ऑपरेशन पोलो (1948): हैदराबाद का भारतीय संघ में विलय
प्रस्तावना
1948 Operation Polo Hyderabad merged with India इस लेख में जानें इतिहास, कारण, घटनाएँ और भारतीय संघ में इसके महत्व की पूरी जानकारी।
13 सितंबर 2025 को ऑपरेशन पोलो की 77वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी। यह वह ऐतिहासिक सैन्य अभियान था जिसने स्वतंत्र भारत की एकता और अखंडता को निर्णायक रूप से मजबूत किया। हैदराबाद का भारत में विलय न केवल क्षेत्रीय एकता का प्रतीक था, बल्कि यह स्वतंत्र भारत की राजनीतिक इच्छाशक्ति और राष्ट्रीय सुरक्षा दृष्टिकोण का भी प्रमाण था। UPSC के छात्रों के लिए ऑपरेशन पोलो की गहन समझ आवश्यक है, क्योंकि यह आधुनिक भारतीय इतिहास, आंतरिक सुरक्षा, राजनीति और प्रशासन सभी से जुड़ा हुआ विषय है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि-
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स्वतंत्रता और विभाजन (1947):
भारत की आज़ादी के समय देश में लगभग 565 रियासतें थीं। इनमें से अधिकांश ने भारत संघ में विलय स्वीकार कर लिया, पर कुछ रियासतें स्वतंत्र रहना चाहती थीं। -
हैदराबाद रियासत:
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क्षेत्रफल: लगभग 80,000 वर्ग मील
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जनसंख्या: 1.6 करोड़ (80% हिंदू, अल्पसंख्यक मुस्लिम शासक वर्ग)
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शासक: निज़ाम मीर उस्मान अली खान (दुनिया के सबसे धनी व्यक्तियों में से एक)
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भाषाएँ: तेलुगु, कन्नड़, मराठी, उर्दू
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समस्या:
हैदराबाद का केंद्रीय स्थान भारत की भौगोलिक एकता के लिए महत्वपूर्ण था। यदि यह स्वतंत्र रहता तो भारत की आंतरिक एकता और सुरक्षा खतरे में पड़ सकती थी।
निज़ाम की स्थिति और राजनीतिक महत्वाकांक्षा-
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स्वतंत्रता की चाह: निज़ाम ने भारत या पाकिस्तान में शामिल होने से इनकार कर दिया।
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अंतरराष्ट्रीय रणनीति:
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ब्रिटिश क्राउन से सीधे संबंध बनाए रखने का प्रयास।
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ब्रिटिश वकील सर वाल्टर मॉन्कटन को कानूनी सलाहकार नियुक्त किया।
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पाकिस्तान कार्ड: निज़ाम ने दबाव बनाने के लिए पाकिस्तान में शामिल होने की धमकी दी।
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स्टैंडस्टिल एग्रीमेंट (नवंबर 1947): भारत और हैदराबाद के बीच यह समझौता हुआ कि वर्तमान स्थिति बनाए रखी जाएगी, लेकिन यह केवल अस्थायी समाधान था।
आंतरिक अशांति और विद्रोह-
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किसान विद्रोह (तेलंगाना आंदोलन):
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हैदराबाद के ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों का शोषण, ऊँचे कर और बंधुआ मजदूरी के खिलाफ विद्रोह।
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नेतृत्व: आंध्र महासभा और कम्युनिस्ट पार्टी।
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रजाकारों का आतंक:
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नेतृत्व: क़ासिम रज़वी
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इत्तिहाद-उल-मुस्लिमीन द्वारा गठित अर्धसैनिक संगठन।
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उद्देश्य: निज़ाम के शासन की रक्षा और विरोधियों का दमन।
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परिणाम: हिंदू जनता पर हिंसा, किसानों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं पर अत्याचार।
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भारत सरकार की प्रतिक्रिया-
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सरदार पटेल का दृष्टिकोण:
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पटेल ने हैदराबाद की स्वतंत्रता को “भारत के पेट में कैंसर” बताया।
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उनका मानना था कि यदि हैदराबाद स्वतंत्र रहता तो अन्य रियासतें भी अलगाव की राह पकड़ सकती थीं।
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नेहरू की शांति नीति:
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प्रारंभ में पंडित नेहरू बातचीत और कूटनीतिक उपायों के पक्ष में थे।
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स्थिति बिगड़ना:
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रजाकारों की हिंसा, किसानों का विद्रोह और निज़ाम की हठधर्मिता ने स्थिति को असहनीय बना दिया।
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अंतिम निर्णय:
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भारत सरकार ने सैन्य अभियान चलाकर हैदराबाद को संघ में मिलाने का फैसला किया।
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ऑपरेशन पोलो का क्रियान्वयन (13–17 सितंबर 1948)
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कमांडर: मेजर जनरल जयंतो नाथ चौधरी
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भारतीय सेना की रणनीति:
