Satpura Range Origin History Geographical Structure

सतपुड़ा पर्वतमाला : उत्पत्ति, इतिहास, भौगोलिक संरचना Satpura Range Origin History Geographical Structure

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1 सतपुड़ा पर्वतमाला : उत्पत्ति, इतिहास, भौगोलिक संरचना Satpura Range Origin History Geographical Structure
1.10 सतपुड़ा पर्वतमाला : UPSC हेतु प्रश्नोत्तर

“Satpura Range Origin History Geographical Structure : सतपुड़ा पर्वतमाला की उत्पत्ति, इतिहास, भौगोलिक संरचना, नदियाँ, बाँध, राष्ट्रीय उद्यान और प्राकृतिक संसाधनों की सम्पूर्ण जानकारी सरल हिंदी में। UPSC व अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण नोट्स।”

Satpura Range Origin History Geographical Structure

भारत का भूगोल विविधताओं से भरा हुआ है। हिमालय की ऊँचाइयों से लेकर दक्कन के पठार तक, हर पर्वत श्रृंखला का अपना महत्व है। इन्हीं में से एक है सतपुड़ा पर्वतमाला (Satpura Range), जो भारत के मध्य भाग में स्थित है और जिसे भारतीय भूगोल में “Vindhya और Satpura का हृदय” कहा जाता है। यह पर्वत श्रृंखला प्राकृतिक संसाधनों, वन्यजीवों, नदियों, बांधों और जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है।


1️⃣ सतपुड़ा पर्वतमाला की उत्पत्ति

  • सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला का निर्माण गोंडवाना भूखंड (Gondwana Land) के विखंडन से हुआ।

  • यह प्राचीन भ्रंश पर्वत (Block Mountains) का उदाहरण है, जिसका निर्माण भूगर्भीय हलचलों और भ्रंशों के कारण हुआ।

  • इसका निर्माण लगभग 6 करोड़ वर्ष पहले हुआ था।

  • भूगर्भीय दृष्टि से यह प्री-कैम्ब्रियन शैल समूह से निर्मित है।


2️⃣ सतपुड़ा पर्वतमाला का भौगोलिक विस्तार

  • यह पर्वत श्रृंखला मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में फैली हुई है।

  • उत्तर में विंध्य पर्वतमाला और दक्षिण में मैखल व घाविलगढ़ की पहाड़ियाँ स्थित हैं।

  • पश्चिम में यह श्रृंखला गुजरात के राजपीपला पहाड़ियों से शुरू होती है और पूर्व में छत्तीसगढ़ के मैखल पर्वत तक जाती है।

  • कुल लंबाई लगभग 900 किलोमीटर है।

  • प्रमुख चोटियाँ –

    • धूपगढ़ (Madhya Pradesh) – 1350 मीटर

    • महादेव पर्वत

    • अमरकंटक (नर्मदा का उद्गम)


3️⃣ सतपुड़ा पर्वतमाला का इतिहास

  • प्राचीन काल में सतपुड़ा का क्षेत्र गोंड और भील जनजातियों का निवास स्थान था।

  • गोंड साम्राज्य ने कई वर्षों तक इस क्षेत्र पर शासन किया।

  • सतपुड़ा के घने जंगलों ने यहाँ के लोगों को वन आधारित जीवन दिया।

  • ब्रिटिश काल में यहाँ के जंगलों का दोहन हुआ, खासकर साल और सागौन (Teak) की लकड़ी का।

  • आज भी सतपुड़ा को भारत का वन-संसाधन केंद्र माना जाता है।


4️⃣ सतपुड़ा का प्राकृतिक संसाधन

  • खनिज संपदा – कोयला, बॉक्साइट, मैंगनीज, लौह अयस्क, चूना पत्थर।

  • वन संपदा – सागौन, साल, बाँस, महुआ, tendu leaves (बीड़ी पत्ते)।

  • नदी-नाले – नर्मदा, ताप्ती, सोन, वर्धा जैसी नदियाँ यहीं से निकलती हैं।


5️⃣ नदियाँ और जलप्रपात

  • नर्मदा नदी – अमरकंटक से निकलकर अरब सागर में मिलती है।

  • ताप्ती नदी – सतपुड़ा की पहाड़ियों से निकलकर खंभात की खाड़ी में मिलती है।

  • प्रसिद्ध जलप्रपात – कपिलधारा, दुग्धधारा (अमरकंटक), केचकी जलप्रपात, दूधधारा जलप्रपात।


