलिंग शिखर – 6543 मीटर

    • भागीरथी शिखर I, II, III – 6856 मीटर, 6512 मीटर, 6454 मीटर

    • सतोपंथ (7075 मीटर)

    • भृगुपंथ (6772 मीटर)

  • यह क्षेत्र उच्च पर्वतीय, हिमानी और टुंड्रा पारिस्थितिकी का मिश्रण है।


6. नदियाँ और जलप्रणाली

  • गंगोत्री ग्लेशियर से निकलने वाली मुख्य नदी: भागीरथी नदी

  • देवप्रयाग में यह नदी अलकनंदा नदी से मिलकर गंगा बनाती है।

  • इस ग्लेशियर से निकलने वाले जल का उपयोग भारत की लगभग 40% जनसंख्या करती है।

  • अन्य सहायक नदियाँ – खर्कुटिया नाला, जाधगंगा, भगीरथी की सहायक धाराएँ


7. जलवायु और वायु परिसंचरण

  • गंगोत्री क्षेत्र की जलवायु ठंडी और शुष्क है।

  • यहाँ हिमानी जलवायु (Glacial Climate) पाई जाती है।

  • सर्दियों में तापमान –15°C से नीचे चला जाता है।

  • मानसून के समय यहाँ ओरोग्राफिक वर्षा होती है।

  • गंगोत्री ग्लेशियर का पिघलाव भारतीय मानसून, जेट स्ट्रीम और पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) से गहराई से जुड़ा है।

  • जेट स्ट्रीम (Jet Stream) की स्थिति के अनुसार ही हिमालय में हिमपात और वर्षा का वितरण होता है।


8. मिट्टी, वनस्पति और जीव-जंतु

  • इस क्षेत्र की मिट्टी अधिकतर हिमानी मलबा (Moraine) और चट्टानी है।

  • जंगल ऊँचाई के अनुसार बदलते हैं:

    • निचली ढलानों पर देवदार, चीड़, भोजपत्र

    • ऊँचाई पर टुंड्रा वनस्पति – काई, लाइकेन

  • जीव-जंतु:

    • हिम तेंदुआ (Snow Leopard)

    • नीलगाय, हिमालयी भालू, कस्तूरी मृग

    • पक्षियों में हिमालयी मोनाल


9. जनसंख्या और मानव प्रभाव

  • गंगोत्री क्षेत्र में स्थायी बस्तियाँ बहुत कम हैं।

  • मुख्य बस्तियाँ: गंगोत्री, हरसिल, धराली

  • स्थानीय लोग मुख्यतः भोटिया जनजाति से हैं, जिनकी आजीविका व्यापार, पर्यटन और पशुपालन पर आधारित है।

  • तीर्थयात्रा (चारधाम यात्रा) से यहाँ भारी संख्या में पर्यटक आते हैं।


10. खतरनाक क्षेत्र और आपदाएँ

  • ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड (GLOF) – झील फटने से अचानक बाढ़ आ सकती है।

  • भूस्खलन (Landslides) – ढलानों की अस्थिरता के कारण।

  • हिमस्खलन (Avalanche) – ऊँचाई वाले क्षेत्रों में लगातार खतरा।

  • फ्लैश फ्लड्स – 2013 की केदारनाथ आपदा इसका उदाहरण है।


11. गंगोत्री ग्लेशियर और भारतीय जलवायु पर प्रभाव

  • गंगोत्री ग्लेशियर भारत की जल सुरक्षा (Water Security) से जुड़ा है।

  • यह पूरे गंगा बेसिन में कृषि सिंचाई, उद्योग और पेयजल का प्रमुख स्रोत है।

  • इसके पिघलने से मानसून चक्र और वायुमंडलीय परिसंचरण प्रभावित होता है।

  • यदि यह ग्लेशियर तेजी से घटता रहा तो भारत के उत्तरी मैदानों में मरुस्थलीकरण और जल संकट गंभीर हो सकता है।


12. संरक्षण प्रयास (Conservation Efforts)

  • गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान (1989) – 2390 वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैला।

  • हिमालयन क्लाइमेट चेंज प्रोजेक्ट्स – ग्लेशियर की निगरानी और रिसर्च।

  • NDMA (राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण) – GLOF से बचाव की रणनीति।

  • स्थानीय स्तर पर – पर्यटन नियंत्रित करना, प्लास्टिक पर रोक, वृक्षारोपण।


13. भविष्य की संभावनाएँ और समाधान

  • यदि ग्लेशियरों का संरक्षण नहीं हुआ तो आने वाले दशकों में भारत में जल युद्ध (Water Crisis) जैसी स्थिति हो सकती है।

  • समाधान:

    1. कार्बन उत्सर्जन में कमी

    2. नवीकरणीय ऊर्जा का प्रयोग

    3. सतत पर्यटन नीति

    4. हिमनद विज्ञान अनुसंधान (Glaciology Research) का विस्तार

    5. जल संचयन और वर्षा जल संग्रहण


निष्कर्ष

गंगोत्री ग्लेशियर केवल एक प्राकृतिक हिमनद नहीं है, बल्कि भारत की संस्कृति, आस्था, जलवायु और जीवनरेखा का प्रतीक है। इसका इतिहास पौराणिक गाथाओं से जुड़ा है, वर्तमान जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से भरा है, और भविष्य हमारे संरक्षण प्रयासों पर निर्भर करता है। यदि हम समय रहते प्रभावी कदम नहीं उठाते, तो गंगा नदी का अस्तित्व और भारत की खाद्य–जल सुरक्षा दोनों खतरे में पड़ सकती हैं।