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2 पैदल सेना ब्रिगेड
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1 बख़्तरबंद ब्रिगेड
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वायुसेना का सहयोग
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कार्रवाई:
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13 सितंबर 1948 को सेना ने चार दिशाओं से हैदराबाद पर हमला शुरू किया।
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भारतीय वायुसेना ने लक्षित बमबारी की।
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रजाकार और हैदराबाद की सेना शीघ्र ही पराजित हो गए।
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निज़ाम का आत्मसमर्पण:
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17 सितंबर 1948 को निज़ाम ने आत्मसमर्पण कर दिया।
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हैदराबाद औपचारिक रूप से भारत में विलय हो गया।
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परिणाम और प्रभाव-
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राजनीतिक:
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निज़ाम ने आत्मसमर्पण कर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को स्वीकार किया।
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हैदराबाद का भारत में विलय राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बना।
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प्रशासनिक:
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दिसंबर 1949 तक सैन्य प्रशासन।
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1952 में लोकतांत्रिक चुनाव और पूर्ण एकीकरण।
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सामाजिक:
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रजाकारों पर प्रतिबंध, हिंसा का अंत।
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किसानों और आम जनता को राहत।
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आर्थिक:
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हैदराबाद की संपत्ति और संसाधनों का राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में योगदान।
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आलोचनाएँ और विवाद-
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मानवाधिकार प्रश्न:
कुछ इतिहासकारों का कहना है कि सैन्य अभियान के दौरान हजारों लोगों की मौत हुई। -
रजाकारों की हिंसा बनाम सेना की कार्रवाई:
दोनों पक्षों पर अत्याचार के आरोप लगे। -
निज़ाम की भूमिका:
निज़ाम को मजबूरी में झुकना पड़ा, लेकिन बाद में वे भारत के सहयोगी बने।
UPSC परीक्षा हेतु प्रमुख बिंदु-
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ऑपरेशन पोलो का वर्ष: 1948
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अवधि: 13–17 सितंबर (5 दिन)
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भारतीय सेना के प्रमुख: मेजर जनरल जयंतो नाथ चौधरी
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रजाकारों का नेतृत्व: क़ासिम रज़वी
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राजनीतिक नेतृत्व: सरदार वल्लभभाई पटेल, पंडित नेहरू
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समझौता: स्टैंडस्टिल एग्रीमेंट (1947)
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परिणाम: हैदराबाद का भारतीय संघ में विलय
आज की प्रासंगिकता-
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राष्ट्रीय एकता: ऑपरेशन पोलो यह याद दिलाता है कि भारत की एकता किसी भी रियासत या शक्ति से ऊपर है।
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सुरक्षा दृष्टिकोण: आंतरिक विद्रोह और बाहरी दबावों से निपटने के लिए सैन्य और राजनीतिक इच्छाशक्ति आवश्यक है।
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संघीय ढांचा: भारतीय संघ की मजबूती रियासतों के सफल एकीकरण से ही संभव हुई।
निष्कर्ष-
ऑपरेशन पोलो केवल एक सैन्य अभियान नहीं था, बल्कि यह भारत की राष्ट्रीय एकता और राजनीतिक परिपक्वता का प्रतीक था। हैदराबाद का भारत में विलय स्वतंत्र भारत की अखंडता के लिए उतना ही महत्वपूर्ण था जितना स्वतंत्रता प्राप्ति का क्षण। यह घटना.
ऑपरेशन पोलो: महत्वपूर्ण MCQs (UPSC के लिए)
MCQ-1
भारत सरकार द्वारा हैदराबाद को भारतीय संघ में मिलाने के लिए चलाए गए सैन्य अभियान का आधिकारिक नाम क्या था?
a) ऑपरेशन विजय
b) ऑपरेशन पोलो
c) ऑपरेशन ब्लू स्टार
d) ऑपरेशन कैक्टस
✅ उत्तर: b) ऑपरेशन पोलो
MCQ-2
ऑपरेशन पोलो किस वर्ष शुरू किया गया था?
a) 1946
b) 1947
c) 1948
d) 1950
✅ उत्तर: c) 1948
MCQ-3
ऑपरेशन पोलो कब से कब तक चला?
a) 13–17 सितंबर 1948
b) 1–5 अगस्त 1948
c) 15–20 अक्टूबर 1949
d) 10–12 जून 1947
✅ उत्तर: a) 13–17 सितंबर 1948
MCQ-4
हैदराबाद के निज़ाम का नाम क्या था?
a) मीर उस्मान अली खान
b) कासिम रज़वी
c) बहादुर शाह ज़फर
d) अकबर शाह
✅ उत्तर: a) मीर उस्मान अली खान
MCQ-5
हैदराबाद की अर्धसैनिक टुकड़ी “रजाकार” का नेतृत्व किसने किया?
a) सरदार पटेल
b) मीर उस्मान अली खान
c) क़ासिम रज़वी
d) जयंतो नाथ चौधरी
✅ उत्तर: c) क़ासिम रज़वी
MCQ-6
भारत की ओर से हैदराबाद पर सैन्य अभियान का नेतृत्व किसने किया?
