Mount Everest History Formation Present and Future

माउंट एवरेस्ट : इतिहास, निर्माण, वर्तमान और भविष्य Mount Everest History Formation Present and Future

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1 माउंट एवरेस्ट : इतिहास, निर्माण, वर्तमान और भविष्य Mount Everest History Formation Present and Future

Mount Everest History Formation Present and Future पर जानिए माउंट एवरेस्ट का इतिहास, भू-वैज्ञानिक निर्माण, वर्तमान स्थिति और भविष्य की चुनौतियाँ। UPSC व अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण जानकारी सरल हिंदी में।

Mount Everest History Formation Present and Future

1) परिचय: एवरेस्ट क्यों और कैसे महत्वपूर्ण है?

  • ऊँचाई: ~8,848.86 मीटर (नेपाल-चीन का संयुक्त सर्वे, 2020)।

  • स्थान: हिमालय की महान (Greater) हिमालय श्रेणी, नेपाल-तिब्बत (चीन) सीमा पर; एवरेस्ट का दक्षिणी चेहरा नेपाल के सगरमाथा राष्ट्रीय उद्यान में आता है।

  • नाम: नेपाल में सगरमाथा (“आकाश का माथा”), तिब्बती में चोमोलुंग्मा (“देवी माँ”), ब्रिटिश मानचित्रण में “Mount Everest”।

  • UPSC एंगल: भौतिक भूगोल (प्लेट टेक्टॉनिक्स), पर्वतीय जलवायु, भारतीय मानसून पर प्रभाव, आपदा प्रबंधन (हिमस्खलन, GLOF), जैव विविधता, मानव-भूगोल (शेरपा समाज)।


2) निर्माण प्रक्रिया: प्लेट टेक्टॉनिक्स, टेथिस सागर और हिमालय

(A) टेथिस सागर से हिमालय तक

  • टेथिस सागर: प्राचीन महासागरीय द्रोणी जो भारतीय प्लेट और यूरेशियन प्लेट के बीच स्थित थी।

  • भारतीय प्लेट दक्षिण से उत्तर की ओर ~15–20 सेमी/वर्ष की गति से बढ़ी; ~50–55 मिलियन वर्ष पहले यूरेशियन प्लेट से टकराई।

  • टकराव से टेथिस के समुद्री अवसाद (sediments) और चूना-पत्थर/शेल/बलुआ-पत्थर की परतें उठकर मुड़ी—यहीं से हिमालय बना; इन्हीं अवसादों में समुद्री जीवाश्म मिलते हैं (एवरेस्ट की चोटी के पास की चट्टानों में भी)।

(B) आज भी क्यों “युवा” है हिमालय?

  • प्लेटों का धक्का अब भी जारी है; हिमालय में औसत उर्ध्वारोहण ~5–10 मि.मी./वर्ष के क़रीब आँका जाता है।

  • साथ-साथ अपक्षय/अपरदन (नदियाँ, हिमनद) भी उतनी ही तीव्र—यानी निर्माण और क्षरण की गतिशील संतुलन अवस्था

(C) एवरेस्ट क्षेत्र की शैल/संरचना

  • शिखर क्षेत्र में चूना-पत्थर/डोलोमाइट, नीचे क्वार्ट्जाइट/शिस्ट—यह थ्रस्ट शीट और नैपी संरचनाओं का परिणाम है (Main Central Thrust, Main Boundary Thrust आदि से नीचे की ओर क्रम)।


3) हिमालय की श्रेणियाँ और एवरेस्ट का स्थान

  1. ट्रांस-हिमालय: कराकोरम, लद्दाख, ज़ांस्कर—मुख्य हिमालय के उत्तर में।

  2. महान/ग्रेटर हिमालय (हिमाद्रि): सबसे ऊँची रेखा—यहीं एवरेस्ट, कंचनजंघा, ल्होत्से, मकालू, चो-ओयू जैसी चोटियाँ।

