अरावली पर्वत और उसकी भौगोलिक विशेषताएँ Aravalli Mountains and its geographical features

Aravalli Mountains and its geographical features

इतिहास और निर्माण

  • अरावली पर्वत श्रृंखला का इतिहास भारतीय उपमहाद्वीप की भूगोलिक और भौगोलिक संरचना का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह पर्वत श्रृंखला प्राचीन काल से ही अस्तित्व में है, और इसकी उत्पत्ति की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूगर्भीय घटनाएँ शामिल हैं।
  • अरावली पर्वत श्रृंखला का निर्माण लगभग 2500 मिलियन वर्ष पहले हुआ था, जब भारतीय प्लेट और एशियाई प्लेट की टकराहट हुई थी। इस टकराहट के कारण धरती की सतह पर तनाव उत्पन्न हुआ, जिससे पर्वत निर्माण की प्रक्रिया शुरू हुई। यह प्रक्रिया बहुत धीमी थी, और समय के साथ इन पर्वतों की ऊचाई में कमी आई, जिससे आज ये प्राचीन पर्वतों की श्रेणी में आते हैं।

अरावली पर्वत और उसकी भौगोलिक विशेषताएँ Aravalli Mountains and its geographical features

आज हम अरावली पर्वत और उसकी भौगोलिक विशेषताएँ Aravalli Mountains and its geographical features के बारे में जानने वाले है।

भौगोलिक विशेषताएँ

  • अरावली पर्वत श्रृंखला की भौगोलिक विशेषताएँ इसे भारतीय उपमहाद्वीप की अन्य पर्वत श्रृंखलाओं से अलग बनाती हैं। इस पर्वत श्रृंखला की कुल लंबाई लगभग 1500 किलोमीटर है, और यह पश्चिमी भारत से लेकर उत्तर-पूर्वी भारत तक फैली हुई है।
  • अरावली पर्वत श्रृंखला में ऊँचाई की विविधता देखने को मिलती है। यहाँ की औसत ऊचाई 600 से 1200 मीटर के बीच होती है, लेकिन कुछ प्रमुख शिखर जैसे गुरुशिखर की ऊचाई 1722 मीटर है। यह पर्वत श्रृंखला प्राचीन संरचनाओं और खनिजों से भरी हुई है, जो इसे भूगर्भीय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बनाती हैं।

जलवायु और तापमान

  • अरावली पर्वत श्रृंखला की जलवायु विविधताओं में गहरी विशेषताएँ हैं। यहाँ की जलवायु मुख्यतः समशीतोष्ण है, जिसमें गर्मियों में तापमान बढ़ जाता है और सर्दियों में ठंडक महसूस होती है।
  • गर्मियों के मौसम में, अरावली क्षेत्र का तापमान 35-40°C तक पहुँच सकता है, जबकि सर्दियों में यह तापमान 10°C के आसपास रहता है। यह भिन्नता ऊचाई और भौगोलिक स्थिति के कारण होती है। पर्वतों की ऊँचाई के साथ-साथ तापमान भी ठंडा हो जाता है, विशेषकर उच्च शिखरों पर।

अरावली पर्वत और उसकी भौगोलिक विशेषताएँ Aravalli Mountains and its geographical features

वर्षा और मानसून

  • अरावली पर्वत क्षेत्र में वर्षा की मात्रा भी इसके भौगोलिक स्थान के आधार पर बदलती रहती है। सामान्यतः, इस क्षेत्र में औसत वार्षिक वर्षा 500-800 मिमी के बीच होती है।
  • मानसून के मौसम में, अरावली पर्वत श्रृंखला पर वर्षा की मात्रा में वृद्धि होती है। यह पर्वत श्रृंखला क्षेत्र में मानसून की वर्षा को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। मानसून की शुरुआत में, पश्चिमी हवाएँ और समुद्री आर्द्रता पर्वत श्रृंखला पर वर्षा का प्रमुख कारण बनती हैं। यह वर्षा आसपास के क्षेत्रों में भी जलवायु और पर्यावरणीय परिस्थितियों को प्रभावित करती है।