UPSC स्तर के 20 MCQs – गंगोत्री हिमनद

प्रश्न 1.
गंगोत्री हिमनद किस राज्य में स्थित है?
a) हिमाचल प्रदेश
b) उत्तराखंड
c) सिक्किम
d) अरुणाचल प्रदेश
👉 उत्तर: b) उत्तराखंड

प्रश्न 2.
गंगोत्री हिमनद किस नदी का मुख्य उद्गम स्थल है?
a) यमुना
b) गंगा
c) ब्रह्मपुत्र
d) सरस्वती
👉 उत्तर: b) गंगा

प्रश्न 3.
गंगोत्री हिमनद की अनुमानित लंबाई कितनी है?
a) 5 किमी
b) 10 किमी
c) 30 किमी
d) 50 किमी
👉 उत्तर: c) 30 किमी

प्रश्न 4.
गंगोत्री हिमनद का उच्चतम शिखर कौन-सा है?
a) नंदा देवी
b) शिवलिंग
c) केदार डोम
d) सतपंथा
👉 उत्तर: b) शिवलिंग

प्रश्न 5.
गंगोत्री हिमनद किस पर्वत शृंखला में स्थित है?
a) काराकोरम
b) अरावली
c) हिमालय
d) सह्याद्रि
👉 उत्तर: c) हिमालय

प्रश्न 6.
गंगोत्री हिमनद किस प्रकार के हिमनद का उदाहरण है?
a) पर्वतीय हिमनद
b) महाद्वीपीय हिमनद
c) ज्वालामुखीय हिमनद
d) हिमशैल (Iceberg)
👉 उत्तर: a) पर्वतीय हिमनद

प्रश्न 7.
गंगोत्री हिमनद से निकलने वाली भागीरथी नदी आगे किस नाम से जानी जाती है?
a) सरस्वती
b) गंगा
c) मंदाकिनी
d) अलकनंदा
👉 उत्तर: b) गंगा

प्रश्न 8.
गंगोत्री हिमनद किस प्रकार की मिट्टी के निर्माण में योगदान करता है?
a) रेगुर मिट्टी
b) जलोढ़ मिट्टी
c) लाल मिट्टी
d) लेटेराइट मिट्टी
👉 उत्तर: b) जलोढ़ मिट्टी

प्रश्न 9.
गंगोत्री हिमनद का मुख्य खतरा किस कारण से है?
a) वनों की कटाई
b) ग्लोबल वार्मिंग
c) जनसंख्या वृद्धि
d) भूकंप
👉 उत्तर: b) ग्लोबल वार्मिंग

प्रश्न 10.
गंगोत्री हिमनद से प्रभावित क्षेत्र में कौन-सी जलवायु पाई जाती है?
a) उष्णकटिबंधीय
b) मरुस्थलीय
c) अल्पाइन
d) मानसूनी
👉 उत्तर: c) अल्पाइन

प्रश्न 11.
गंगोत्री हिमनद के आसपास किस प्रकार के वनों का प्रभुत्व है?
a) साल वन
b) देवदार और चीड़
c) मैंग्रोव वन
d) झाड़ीदार वन
👉 उत्तर: b) देवदार और चीड़

प्रश्न 12.
गंगोत्री हिमनद किस जिले में आता है?
a) रुद्रप्रयाग
b) उत्तरकाशी
c) चमोली
d) टिहरी
👉 उत्तर: b) उत्तरकाशी

प्रश्न 13.
गंगोत्री हिमनद की ऊँचाई लगभग कितनी है?
a) 1000 मीटर
b) 2500 मीटर
c) 4100 मीटर
d) 7000 मीटर
👉 उत्तर: c) 4100 मीटर

प्रश्न 14.
गंगोत्री हिमनद का सबसे बड़ा योगदान क्या है?
a) पर्यटन
b) खेती
c) जल आपूर्ति
d) वनों का विस्तार
👉 उत्तर: c) जल आपूर्ति

प्रश्न 15.
गंगोत्री हिमनद का पिघलना किस प्रक्रिया को दर्शाता है?
a) अपक्षय
b) अपरदन
c) हिमनदीय गतिशीलता
d) अपवाह
👉 उत्तर: c) हिमनदीय गतिशीलता

प्रश्न 16.
गंगोत्री हिमनद भारतीय मानसून को किस प्रकार प्रभावित करता है?
a) वायुमंडलीय नमी बढ़ाकर
b) मानसूनी हवाओं को रोककर
c) तापमान बढ़ाकर
d) महासागरीय धाराओं को बदलकर
👉 उत्तर: a) वायुमंडलीय नमी बढ़ाकर

प्रश्न 17.
गंगोत्री हिमनद से जुड़े ‘गोमुख’ का क्या महत्व है?
a) धार्मिक स्थल
b) पर्यटन स्थल
c) गंगा नदी का उद्गम
d) उपरोक्त सभी
👉 उत्तर: d) उपरोक्त सभी

प्रश्न 18.
गंगोत्री हिमनद के सिकुड़ने से कौन-सी प्रमुख समस्या उत्पन्न होगी?
a) बाढ़
b) सूखा और जल संकट
c) भूकंप
d) ज्वालामुखी
👉 उत्तर: b) सूखा और जल संकट

प्रश्न 19.
गंगोत्री हिमनद का पिघलना किस अंतरराष्ट्रीय चिंता से जुड़ा है?
a) वैश्विक व्यापार
b) वैश्विक ऊष्मीकरण
c) वैश्विक प्रदूषण
d) जनसंख्या विस्फोट
👉 उत्तर: b) वैश्विक ऊष्मीकरण

प्रश्न 20.
गंगोत्री हिमनद का भविष्य किस पर सबसे अधिक निर्भर करता है?
a) तकनीकी विकास
b) धार्मिक आस्था
c) जलवायु परिवर्तन
d) पर्यटन नीति
👉 उत्तर: c) जलवायु परिवर्तन

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