  3. लघु/मध्य हिमालय (हिमाचल): धौलाधार, पीर-पंजाल—ऊँचाई मध्यम, अत्यधिक अपक्षयित।

  4. शिवालिक: बाह्य, निचली नई पर्वतरांग—नदी-घाटियों के साथ कंकड़-बजरी/मिट्टी के निक्षेप।

एवरेस्ट — ग्रेटर हिमालय की रीढ़ पर, नेपाल-तिब्बत सीमा के निकट, खुम्बू क्षेत्र में।


4) एवरेस्ट क्षेत्र की नदियाँ, हिमालय की प्रमुख नदियाँ

(A) एवरेस्ट/खुम्बू क्षेत्र

  • खुम्बू हिमनद → दुघ्‍धकोशी (Dudh Kosi) तंत्र में जल देता है; आगे चलकर सप्तकोशी (Koshi) प्रणाली में शामिल।

  • अरुण नदी (तिब्बत से नेपाल) भी सप्तकोशी का हिस्सा है—हिमालय कटिंग के शानदार उदाहरण।

(B) हिमालय से उद्गमित/संचालित प्रमुख नदी प्रणालियाँ

  • सिंधु (जास्कर/कराकोरम क्षेत्र, सहायक: चिनाब, झेलम, रावी, सतलुज, ब्यास)।

  • गंगा (भागीरथी/अलकनंदा, सहायक: यमुना, घाघरा, गंडक, कोसी आदि)।

  • ब्रह्मपुत्र (तिब्बत में त्संगपो; अरुणाचल में सियांग; असम में ब्रह्मपुत्र)।

  • UPSC टिप:तीन महान प्रणालियाँ—इंडस-गंगा-ब्रह्मपुत्र (IGB)—हिमालय की जलवायु/हिमनद/मानसून पर सीधी निर्भर।”


5) जलवायु, जेट स्ट्रीम और वायु परिसंचरण

(A) ऊँचाई आधारित जलवायु

  • ट्रोपोस्फियर पतला; ऊँचाई बढ़ते ही तापमान ~6.5°C/किमी घटता; एवरेस्ट शिखर पर औसत वार्षिक ताप −20°C से नीचे, सर्दियों में बेहद कम, विंड-चिल अत्यधिक।

  • वायु दाब बहुत कम—ऑक्सीजन अंश ~समतल का एक-तिहाई; यही कारण है कि “डेथ-ज़ोन” (~8,000 मी.) का जोखिम।

(B) जेट स्ट्रीम (Jet Streams) का रोल

  • सबट्रॉपिकल वेस्टरली जेट (STWJ)—सर्दियों में भारत के 25–30°N पर मज़बूत; हिमालय के ऊपर तीव्र हवाएँ, एवरेस्ट पर 150–200 किमी/घं. तक; चढ़ाई खिड़की प्रायः वसंत/शरद जब जेट कमजोर/शिफ्ट होता है।

  • ट्रॉपिकल ईस्टरली जेट (TEJ)—दक्षिण-पश्चिम मानसून काल में स्थापित; मानसून प्रवाह को बल देता।

  • वेस्टरलीज़ + वेस्टर्न डिस्टर्बेंसेज़—सर्दियों/वसंत की हिमपात-आंधियाँ; एवरेस्ट पर अचानक मौसम बदलता है।

(C) भारतीय जलवायु पर हिमालय/एवरेस्ट का प्रभाव

  • ठंडी मध्य एशियाई हवाओं को रोककर उत्तरी भारत को अत्यधिक शीत-मरुस्थलीय बनने से बचाता है।

  • मानसूनी पवनों को बाधित कर ओरोग्राफिक वर्षा कराता—पूर्वी/दक्षिणी ढाल पर अधिक वर्षा, तिब्बत पठार वर्षाछाया।