6️⃣ सतपुड़ा क्षेत्र के बाँध

  • तवा बाँध (मध्यप्रदेश)

  • बरगी बाँध (जबलपुर)

  • बारना बाँध

  • पेंच परियोजना (महाराष्ट्र-मध्यप्रदेश)


7️⃣ सतपुड़ा का वन्यजीवन और अभयारण्य

यह क्षेत्र भारत की जैव विविधता (Biodiversity Hotspot) में गिना जाता है।

प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान व टाइगर रिज़र्व –

  1. सतपुड़ा नेशनल पार्क (M.P.)

  2. पेंच नेशनल पार्क (M.P. और महाराष्ट्र)

  3. कन्हा राष्ट्रीय उद्यान (M.P.)

  4. बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान (M.P.)

  5. मेलघाट टाइगर रिजर्व (Maharashtra)

  6. संजय राष्ट्रीय उद्यान (M.P.)

प्रमुख जीव-जंतु

  • बंगाल टाइगर

  • भारतीय तेंदुआ

  • भालू

  • सांभर, चीतल, गौर (Indian Bison)

  • जंगली कुत्ते (Dhole)

  • दुर्लभ पक्षी – मालाबार पाइड हॉर्नबिल, पीफाउल


8️⃣ सतपुड़ा पर्वतमाला का वर्तमान महत्व

  • यह भारत की जंगल आधारित अर्थव्यवस्था को सहारा देती है।

  • यहाँ से निकलने वाली नदियाँ कृषि और उद्योग के लिए जल उपलब्ध कराती हैं।

  • सतपुड़ा क्षेत्र के जंगल भारत की कार्बन सिंक की तरह काम करते हैं।

  • पर्यटन के लिए भी यह क्षेत्र प्रसिद्ध है – पचमढ़ी (Satpura ki Rani), अमरकंटक, भीमबेटका गुफाएँ (UNESCO World Heritage Site)।


9️⃣ सतपुड़ा पर्वतमाला का भविष्य

  • यदि वनों की अंधाधुंध कटाई और खनिज दोहन जारी रहा तो यह क्षेत्र पर्यावरण संकट में आ सकता है।

  • लेकिन यदि इको-टूरिज्म, वन संरक्षण, और स्थानीय जनजातियों का सतत विकास किया गया तो यह क्षेत्र भविष्य में भारत की ग्रीन हार्टलैंड बन सकता है।

  • सतपुड़ा टाइगर रिजर्व और अन्य संरक्षित क्षेत्र भारत में वन्यजीव संरक्षण के सबसे बड़े मॉडल बन सकते हैं।


 निष्कर्ष-

सतपुड़ा पर्वतमाला केवल एक भौगोलिक संरचना नहीं, बल्कि भारत की संस्कृति, इतिहास और पर्यावरण की धरोहर है। इसकी नदियाँ, जंगल, खनिज और वन्यजीव न केवल भारत की प्राकृतिक संपदा को समृद्ध बनाते हैं बल्कि हमारे भविष्य को भी सुरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
इसलिए, सतपुड़ा का संरक्षण और सतत विकास हमारी जिम्मेदारी है।

सतपुड़ा पर्वतमाला : UPSC हेतु प्रश्नोत्तर

Q1. सतपुड़ा पर्वतमाला कहाँ स्थित है और इसका भौगोलिक विस्तार क्या है?

उत्तर:
सतपुड़ा पर्वतमाला मध्य भारत में स्थित है। यह पश्चिम में गुजरात की राजपीपला पहाड़ियों से शुरू होकर, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र होते हुए, पूर्व में छत्तीसगढ़ के मैखल पर्वत तक फैली है।

  • कुल लंबाई: लगभग 900 किमी

  • उत्तर: विंध्य पर्वतमाला

  • दक्षिण: मैखल व घाविलगढ़ पहाड़ियाँ

  • प्रमुख क्षेत्र: मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़।


Q2. सतपुड़ा पर्वतमाला का निर्माण कैसे हुआ था?

उत्तर:
सतपुड़ा पर्वतमाला का निर्माण गोंडवाना भूखंड (Gondwana Land) के टूटने और भ्रंश (Faulting) के कारण हुआ।

  • यह एक भ्रंशित पर्वत श्रृंखला (Block Mountain) है।

  • भूगर्भीय दृष्टि से यह प्री-कैम्ब्रियन शैलों से बनी है।


Q3. सतपुड़ा पर्वतमाला की सबसे ऊँची चोटी कौन-सी है?

