Shadow Fleet kya he
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Shadow Fleet kya he और कैसे रूस-यूक्रेन संघर्ष के दौरान अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों को दरकिनार कर भूमिगत शिपिंग का संचालन कर रही है।
शैडो फ्लीट का परिचय
- रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष के दौरान “शैडो फ्लीट” (Shadow Fleet) शब्द तेजी से चर्चाओं में उभर रहा है। शैडो फ्लीट उन टैंकर जहाजों का समूह है जो आमतौर पर प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हुए विभिन्न देशों में रूसी कच्चे तेल का परिवहन करते हैं।
शैडो फ्लीट का महत्व
- अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंधों के बावजूद रूस अपने कच्चे तेल का निर्यात करने में सक्षम है, और इस प्रक्रिया में शैडो फ्लीट का बड़ा योगदान है। पश्चिमी मीडिया ने कुछ देशों, विशेष रूप से भारत, को इस शैडो फ्लीट के केंद्र के रूप में चित्रित किया है। इस धारा के अनुसार, भारतीय कंपनियों ने कई रूसी जहाजों से भागीदारी की है, और दुबई को भी इस संचालन का केंद्र बताया गया है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध और तेल का व्यापार
- रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों में मुख्यतः उसके तेल निर्यात पर एक मूल्य सीमा शामिल है, जिसके तहत रूस को 60 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर कीमत पर तेल बेचने की अनुमति नहीं है। हालांकि, शैडो फ्लीट जैसी गतिविधियों के माध्यम से रूस इस सीमा का उल्लंघन करते हुए अधिक कीमत पर तेल बेच रहा है, जिससे वह अपेक्षा से अधिक राजस्व कमा रहा है।
वैश्विक शिपिंग संरचना
- वैश्विक शिपिंग उद्योग अत्यंत जटिल और बहुआयामी है। इसके प्रमुख खिलाड़ी ग्रीक जहाज मालिक, चीन, जापान, और दक्षिण कोरिया जैसे जहाज निर्माण देश, और यू.के. और यूरोप के बीमा कंपनियां हैं। इस व्यापक संरचना के कारण प्रतिबंधों को लागू करना और उनका पालन करवाना कठिन हो जाता है।
ध्वज राज्य और स्वामित्व
- टैंकर जहाजों को विभिन्न देशों के तहत पंजीकृत किया जाता है, जिसे उनके “ध्वज राज्य” के रूप में जाना जाता है। प्रतिबंधों से बचने के लिए, अक्सर ये जहाज अपने झंडे बदल लेते हैं। जैसे पनामा, लाइबेरिया जैसे “सुविधा के झंडे” (Flags of Convenience – FoC) वाले देश जहाज मालिकों को अपनी पहचान छिपाने में मदद करते हैं। इससे जहाजों के वास्तविक स्वामित्व का पता लगाना मुश्किल हो जाता है।
समुद्री बीमा की भूमिका
- शिपिंग उद्योग में बीमा एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। प्रत्येक जहाज को समुद्री बीमा की आवश्यकता होती है, जिसमें प्राथमिक सुरक्षा और क्षतिपूर्ति (Protection & Indemnity) बीमा भी शामिल होता है। पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के तहत, अगर किसी जहाज पर प्रतिबंधों का उल्लंघन करने का आरोप लगता है, तो उसे P&I बीमा खोने का जोखिम होता है, जो उसके संचालन पर भारी असर डाल सकता है।
शैल कंपनियों का उपयोग
- जहाज मालिक अक्सर शैल कंपनियों (Shell Companies) का उपयोग करके अपने स्वामित्व को छिपाते हैं। इन कंपनियों में आमतौर पर केवल एक या दो जहाज होते हैं, जिससे वास्तविक स्वामित्व का पता लगाना बेहद कठिन हो जाता है। इसके साथ ही कुछ जहाजों को ऐसे देशों में पंजीकृत किया जाता है, जो अंतरराष्ट्रीय विनियमों का सख्ती से पालन नहीं करते हैं, जिससे यह समस्या और जटिल हो जाती है।
भारत और शैडो फ्लीट
- भारत को इस शैडो फ्लीट गतिविधि का एक प्रमुख केंद्र बताया गया है। रूस के कई जहाजों ने भारतीय फर्मों के साथ साझेदारी की है, जिससे यह सुझाव मिलता है कि भारत इस अवैध गतिविधि में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। भारतीय रजिस्ट्रार ऑफ शिपिंग (IRS) ने भी पोत प्रमाणन में वृद्धि देखी है, जो कि भारतीय कंपनियों की भूमिका की ओर संकेत करता है।
प्रतिबंध प्रवर्तन की चुनौतियाँ
- रूस के खिलाफ प्रतिबंधों का पालन करवाना बेहद चुनौतीपूर्ण है। शिपिंग उद्योग की जटिल संरचना और अस्पष्ट स्वामित्व व्यवस्थाएं अनुपालन को ट्रैक करना कठिन बनाती हैं। इसके अलावा, आर्थिक हितों को नुकसान पहुंचाने के डर से, कई देश प्रतिबंधों के सख्त प्रवर्तन से बचते हैं।
हाल की कार्रवाई और भविष्य की दिशा
- यू.के. ने कुछ कंपनियों के खिलाफ़ हल्की कार्रवाई की है जो रूसी तेल पर प्रतिबंधों का उल्लंघन कर रही थीं। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि कठोर कार्रवाई से पश्चिमी देशों की अपनी कंपनियों और अर्थव्यवस्था को नुकसान हो सकता है।
शैडो फ्लीट और रूस-यूक्रेन संघर्ष का प्रभाव
- रूस-यूक्रेन संघर्ष के दौरान शैडो फ्लीट ने अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों को कमजोर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हालांकि, वैश्विक बाजारों पर इसके दीर्घकालिक प्रभाव को पूरी तरह से मापना अभी बाकी है। पश्चिमी देश इस मुद्दे से निपटने के लिए भविष्य में और अधिक सख्त उपाय अपना सकते हैं।
शैडो फ्लीट गतिविधियों के आंकड़े
वर्ष | गतिविधि का प्रकार | प्रभावित क्षेत्र | रूसी तेल का वितरण (बैरल में) |
---|---|---|---|
2022 | तेल निर्यात | एशिया और यूरोप | 1 मिलियन बैरल प्रतिदिन |
2023 | प्रतिबंध उल्लंघन | एशिया और मिडल ईस्ट | 1.5 मिलियन बैरल प्रतिदिन |
2024 | वैश्विक व्यापार | वैश्विक | 2 मिलियन बैरल प्रतिदिन |
शिपिंग उद्योग में प्रमुख देशों की हिस्सेदारी
- ग्रीस: 20%
- चीन: 15%
- जापान: 10%
- भारत: 8%
- अन्य: 47%