  • मानसून ट्रैक/लो-प्रेशर को निर्देशित करने में पर्वत-अवरोध महत्वपूर्ण।


6) वन, मृदा (Soils) और जैव विविधता

(A) ऊँचाई आधारित वन पट्टियाँ (Altitudinal Zonation)

  1. निचला/उप-उष्णकटिबंधीय (600–1500 मी.): साल, चीड़, शाल्मली, बाँस।

  2. समशीतोष्ण पतझड़ी/शंकुधारी (1500–3000 मी.): ओक, देवदार, फ़र, स्प्रूस, रोडोडेंड्रॉन।

  3. उप-अल्पाइन/अल्पाइन (3000–4500+ मी.): बौने झाड़, अल्पाइन घासभूमि, जड़ी-बूटियाँ; ऊपर निवासी वन नहीं, केवल लाइकेन-मॉस।

  • सगरमाथा राष्ट्रीय उद्यान (UNESCO): हिमालयन थार, हिमालयी मोनाल, हिम तेंदुआ (प्रतीकात्मक उपस्थिति), रेड पांडा (निम्नतर पट्टियों में) इत्यादि।

(B) मृदा

  • माउंटेन स्केलेटल/फ़ॉरेस्ट सोइल्स, पतली, कार्बनिक पदार्थ कम, ढालों पर क्षरण/धसाव तीव्र; घाटियों/टेरेस पर अलुवियल निक्षेप अधिक उपजाऊ।


7) मानव-भूगोल: बसावट, आजीविका, संस्कृति

  • शेरपा समुदाय (खुम्बू क्षेत्र): उच्च-ऊँचाई जीवन, पर्वत-मार्गदर्शन/हाई-एल्टीट्यूड पोर्टर; बौद्ध संस्कृति (गुम्बा/मठ), याक-पालन, सीमित खेती (आलू, जौ, कुट्टू), पर्यटन से जीविका।

  • जनसंख्या घनत्व ऊँचाई बढ़ने के साथ घटता; स्थायी बसावट ~3500–4000 मी. से ऊपर बहुत कम।

  • पर्यटन/ट्रेकिंग (एवरेस्ट बेस कैंप ट्रेक) स्थानीय अर्थव्यवस्था की रीढ़; साथ ही कचरा/मानव-अपशिष्ट एक नया पर्यावरणीय संकट।


8) एवरेस्ट की चढ़ाई: मार्ग, मौसम, “डेथ ज़ोन”

  • दो मुख्य मार्ग: (i) दक्षिण कोल मार्ग (नेपाल) – खुम्बू आइसफॉल → वेस्टर्न कूम → ल्होत्से फेस → साउथ कोल → हिलेरी स्टेप के पास → शिखर। (ii) नॉर्थ कोल मार्ग (तिब्बत) – कम तकनीकी आइसफॉल, पर तेज़ हवाएँ/ठंड।

  • चढ़ाई खिड़कियाँ: सामान्यतः मई (प्री-मानसून) और सितंबर-अक्टूबर (पोस्ट-मानसून), जब हवाएँ/जेट अपेक्षाकृत शांत।

  • खतरे: उच्च-ऊंचाई पल्मोनरी/सेरेब्रल एडिमा (HAPE/HACE), हाइपोथर्मिया, हिमस्खलन, खुम्बू आइसफॉल के सीराक टूटना, क्रेवास, तूफ़ान, व्हाइट-आउट


9) ख़तरे वाले क्षेत्र (Danger Zones) और आपदा जोखिम

  • खुम्बू आइसफॉल: गतिशील बर्फ—सीराक/लैडर क्रॉसिंग; सुबह जल्दी पार करना सुरक्षित।

  • वेस्टर्न कूम: ‘हॉट बॉक्स’ प्रभाव—दिन में तीव्र सौर विकिरण, ग्लेशियर सतह पर पिघलन/स्लश।

