Geographical location of Satpura mountain range
परिचय
- सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला, जिसे सतपुड़ा रेंज भी कहा जाता है, भारत की एक महत्वपूर्ण पर्वत श्रृंखला है, जो मध्य भारत में स्थित है। इस पर्वत श्रृंखला का नाम संस्कृत के शब्द “सतपुड़ा” से लिया गया है, जिसका अर्थ “सात पहाड़ियाँ” होता है। सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला न केवल अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यह मध्य भारत के भूगोल, पारिस्थितिकी और जलवायु को भी महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करती है।
आज हम Geographical location of Satpura mountain range के बारे में जानने वाले है।
सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला का विस्तार
- सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला पश्चिम से पूर्व की दिशा में फैली हुई है। यह गुजरात के पूर्वी हिस्से से शुरू होकर महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ तक फैली हुई है। सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला नर्मदा और ताप्ती नदियों के बीच स्थित है, जो इसे विंध्य पर्वत श्रृंखला से अलग करती है। यह पर्वत श्रृंखला पश्चिम में राजपीपला की पहाड़ियों से लेकर पूर्व में अमरकंटक तक फैली हुई है। इसकी कुल लंबाई लगभग 900 किलोमीटर है, जो इसे भारत की प्रमुख पर्वत श्रृंखलाओं में से एक बनाती है।
भौगोलिक स्थिति और विशेषताएँ
- सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला मध्य भारत के पठारी क्षेत्र का हिस्सा है और यह पठारी भूभाग के एक महत्वपूर्ण हिस्से को कवर करती है। इस पर्वत श्रृंखला की औसत ऊंचाई 600 से 900 मीटर के बीच है, जबकि इसका सबसे ऊंचा शिखर धूपगढ़, 1,350 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। धूपगढ़ शिखर मध्य प्रदेश के पचमढ़ी हिल स्टेशन में स्थित है और यह सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला का प्रमुख आकर्षण है।
- सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला का भूगोल विभिन्न प्रकार के भू-आकृतिक रूपों का निर्माण करता है, जिसमें गहरी घाटियाँ, संकीर्ण खड्डें, चट्टानी पठार, और उष्णकटिबंधीय वर्षावन शामिल हैं। इस पर्वत श्रृंखला का क्षेत्रफल कई नदियों और जलस्रोतों के लिए महत्वपूर्ण है, जो मध्य भारत की जलवायु और कृषि को प्रभावित करती हैं।
सतपुड़ा की प्रमुख नदियाँ
- सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला के कारण कई प्रमुख नदियाँ निकलती हैं, जो इस क्षेत्र की जलापूर्ति और कृषि के लिए महत्वपूर्ण हैं। इन नदियों में ताप्ती, गोदावरी, सोनभद्र, और पेंच प्रमुख हैं। ये नदियाँ सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला की ढलानों से निकलकर आसपास के क्षेत्रों में बहती हैं, जिससे इन क्षेत्रों की सिंचाई और जलापूर्ति होती है। नर्मदा नदी, जो सतपुड़ा और विंध्य पर्वत श्रृंखलाओं के बीच बहती है, इस क्षेत्र की सबसे प्रमुख नदी है और इसे मध्य भारत की जीवन रेखा माना जाता है।
सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला का पारिस्थितिकी तंत्र
- सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला का पारिस्थितिकी तंत्र अत्यंत विविध और समृद्ध है। इस क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के वन्यजीव और वनस्पतियाँ पाई जाती हैं। सतपुड़ा के जंगलों में सागौन, साल, बाँस, और महुआ जैसे पेड़ पाए जाते हैं। इसके अलावा, इस क्षेत्र में बाघ, तेंदुआ, सांभर, चीतल, और कई अन्य वन्यजीव पाए जाते हैं। सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान और पचमढ़ी बायोस्फीयर रिजर्व इस पर्वत श्रृंखला के प्रमुख संरक्षित क्षेत्र हैं, जहाँ वन्यजीवन और पारिस्थितिकी को संरक्षित किया जाता है।
- सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला का पारिस्थितिकी तंत्र न केवल वन्यजीवन के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह इस क्षेत्र की जलवायु को भी नियंत्रित करता है। इस क्षेत्र में वर्षा की मात्रा मानसून के समय में महत्वपूर्ण होती है, जिससे यहाँ के जंगल और नदियाँ समृद्ध होती हैं।
- सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला का मानव जीवन पर भी गहरा प्रभाव है। इस क्षेत्र में कई आदिवासी समुदाय निवास करते हैं, जो सदियों से इस पर्वत श्रृंखला के जंगलों और संसाधनों पर निर्भर हैं। ये आदिवासी समुदाय अपनी पारंपरिक जीवनशैली का पालन करते हैं और कृषि, पशुपालन, और वन उत्पादों पर निर्भर होते हैं। सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला के जंगल इन समुदायों के लिए भोजन, इंधन, और आवास सामग्री का प्रमुख स्रोत हैं।