उत्तर:
सतपुड़ा पर्वतमाला की सबसे ऊँची चोटी धूपगढ़ (1350 मीटर) है, जो मध्यप्रदेश के पचमढ़ी क्षेत्र में स्थित है।


Q4. सतपुड़ा पर्वतमाला से निकलने वाली प्रमुख नदियाँ कौन-सी हैं?

उत्तर:

  • नर्मदा नदी – अमरकंटक से निकलती है और अरब सागर में मिलती है।

  • ताप्ती नदी – सतपुड़ा के मध्य भाग से निकलकर खंभात की खाड़ी में मिलती है।

  • अन्य नदियाँ – सोन, वर्धा, महानदी की सहायक नदियाँ।


Q5. सतपुड़ा क्षेत्र के प्रमुख जलप्रपात (Waterfalls) कौन-से हैं?

उत्तर:

  • कपिलधारा जलप्रपात (अमरकंटक)

  • दुग्धधारा जलप्रपात (नर्मदा उद्गम)

  • केचकी जलप्रपात

  • दूधधारा जलप्रपात


Q6. सतपुड़ा पर्वतमाला के प्रमुख बाँध (Dams) कौन-से हैं?

उत्तर:

  • तवा बाँध (मध्यप्रदेश)

  • बरगी बाँध (जबलपुर)

  • बारना बाँध

  • पेंच परियोजना (महाराष्ट्र-मध्यप्रदेश)


Q7. सतपुड़ा पर्वतमाला में कौन-कौन से राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिज़र्व स्थित हैं?

उत्तर:

  • सतपुड़ा नेशनल पार्क (M.P.)

  • पेंच नेशनल पार्क (M.P. और महाराष्ट्र)

  • कन्हा राष्ट्रीय उद्यान (M.P.)

  • बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान (M.P.)

  • मेलघाट टाइगर रिज़र्व (Maharashtra)

  • संजय राष्ट्रीय उद्यान (M.P.)


Q8. सतपुड़ा पर्वतमाला का ऐतिहासिक महत्व क्या है?

उत्तर:

  • यह क्षेत्र प्राचीन काल से ही गोंड और भील जनजातियों का निवास रहा है।

  • गोंड साम्राज्य का शासन लंबे समय तक इस क्षेत्र में रहा।

  • ब्रिटिश काल में यहाँ के सागौन और साल के जंगलों का बड़े पैमाने पर दोहन हुआ।

  • आज भी यह क्षेत्र वन संसाधन और जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है।


Q9. सतपुड़ा पर्वतमाला की प्रमुख खनिज संपदा कौन-सी है?

उत्तर:

  • कोयला

  • बॉक्साइट

  • मैंगनीज

  • लौह अयस्क

  • चूना पत्थर


Q🔟 सतपुड़ा क्षेत्र के प्रमुख जीव-जंतु कौन-से हैं?

उत्तर:

  • बंगाल टाइगर

  • भारतीय तेंदुआ

  • भालू

  • सांभर, चीतल, गौर (Indian Bison)

  • जंगली कुत्ते (Dhole)

  • दुर्लभ पक्षी – मालाबार पाइड हॉर्नबिल, मोर


Q11. सतपुड़ा पर्वतमाला को “भारत का हरित हृदय” क्यों कहा जाता है?

उत्तर:

  • यहाँ विशाल वन क्षेत्र (सागौन, साल, बाँस) फैला हुआ है।

  • यह क्षेत्र भारत का महत्वपूर्ण जैव विविधता केंद्र है।

  • यह ऑक्सीजन और कार्बन सिंक के रूप में कार्य करता है।

  • यहाँ कई राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिज़र्व स्थित हैं।


Q12. सतपुड़ा पर्वतमाला का भविष्य क्या है?

उत्तर:

  • यदि अंधाधुंध खनन और वनों की कटाई जारी रही तो यह क्षेत्र पर्यावरण संकट में आ सकता है।

  • लेकिन वन संरक्षण, इको-टूरिज्म और जनजातीय विकास को बढ़ावा दिया जाए तो यह क्षेत्र भारत का Green Heartland बन सकता है।

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