  • ल्होत्से फेस: कठोर नीली बर्फ, 40–50° ढाल; फिक्स्ड रोप पर तकनीकी चढ़ाई।

  • हिलेरी स्टेप/समिट रिज: तेज़ हवाएँ, भीड़, थकान।

  • GLOFs (Glacial Lake Outburst Floods): निचले घाटियों (खुम्बू/डूधकोशी) में संभावित; जलवायु परिवर्तन से हिमनद झीलें अस्थिर।

  • मानव-निर्मित जोखिम: भीड़भाड़, अपर्याप्त अनुभव, ऑक्सीजन/लॉजिस्टिक्स विफलता, कचरा।


10) पर्यावरणीय परिवर्तन: ग्लेशियर, बर्फ-रेखा और भविष्य

  • हिमनद संकुचन: औसत बर्फ-रेखा ऊपर खिसकना, पतन दर घाटियों के अनुसार भिन्न; गर्मी की लहरें और ब्लैक कार्बन जमाव से अल्बेडो घटता है।

  • हिमस्खलन/पिघलन पैटर्न बदलना; मौसम की अनिश्चितता बढ़ना (जेट पैटर्न/वेस्टरलीज़ की शिफ्ट)।

  • भविष्य: पर्वतीय समुदायों के लिए पानी का मौसमी वितरण, नीचे IGB मैदानों में जल-उपलब्धता/बाढ़-सूखा जोखिम; अनुकूलन (Adaptation)—अर्ली-वार्निंग, झील-ड्रेनेज, रूट-मैनेजमेंट, जिम्मेदार पर्यटन।


11) भारतीय जलवायु पर हिमालय/एवरेस्ट का व्यापक प्रभाव (UPSC-केन्द्रित)

  1. ठंडी हवाओं का अवरोध → उत्तर भारत सर्द पर “साइबेरियन रेगिस्तान” जैसा नहीं बनता।

  2. मानसून का आर्किटेक्ट → दक्षिण-पश्चिम मानसून की नमी भरी हवाएँ हिमालय से टकराकर वर्षा देतीं; पूर्वी हिमालय में अधिक वर्षा, तिब्बत वर्षाछाया।

  3. पश्चिमी विक्षोभ → हिमालय पर बर्फ/बारिश; रबी-खेती (गेहूं) को जीवनदान।

  4. स्थानीय पवन प्रणाली → वैली-ब्रिज़/माउंटेन-ब्रिज़, फोएन (Foehn) प्रभाव; माइक्रो-क्लाइमेट बनते हैं।

  5. जेट-मानसून इंटरैक्शन → STWJ/TEJ की ऋतुचक्र स्थिति भारत के हीट-लो/मॉनसून onset को प्रभावित करती है।


12) UPSC के लिए “टॉप फैक्ट्स” (शॉर्ट रिविज़न)

  • एवरेस्ट ऊँचाई: 8848.86 मी. (2020)

  • श्रेणी: ग्रेटर हिमालय

  • प्रमुख शिखर पास-पास: ल्होत्से (8516 मी.), मकालू (8485 मी.), चो-ओयू (8188 मी.)

  • प्रमुख हिमनद: खुम्बू ग्लेशियर

  • नदी: दूधकोशी/कोशी प्रणाली

  • उद्यान: Sagarmatha National Park (UNESCO)

  • मुख्य खतरे: आइसफॉल, हिमस्खलन, GLOF, HAPE/HACE, विंड-स्टॉर्म

  • भारतीय जलवायु पर प्रभाव: ठंडी हवाएँ रोकना + ओरोग्राफिक वर्षा + वेस्टर्न डिस्टर्बेंस

✅ निष्कर्ष

  • एवरेस्ट हिमालय की युवा, सक्रिय और नाज़ुक पर्वतीय प्रणाली का शिखर-प्रतीक है—जहाँ भूगर्भीय निर्माण और जलवायु/हवा की परस्पर क्रियाएँ स्पष्ट दिखती हैं।