- इसके अलावा, सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला मध्य भारत के भूगोल और जलवायु को भी नियंत्रित करती है। यह क्षेत्र मध्य भारत के पठारी इलाके का हिस्सा है और यहाँ की जलवायु मुख्य रूप से मानसूनी होती है। सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला के जंगल और नदियाँ इस क्षेत्र की जलवायु को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व
- सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला का भारतीय इतिहास और संस्कृति में भी महत्वपूर्ण स्थान है। इस क्षेत्र में कई प्राचीन मंदिर, किले, और ऐतिहासिक स्थल स्थित हैं, जो भारतीय संस्कृति और इतिहास के गवाह हैं। इसके अलावा, सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला से जुड़े कई मिथक और कथाएँ भी हैं, जो इस क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर को समृद्ध करती हैं।
- सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला का नाम कई प्राचीन ग्रंथों और साहित्य में भी मिलता है। यह क्षेत्र वैदिक काल से लेकर मुगल काल तक कई ऐतिहासिक घटनाओं का साक्षी रहा है। इस पर्वत श्रृंखला के जंगल और घाटियाँ कई विद्रोहों और स्वतंत्रता संग्राम के दौरान छुपने और रणनीतिक योजना बनाने के लिए इस्तेमाल की गईं।
पर्यावरणीय चुनौतियाँ और संरक्षण प्रयास
- सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला का पारिस्थितिकी तंत्र और मानव जीवन पर प्रभाव इसकी पर्यावरणीय चुनौतियों के कारण भी महत्वपूर्ण हो जाता है। इस क्षेत्र में बढ़ती जनसंख्या, अवैध वन कटाई, और खनन जैसे कारणों से पर्यावरणीय संकट उत्पन्न हो रहा है। इसके अलावा, जलवायु परिवर्तन के कारण इस क्षेत्र की जलवायु और पारिस्थितिकी में भी बदलाव आ रहा है, जो यहाँ के वन्यजीवन और मानव जीवन को प्रभावित कर रहा है।
- इस क्षेत्र के संरक्षण के लिए सरकार और विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं। सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान, पचमढ़ी बायोस्फीयर रिजर्व, और अन्य संरक्षित क्षेत्रों के माध्यम से यहाँ के वन्यजीवन और पारिस्थितिकी को संरक्षित किया जा रहा है। इसके अलावा, स्थानीय समुदायों को पर्यावरण संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूक किया जा रहा है और उन्हें पर्यावरणीय संरक्षण के प्रयासों में शामिल किया जा रहा है।
निष्कर्ष-Geographical location of Satpura mountain range-
- सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला न केवल मध्य भारत के भूगोल और पारिस्थितिकी के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह क्षेत्र के मानव जीवन, इतिहास, और संस्कृति के लिए भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है। इस पर्वत श्रृंखला का प्राकृतिक सौंदर्य, वन्यजीवन, और सांस्कृतिक धरोहर इसे एक अद्वितीय स्थान बनाते हैं। इसके अलावा, सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला का पर्यावरणीय महत्व और इसके संरक्षण के प्रयास इस क्षेत्र के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण हैं।
चलिए कुछ प्रश्न देखते है-
Q.1 सतपुड़ा पर्वत कहाँ स्थित है? Where is Satpura mountain located?
ANS.
- स्थान: सतपुड़ा पर्वत मध्य भारत में स्थित है। यह मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के राज्यों में फैला हुआ है।
- विस्तार: सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला विंध्याचल पर्वत श्रृंखला के दक्षिण में स्थित है। यह लगभग 900 किलोमीटर लंबी है और नर्मदा और तापी नदियों के बीच स्थित है।
- मुख्य चोटियां: इस पर्वत श्रृंखला की प्रमुख चोटियों में धूपगढ़ (1,350 मीटर) और महादेव हिल्स शामिल हैं।
- भौगोलिक महत्व: सतपुड़ा पर्वत मध्य भारत की भौगोलिक संरचना का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह क्षेत्र के जलवायु और वनस्पति पर गहरा प्रभाव डालता है।
- वन्यजीव और वनस्पति: सतपुड़ा पर्वत क्षेत्र घने जंगलों, वन्यजीव अभ्यारण्यों और जैव विविधता से समृद्ध है। यहाँ बाघ, तेंदुआ, भालू, और कई अन्य वन्यजीव पाए जाते हैं।
- नदियाँ: सतपुड़ा पर्वत से नर्मदा और तापी जैसी प्रमुख नदियों का उद्गम होता है, जो भारत के प्रमुख जल संसाधनों में से हैं।
- संरक्षण: सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान और सतपुड़ा बायोस्फीयर रिजर्व इस क्षेत्र की जैव विविधता और प्राकृतिक सौंदर्य को संरक्षित करने के लिए स्थापित किए गए हैं।
Q.2 सतपुड़ा श्रेणी में कौन सी मिट्टी पाई जाती है? Which soil is found in the Satpura range?