a) जनरल करियप्पा
b) मेजर जनरल जयंतो नाथ चौधरी
c) जनरल थिम्मैया
d) जनरल मानेकशॉ
✅ उत्तर: b) मेजर जनरल जयंतो नाथ चौधरी
MCQ-7
हैदराबाद और भारत के बीच 1947 में हुआ समझौता किस नाम से जाना जाता है?
a) पूना पैक्ट
b) स्टैंडस्टिल एग्रीमेंट
c) शिमला समझौता
d) गांधी-इरविन समझौता
✅ उत्तर: b) स्टैंडस्टिल एग्रीमेंट
MCQ-8
सरदार पटेल ने हैदराबाद की स्वतंत्रता को किस नाम से संबोधित किया था?
a) भारत का हृदय
b) भारत के पेट में कैंसर
c) भारत का ताज
d) भारत की रीढ़
✅ उत्तर: b) भारत के पेट में कैंसर
MCQ-9
ऑपरेशन पोलो कितने दिनों तक चला?
a) 2 दिन
b) 4 दिन
c) 5 दिन
d) 7 दिन
✅ उत्तर: c) 5 दिन
MCQ-10
हैदराबाद का क्षेत्रफल स्वतंत्रता के समय लगभग कितना था?
a) 50,000 वर्ग मील
b) 60,000 वर्ग मील
c) 70,000 वर्ग मील
d) 80,000 वर्ग मील
✅ उत्तर: d) 80,000 वर्ग मील
MCQ-11
स्वतंत्रता के समय हैदराबाद की आबादी लगभग कितनी थी?
a) 1 करोड़
b) 1.6 करोड़
c) 2 करोड़
d) 3 करोड़
✅ उत्तर: b) 1.6 करोड़
MCQ-12
हैदराबाद की बहुसंख्यक जनता किस धर्म की थी?
a) मुस्लिम
b) ईसाई
c) हिंदू
d) पारसी
✅ उत्तर: c) हिंदू
MCQ-13
हैदराबाद की प्रमुख भाषाएँ कौन-सी थीं?
a) तमिल, मलयालम, तेलुगु
b) तेलुगु, कन्नड़, मराठी, उर्दू
c) गुजराती, मराठी, हिंदी
d) पंजाबी, सिंधी, हिंदी
✅ उत्तर: b) तेलुगु, कन्नड़, मराठी, उर्दू
MCQ-14
हैदराबाद में किसानों का विद्रोह मुख्य रूप से किसके खिलाफ था?
a) ब्रिटिश सरकार
b) निज़ाम का शोषणकारी शासन
c) भारतीय सेना
d) कांग्रेस पार्टी
✅ उत्तर: b) निज़ाम का शोषणकारी शासन
MCQ-15
भारत सरकार ने हैदराबाद को भारतीय संघ में शामिल करने के लिए किस नेता के नेतृत्व में निर्णायक कदम उठाया?
a) जवाहरलाल नेहरू
b) सरदार वल्लभभाई पटेल
c) डॉ. भीमराव अंबेडकर
d) राजगोपालाचारी
✅ उत्तर: b) सरदार वल्लभभाई पटेल
MCQ-16
हैदराबाद के विलय के बाद पहली बार लोकतांत्रिक चुनाव कब हुए?
a) 1948
b) 1949
c) 1952
d) 1956
✅ उत्तर: c) 1952
MCQ-17
ऑपरेशन पोलो के दौरान भारतीय सेना में कितनी ब्रिगेड शामिल की गईं?
a) एक पैदल सेना ब्रिगेड और एक बख्तरबंद ब्रिगेड
b) दो पैदल सेना ब्रिगेड और एक बख्तरबंद ब्रिगेड
c) तीन पैदल सेना ब्रिगेड
d) केवल वायुसेना
✅ उत्तर: b) दो पैदल सेना ब्रिगेड और एक बख्तरबंद ब्रिगेड
MCQ-18
ऑपरेशन पोलो को कभी-कभी किस नाम से भी जाना जाता है?
a) पुलिस एक्शन
b) स्वतंत्रता संग्राम
c) ऑपरेशन स्टार
d) लोक आंदोलन
✅ उत्तर: a) पुलिस एक्शन
MCQ-19
ऑपरेशन पोलो के बाद हैदराबाद कब तक सैन्य प्रशासन के अधीन रहा?
a) 6 महीने
b) 1 साल
c) दिसंबर 1949 तक
d) मार्च 1950 तक
✅ उत्तर: c) दिसंबर 1949 तक
MCQ-20
निज़ाम ने आत्मसमर्पण किस तारीख को किया?
a) 10 सितंबर 1948
b) 13 सितंबर 1948
c) 15 सितंबर 1948
d) 17 सितंबर 1948
✅ उत्तर: d) 17 सितंबर 1948