  • इसका भारतीय जलवायु, नदी-प्रणालियों, जैव-विविधता, और मानव बसावट पर गहरा प्रभाव है।

  • भविष्य में जलवायु परिवर्तन, ग्लेशियर गतिशीलता और पर्यटन-दबाव जैसे मुद्दे जोखिम प्रबंधन और सतत नीति की माँग करते हैं।

20 MCQs (माउंट एवरेस्ट पर आधारित)

Q1. माउंट एवरेस्ट की ऊँचाई 2020 में चीन और नेपाल द्वारा संयुक्त रूप से कितनी घोषित की गई थी?
(a) 8,840 मीटर
(b) 8,848.86 मीटर ✅
(c) 8,850 मीटर
(d) 8,844 मीटर

Q2. माउंट एवरेस्ट को नेपाल में किस नाम से जाना जाता है?
(a) हिमाद्रि
(b) सागरमाथा ✅
(c) धवलगिरि
(d) कैलाश

Q3. माउंट एवरेस्ट को तिब्बत (चीन) में किस नाम से जाना जाता है?
(a) कांगचेनजंगा
(b) चोमोलुंगमा ✅
(c) मकालू
(d) नंगा परबत

Q4. माउंट एवरेस्ट का निर्माण किस भूवैज्ञानिक प्रक्रिया से हुआ था?
(a) अपक्षय
(b) प्लेट टेक्टोनिक्स ✅
(c) ज्वालामुखीय गतिविधि
(d) नदी अपरदन

Q5. माउंट एवरेस्ट का निर्माण किस समुद्र के अवसादों के उठाव से हुआ?
(a) तिब्बती सागर
(b) टेथिस सागर ✅
(c) काला सागर
(d) अरब सागर

Q6. माउंट एवरेस्ट किस पर्वत श्रृंखला का हिस्सा है?
(a) सतपुड़ा
(b) सह्याद्रि
(c) हिमालय ✅
(d) अरावली

Q7. माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई सबसे पहले किस वर्ष सफलतापूर्वक की गई थी?
(a) 1924
(b) 1953 ✅
(c) 1965
(d) 1970

Q8. माउंट एवरेस्ट पर सबसे पहले सफल चढ़ाई करने वाले कौन थे?
(a) तेनजिंग नोर्गे और एडमंड हिलेरी ✅
(b) जॉर्ज मल्लोरी
(c) बछेंद्री पाल
(d) पासांग ल्हामू

Q9. भारत की पहली महिला जिसने माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की थी?
(a) संतोष यादव
(b) बछेंद्री पाल ✅
(c) अरुणिमा सिन्हा
(d) प्रीति शर्मा

Q10. माउंट एवरेस्ट के आसपास कौन-सा नेशनल पार्क स्थित है?
(a) जिम कॉर्बेट
(b) सगरमाथा नेशनल पार्क ✅
(c) नंदा देवी बायोस्फीयर
(d) काजीरंगा

Q11. हिमालय पर्वत का निर्माण किस काल में शुरू हुआ था?
(a) जुरासिक
(b) क्रिटेशियस
(c) टर्शियरी ✅
(d) प्लेइस्टोसीन

Q12. एवरेस्ट पर्वत से निकलने वाली नदियों में प्रमुख कौन-सी है?
(a) गंगा
(b) दुधकोशी ✅
(c) सिंधु
(d) ब्रह्मपुत्र

Q13. एवरेस्ट क्षेत्र का जलवायु कैसा है?
(a) उष्णकटिबंधीय
(b) ध्रुवीय जैसा ✅
(c) मानसूनी
(d) समशीतोष्ण

Q14. एवरेस्ट क्षेत्र में वनों की प्रमुख किस्म पाई जाती है?
(a) उष्णकटिबंधीय सदाबहार
(b) शंकुधारी वन ✅
(c) पर्णपाती वन
(d) शुष्क झाड़ी