ANS.
काली मिट्टी (रेगुर मिट्टी):
- विशेषताएँ: सतपुड़ा श्रेणी में मुख्य रूप से काली मिट्टी पाई जाती है, जिसे रेगुर मिट्टी भी कहा जाता है। यह मिट्टी गहरी और उर्वर होती है, जो कपास की खेती के लिए प्रसिद्ध है।
- उत्पत्ति: काली मिट्टी मुख्य रूप से बेसाल्टिक चट्टानों के अपघटन से बनी है, जो सतपुड़ा श्रेणी में व्यापक रूप से पाई जाती हैं।
- जलधारण क्षमता: इस मिट्टी की जलधारण क्षमता बहुत अधिक होती है, जो सूखा प्रतिरोधी फसलों के लिए अनुकूल है।
लाल मिट्टी:
- विशेषताएँ: सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला के कुछ हिस्सों में लाल मिट्टी भी पाई जाती है। यह मिट्टी लोहे के ऑक्साइड की उपस्थिति के कारण लाल रंग की होती है।
- उत्पत्ति: यह मिट्टी प्राचीन क्रिस्टलीय और मेटामॉर्फिक चट्टानों के अपघटन से बनी है।
- उर्वरता: लाल मिट्टी की उर्वरता सामान्य होती है और इसे कृषि के लिए उर्वरकों की आवश्यकता होती है।
लेटेराइट मिट्टी:
- विशेषताएँ: सतपुड़ा के ऊँचे हिस्सों में लेटेराइट मिट्टी पाई जाती है, जो लाल-भूरी रंग की होती है।
- उत्पत्ति: यह मिट्टी गर्म और आर्द्र जलवायु में चट्टानों के अत्यधिक अपक्षय से बनती है।
- उपयोग: लेटेराइट मिट्टी में उर्वरक सामग्री कम होती है, लेकिन यह चाय, कॉफी, और अन्य बागवानी फसलों के लिए उपयुक्त होती है।
Q.3 सतपुड़ा पर्वत कितने राज्यों में फैला है? Satpura mountain is spread over how many states?
ANS.
राज्य: सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला भारत के चार प्रमुख राज्यों में फैली हुई है:
- मध्य प्रदेश: सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला का सबसे बड़ा हिस्सा मध्य प्रदेश में स्थित है, जहां इसकी प्रमुख चोटियां और वन्यजीव अभ्यारण्य स्थित हैं।
- महाराष्ट्र: सतपुड़ा पर्वत का कुछ हिस्सा महाराष्ट्र में भी आता है, जहां यह पश्चिमी घाट से मिलता है।
- छत्तीसगढ़: सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला का पूर्वी हिस्सा छत्तीसगढ़ राज्य में स्थित है।
- गुजरात
विस्तार: यह पर्वत श्रृंखला उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व दिशा में फैली हुई है, और नर्मदा और तापी नदियों के बीच स्थित है। इसकी कुल लंबाई लगभग 900 किलोमीटर है।
Q.4 सतपुड़ा पर्वत को कितने भागों में बांटा गया है? Into how many parts is Satpura mountain divided?
ANS.
- तीन मुख्य भाग:
सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला को भौगोलिक दृष्टि से तीन प्रमुख भागों में बांटा गया है:
- पूर्वी सतपुड़ा (Eastern Satpura):
यह भाग नर्मदा नदी के पूर्व में स्थित है और छत्तीसगढ़ के निकट फैला हुआ है। इस क्षेत्र की ऊंचाई अपेक्षाकृत कम होती है और यह पहाड़ियों और छोटे पर्वतों से मिलकर बना है। - मध्य सतपुड़ा (Central Satpura):
मध्य सतपुड़ा, मध्य प्रदेश के हृदय में स्थित है और इस श्रृंखला का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहां धूपगढ़ जैसी प्रमुख चोटियां और सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान स्थित हैं। यह भाग सतपुड़ा का सबसे ऊंचा और विस्तृत क्षेत्र है। - पश्चिमी सतपुड़ा (Western Satpura):
यह भाग महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश की सीमा पर स्थित है। पश्चिमी सतपुड़ा में कई प्रमुख नदियों का उद्गम होता है, और यह क्षेत्र घने जंगलों और जैव विविधता के लिए जाना जाता है।
Q.5 सतपुड़ा पर्वत का दूसरा नाम क्या है? What is the other name of Satpura mountain?
