श्रीलंका की तीसरी महिला प्रधानमंत्री हरिनी अमरसूर्या Sri Lankas third female Prime Minister Harini Amarasuriya

Sri Lankas third female Prime Minister Harini Amarasuriya

परिचय
डॉ. हरिनी अमरसूर्या का श्रीलंका की प्रधानमंत्री के रूप में चयन देश के राजनीतिक परिदृश्य में एक ऐतिहासिक क्षण है। वे 24 वर्षों में प्रधानमंत्री बनने वाली पहली महिला हैं और श्रीलंका के इतिहास में इस पद पर आसीन होने वाली तीसरी महिला हैं। इस लेख में हम उनके जीवन, राजनीतिक सफर, और श्रीलंका के भविष्य में उनके योगदान की संभावनाओं पर चर्चा करेंगे।

Sri Lankas third female Prime Minister Harini Amarasuriya के राजनीतिक सफर, उनके नेतृत्व, लैंगिक समानता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और देश में सामाजिक सुधार में उनके योगदान के बारे में जानें।”

श्रीलंका की तीसरी महिला प्रधानमंत्री हरिनी अमरसूर्या Sri Lankas third female Prime Minister Harini Amarasuriya

आज हम Sri Lankas third female Prime Minister Harini Amarasuriya के बारे में जानने वाले है।

1. डॉ. हरिनी अमरसूर्या का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

डॉ. हरिनी का जन्म 1970 में श्रीलंका के गॉल शहर में हुआ था। उनके परिवार ने राष्ट्रीयकरण की नीति के चलते आर्थिक कठिनाइयों का सामना किया। बचपन में ही उन्हें तमिल पड़ोसियों के बीच पाला गया, जिससे उनके अंदर जातीय समानता की भावना विकसित हुई।

  • शिक्षा: उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से समाजशास्त्र में स्नातक किया और फिर मैक्वेरी विश्वविद्यालय से मास्टर डिग्री प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने एडिनबर्ग विश्वविद्यालय से पीएचडी पूरी की। उनकी शिक्षा ने उन्हें समाजशास्त्र और राजनीतिक विज्ञान में गहरी समझ प्रदान की।

2. राजनीति में प्रवेश

डॉ. हरिनी अमरसूर्या ने अपने करियर की शुरुआत एक सामाजिक कार्यकर्ता और शैक्षणिक के रूप में की। बाद में उन्होंने श्रीलंका के मुक्त विश्वविद्यालय में मानविकी और सामाजिक विज्ञान विभाग का नेतृत्व किया।

  • 2021 में उन्होंने सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया और श्रीलंका की प्रमुख वामपंथी पार्टी जनता विमुक्ति पेरामुना (JVP) में शामिल हो गईं। JVP ने हाल के वर्षों में अपनी छवि सुधारवादी और लोकतांत्रिक बनाते हुए राजनीतिक सुधारों की दिशा में बढ़त बनाई है।

3. प्रधानमंत्री पद का महत्व

हरिनी अमरसूर्या का प्रधानमंत्री पद ग्रहण करना श्रीलंका की राजनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव है:

  • महिला नेतृत्व का उदय: वे 16 प्रधानमंत्रियों में से केवल तीसरी महिला हैं। यह कदम महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी को बढ़ावा देने और समाज में लैंगिक समानता को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
  • जातीय समावेशिता: हरिनी अमरसूर्या ने तमिल समुदाय में अपने बचपन के कारण जातीय समावेशिता का हमेशा समर्थन किया है। उनका नेतृत्व श्रीलंका के तमिल अल्पसंख्यक समुदाय के लिए नीतियों में सुधार ला सकता है।

4. महिला अधिकारों की पैरोकार

डॉ. हरिनी लंबे समय से महिला अधिकारों की समर्थक रही हैं। उन्होंने श्रीलंका की विषाक्त और बहिष्कारकारी राजनीतिक संस्कृति के खिलाफ आवाज उठाई है। उनका मानना है कि महिलाएं राजनीति में सिर्फ संख्या बढ़ाने के लिए नहीं बल्कि परिवर्तनकारी नेतृत्व के लिए आनी चाहिए।

  • महिला समानता की दिशा में प्रयास: उन्होंने राजनीतिक और सामाजिक सुधारों के माध्यम से महिलाओं की आवाज को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। श्रीलंका की राजनीति में उनका यह दृष्टिकोण देश में महिला नेतृत्व को प्रोत्साहित करता है।

5. सार्वजनिक नीतियों पर प्रभाव

डॉ. हरिनी के पास शिक्षा, स्वास्थ्य, और न्याय जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों की ज़िम्मेदारी है। प्रधानमंत्री बनने के बाद वे इन क्षेत्रों में सुधार लाने की दिशा में अग्रसर हो सकती हैं।

  • शिक्षा सुधार: शिक्षा नीति में बदलाव और सुधार लाने के लिए उनकी योजनाएँ श्रीलंका के युवाओं के लिए नई संभावनाएँ खोल सकती हैं।
  • स्वास्थ्य प्रणाली में सुधार: स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच में सुधार और चिकित्सा सेवाओं को सस्ती बनाने के लिए उनका ध्यान रहेगा।

6. अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रभाव

प्रधानमंत्री के रूप में हरिनी अमरसूर्या श्रीलंका की अंतरराष्ट्रीय स्थिति को मजबूत करने की दिशा में भी कदम उठा सकती हैं।

  • भारत-श्रीलंका संबंध: भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों में सुधार और व्यापारिक सहयोग को बढ़ावा देने की संभावनाएँ हैं।
  • चीन और अन्य देशों के साथ संबंध: चीन और अन्य एशियाई देशों के साथ आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के लिए भी वे कदम उठा सकती हैं।

7. हरिनी अमरसूर्या का नेतृत्व: एक नया युग

हरिनी अमरसूर्या का उदय श्रीलंका की राजनीति में एक नया युग लेकर आ रहा है। वे न केवल महिला सशक्तिकरण का प्रतीक हैं, बल्कि एक अधिक समावेशी और प्रगतिशील सरकार के लिए भी काम कर रही हैं।

  • सामाजिक न्याय और सुधार: वे जातीय और लैंगिक असमानताओं को दूर करने के लिए अपनी सरकार में सुधार लाने की कोशिश कर रही हैं।
  • पर्यावरण और सतत विकास: हरिनी के नेतृत्व में श्रीलंका की सरकार पर्यावरणीय मुद्दों और सतत विकास की दिशा में भी काम कर रही है।

8. श्रीलंका की राजनीति में महिलाओं का प्रतिनिधित्व

श्रीलंका की राजनीति में महिला प्रतिनिधित्व का इतिहास बहुत लंबा नहीं है, लेकिन हरिनी अमरसूर्या जैसे नेताओं ने इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

  • पहली महिला प्रधानमंत्री: सिरीमावो भंडारनायके दुनिया की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं, जिन्होंने 1960 में इस पद को संभाला। हरिनी अमरसूर्या उनकी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए एक नया दृष्टिकोण लेकर आई हैं।

सारांश- 

डॉ. हरिनी अमरसूर्या का प्रधानमंत्री के रूप में उदय न केवल श्रीलंका के लिए बल्कि पूरे एशिया के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव है। उनके नेतृत्व में देश सामाजिक और आर्थिक सुधारों की ओर बढ़ सकता है। उनकी नीतियाँ जातीय और लैंगिक समानता के लिए एक नए युग की शुरुआत कर सकती हैं।

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