Q15. एवरेस्ट क्षेत्र किस प्रकार के खतरनाक जोन में आता है?
(a) भूकंप और हिमस्खलन ✅
(b) ज्वालामुखी
(c) चक्रवात
(d) सुनामी

Q16. एवरेस्ट का भारतीय मानसून पर क्या प्रभाव है?
(a) मानसून को रोकता है ✅
(b) मानसून को तेज करता है
(c) मानसून को कमजोर करता है
(d) कोई प्रभाव नहीं

Q17. जेट स्ट्रीम का संबंध एवरेस्ट से क्यों है?
(a) यहाँ से शुरू होती है
(b) यहाँ सबसे ज्यादा प्रभाव डालती है ✅
(c) यहाँ खत्म होती है
(d) कोई संबंध नहीं

Q18. एवरेस्ट क्षेत्र में किस प्रकार की मिट्टी अधिक पाई जाती है?
(a) जलोढ़
(b) शैलो पर्वतीय मिट्टी ✅
(c) काली मिट्टी
(d) लाल मिट्टी

Q19. एवरेस्ट पर्वत का भविष्य वैज्ञानिकों के अनुसार कैसा है?
(a) स्थिर रहेगा
(b) ऊँचाई बढ़ सकती है ✅
(c) ऊँचाई घटेगी
(d) विलुप्त हो जाएगा

Q20. एवरेस्ट पर्वत का नाम “Everest” किसके नाम पर रखा गया?
(a) चार्ल्स डार्विन
(b) जॉर्ज एवरेस्ट ✅
(c) एडमंड हिलेरी
(d) जॉर्ज मल्लोरी


UPSC Mains के लिए 3 प्रश्न और उनके उत्तर रूपरेखा

Q1. माउंट एवरेस्ट का निर्माण-प्रक्रिया, वर्तमान महत्व और भविष्य की चुनौतियों का वर्णन कीजिए।

उत्तर रूपरेखा:

  • परिचय: माउंट एवरेस्ट की स्थिति व महत्व

  • निर्माण प्रक्रिया: टेथिस सागर, प्लेट टेक्टोनिक्स

  • वर्तमान: पर्यटन, साहसिक खेल, जलवायु अध्ययन

  • चुनौतियाँ: जलवायु परिवर्तन, हिमस्खलन, भीड़भाड़, प्रदूषण

  • भविष्य: ऊँचाई परिवर्तन, वैज्ञानिक शोध, सतत विकास


Q2. माउंट एवरेस्ट का भारतीय मानसून और जेट स्ट्रीम पर प्रभाव समझाइए।

उत्तर रूपरेखा:

  • परिचय: एवरेस्ट और हिमालय का स्थान

  • मानसून पर प्रभाव: मानसूनी हवाओं को रोकना, वर्षा वितरण

  • जेट स्ट्रीम: एवरेस्ट की ऊँचाई से वायु धाराओं पर प्रभाव

  • भारतीय कृषि, मौसम और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

  • निष्कर्ष: एवरेस्ट भारत की जलवायु प्रणाली का अभिन्न अंग


Q3. माउंट एवरेस्ट क्षेत्र की पारिस्थितिकी (वन, वन्यजीव, मिट्टी, नदियाँ) और संरक्षण उपायों पर प्रकाश डालिए।

उत्तर रूपरेखा:

  • परिचय: एवरेस्ट क्षेत्र का भूगोल

  • वनस्पति: शंकुधारी वन, उच्च पर्वतीय वनस्पति

  • वन्यजीव: हिम तेंदुआ, रेड पांडा, मस्क डियर

  • नदियाँ: दुधकोशी, भागमती तंत्र

  • मिट्टी: पर्वतीय, शैलो मिट्टी

  • संरक्षण: सगरमाथा नेशनल पार्क, अंतरराष्ट्रीय सहयोग

  • निष्कर्ष: संतुलन बनाना आवश्यक

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