ANS. सतपुड़ा पर्वत का दूसरा नाम: एक संक्षिप्त नोट्स
दूसरा नाम:
- सतपुड़ा पर्वत को ‘महादेव पहाड़ियाँ’ भी कहा जाता है।
- यह नाम विशेष रूप से सतपुड़ा की मध्य पर्वत श्रेणी के लिए प्रयोग किया जाता है, जहां महादेव हिल्स स्थित हैं।
महादेव हिल्स:
- महादेव हिल्स सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला की सबसे ऊंची चोटियों में से एक है। यह मध्य प्रदेश के पचमढ़ी क्षेत्र में स्थित है।
- इस क्षेत्र का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी है, और यहां महादेव मंदिर भी स्थित है, जिसे लेकर इस नाम का प्रचलन है।
भौगोलिक महत्व:
- महादेव हिल्स सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला के केंद्रीय भाग का प्रतिनिधित्व करती है और यह क्षेत्र अपनी प्राकृतिक सुंदरता और विविधता के लिए प्रसिद्ध है।
Q.6 सतपुड़ा क्यों प्रसिद्ध है? Why is Satpura famous?
ANS. प्राकृतिक सौंदर्य और भौगोलिक विविधता:
- सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला अपनी प्राकृतिक सुंदरता और भौगोलिक विविधता के लिए प्रसिद्ध है। यह घने जंगलों, गहरी घाटियों, और ऊंची चोटियों का घर है, जो इसे एक महत्वपूर्ण भौगोलिक स्थल बनाते हैं।
जैव विविधता और वन्यजीव:
- सतपुड़ा क्षेत्र जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान और बायोस्फीयर रिजर्व स्थित हैं, जो बाघ, तेंदुआ, भालू, और विभिन्न वनस्पतियों और जीवों का संरक्षण करते हैं।
धूपगढ़ और महादेव हिल्स:
- सतपुड़ा पर्वत की धूपगढ़ चोटी, जो 1,350 मीटर ऊंची है, मध्य प्रदेश की सबसे ऊंची चोटी है। महादेव हिल्स भी इस क्षेत्र की एक प्रमुख विशेषता है और धार्मिक महत्व रखती है।
नदियों का उद्गम:
- सतपुड़ा पर्वत से कई महत्वपूर्ण नदियों का उद्गम होता है, जैसे नर्मदा और तापी। ये नदियाँ क्षेत्र के जल संसाधन का प्रमुख स्रोत हैं।
पचमढ़ी:
- सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला में स्थित पचमढ़ी हिल स्टेशन अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। इसे “सतपुड़ा की रानी” भी कहा जाता है।
धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व:
- महादेव हिल्स और पचमढ़ी क्षेत्र का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है, जहां कई मंदिर और धार्मिक स्थल हैं, जो इसे श्रद्धालुओं के लिए महत्वपूर्ण बनाते हैं।
Q.7. सतपुड़ा पर्वत की सबसे ऊंची चोटी? The highest peak of Satpura mountain?
ANS.
नाम:
- सतपुड़ा पर्वत की सबसे ऊंची चोटी धूपगढ़ है।
ऊंचाई:
- धूपगढ़ की ऊंचाई लगभग 1,350 मीटर (4,429 फीट) है, जो इसे मध्य प्रदेश राज्य की सबसे ऊंची चोटी बनाती है।
स्थान:
- यह चोटी मध्य प्रदेश के पचमढ़ी क्षेत्र में स्थित है, जो सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
विशेषताएँ:
- धूपगढ़ चोटी से सूर्योदय और सूर्यास्त का दृश्य अत्यंत मनमोहक होता है, जो इसे पर्यटकों के बीच बहुत लोकप्रिय बनाता है।
- इस क्षेत्र में घने जंगल और समृद्ध जैव विविधता पाई जाती है, जो इसे एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक स्थल बनाते हैं।
पर्यटन:
- धूपगढ़ पचमढ़ी के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है, जहां से आसपास के सुंदर दृश्य देखे जा सकते हैं। यहाँ ट्रेकिंग और हाइकिंग के शौकीनों के लिए भी यह एक आकर्षक स्थान है।
Q.8 राजपीपला पहाड़ी किस राज्य में है? Rajpipla hill is in which state?
ANS. स्थान:
- राजपीपला पहाड़ी गुजरात राज्य में स्थित है। यह पश्चिमी भारत के गुजरात राज्य के नर्मदा जिले में पाई जाती है।
भौगोलिक विशेषताएँ:
- राजपीपला पहाड़ी, सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला का एक हिस्सा है। यह क्षेत्र घने जंगलों और प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है।
- यहाँ की पहाड़ियाँ नर्मदा नदी के दक्षिणी किनारे के पास फैली हुई हैं और यह क्षेत्र वन्यजीवों और वनस्पतियों से समृद्ध है।
राजपीपला का ऐतिहासिक महत्व:
- राजपीपला पहाड़ियों का नाम राजपीपला रियासत से जुड़ा हुआ है, जो भारत के स्वतंत्रता पूर्वकाल में एक प्रमुख रियासत थी। इस क्षेत्र का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व भी है।
पर्यटन और वन्यजीव:
- राजपीपला पहाड़ी क्षेत्र में शूलपाणेश्वर वन्यजीव अभयारण्य और अन्य पर्यटक स्थल स्थित हैं, जो प्राकृतिक सौंदर्य और वन्यजीवों के संरक्षण के लिए जाने जाते हैं।
जलवायु:
- इस क्षेत्र की जलवायु नम और उपोष्णकटिबंधीय है, जिसमें अच्छी वर्षा होती है। यह क्षेत्र मानसून के दौरान अत्यधिक हरा-भरा हो जाता है।
Q.9 सतपुड़ा पर्वत किसका उदाहरण है? Satpura mountain is an example of what?
ANS.
ब्लॉक पर्वत (Block Mountain) का उदाहरण:
- सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला ब्लॉक पर्वत का एक प्रमुख उदाहरण है। यह पर्वत श्रृंखला धरती की सतह के भौगोलिक आंदोलनों के कारण बनी है, जब दो भूभागों के बीच का हिस्सा उठकर एक ब्लॉक के रूप में ऊपर आ गया।
भूवैज्ञानिक संरचना:
- सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला का निर्माण टेक्टोनिक प्लेटों के खिसकने और दबाव के कारण हुआ है, जिससे भूभाग के कुछ हिस्से ऊपर उठ गए और अन्य हिस्से नीचे धंस गए। इस प्रक्रिया को “होर्स्ट और ग्राबेन संरचना” के रूप में भी जाना जाता है।
उदाहरण:
- सतपुड़ा पर्वत, नर्मदा घाटी के साथ उठे हुए भूभाग का एक हिस्सा है, जो कि सतपुड़ा और विंध्याचल पर्वत श्रृंखलाओं के बीच स्थित है।
भौगोलिक महत्व:
- सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला का भौगोलिक महत्व बहुत बड़ा है, क्योंकि यह क्षेत्र के जलवायु, जल संसाधनों, और जैव विविधता पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालती है।
Q.10 सतपुड़ा की श्रेणियां कितनी है? How many ranges are there in Satpura?
ANS.
मुख्य श्रेणियाँ:
- सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला को तीन प्रमुख श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है:
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- पूर्वी सतपुड़ा श्रेणी
- मध्य सतपुड़ा श्रेणी
- पश्चिमी सतपुड़ा श्रेणी
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पूर्वी सतपुड़ा श्रेणी:
- यह सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला का पूर्वी भाग है, जो छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में फैला हुआ है।
- इस श्रेणी में पहाड़ियों की ऊंचाई अपेक्षाकृत कम होती है।
मध्य सतपुड़ा श्रेणी:
- मध्य सतपुड़ा श्रेणी सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला का केंद्रीय और सबसे महत्वपूर्ण भाग है।
- यहां की प्रमुख चोटियों में धूपगढ़ (1,350 मीटर) शामिल है, जो मध्य प्रदेश की सबसे ऊंची चोटी है।
- यह श्रेणी पचमढ़ी और महादेव हिल्स जैसे प्रसिद्ध स्थानों के लिए जानी जाती है।
पश्चिमी सतपुड़ा श्रेणी:
- यह श्रेणी पश्चिमी दिशा में महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के बीच फैली हुई है।
- इस क्षेत्र में घने जंगल, वन्यजीव अभ्यारण्य और नदियों का उद्गम होता है।