नदियाँ और जलस्रोत

अरावली पर्वत श्रृंखला से उत्पन्न होने वाली प्रमुख नदियाँ और जलस्रोत इस क्षेत्र के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इन नदियों का जल संसाधन स्थानीय जलवायु और कृषि के लिए आवश्यक है।

  1. साबरमती – साबरमती नदी अरावली पर्वत की पूर्वी ढलानों से निकलती है और गुजरात में बहती है। यह नदी गुजरात की जीवनदायिनी नदी है, जिसका पानी कृषि और पेयजल के लिए महत्वपूर्ण है।
  2. लूनी – लूनी नदी अरावली पर्वत की उत्तरी ढलानों से उत्पन्न होती है और राजस्थान के विभिन्न भागों से बहती है। यह नदी राजस्थान के रेगिस्तानी क्षेत्रों में जलवायु और पर्यावरणीय स्थिति को प्रभावित करती है।
  3. बनास – बनास नदी अरावली पर्वत के मध्य भाग से निकलती है और राजस्थान में बहती है। यह नदी स्थानीय जलस्रोतों के लिए महत्वपूर्ण है, और इसकी जलवायु पर प्रभाव पड़ता है।

अरावली पर्वत और उसकी भौगोलिक विशेषताएँ Aravalli Mountains and its geographical features

वनस्पति और वन्यजीव

अरावली पर्वत क्षेत्र में वनस्पति और वन्यजीवों की विविधता बहुत अधिक है। यहाँ पर विभिन्न प्रकार की वनस्पतियाँ और वन्यजीवों का निवास है, जो इस क्षेत्र के पारिस्थितिक तंत्र को समृद्ध बनाते हैं।

  1. वनस्पति – अरावली पर्वत क्षेत्र में मुख्यतः कैक्टस, झाड़ियाँ, और पेड़-पौधे पाये जाते हैं। यहाँ के वन क्षेत्र में निम्नलिखित प्रमुख वनस्पतियाँ होती हैं:
  • धूप का पेड़ (Acacia) – यह एक कठोर जलवायु के अनुकूल पौधा है जो गर्म और सूखे क्षेत्रों में उगता है।
  • पुष्प लता (Prosopis) – यह पौधा क्षेत्र के सूखे परिस्थितियों के लिए अनुकूलित है और इसे अक्सर वनस्पति उपयोग में लाया जाता है।
  • कपास का पेड़ (Zizyphus) – यह भी सूखे क्षेत्रों में उगने वाला पौधा है और स्थानीय लोगों द्वारा उपयोग में लाया जाता है।
  1. वन्यजीव – अरावली पर्वत क्षेत्र में कई वन्यजीव पाए जाते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:
  • गेरल (Leopard) – यह एक प्रमुख मांसाहारी वन्यजीव है जो अरावली के जंगलों में निवास करता है।
  • अदरक का उल्लू (Indian Eagle Owl) – यह पक्षी क्षेत्र के वन्य जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसका वास स्थल अरावली के जंगलों में है।
  • सामान्य चित्तीदार हिरण (Spotted Deer) – यह हिरण जाति के वन्यजीव अरावली क्षेत्र के वनस्पति और पारिस्थितिक तंत्र का हिस्सा हैं।

मानव जनसंख्या और गतिविधियाँ

  • अरावली पर्वत क्षेत्र में मानव जनसंख्या और उनकी गतिविधियाँ क्षेत्र की सामाजिक और आर्थिक संरचना को प्रभावित करती हैं। यहाँ के लोग मुख्यतः कृषि, पशुपालन, और पारंपरिक शिल्प में लगे हुए हैं।
  • अरावली क्षेत्र में कई छोटे गाँव और कस्बे स्थित हैं, जहाँ की जनसंख्या सामान्यतः ग्रामीण और आदिवासी समुदायों से मिलती है। इन लोगों का जीवन बहुत साधारण और पारंपरिक होता है, और उनकी गतिविधियाँ इस क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा हैं।
  • इसके अलावा, अरावली पर्वत क्षेत्र में पर्यटन भी एक महत्वपूर्ण गतिविधि है। यहाँ पर कई ऐतिहासिक स्थल, मंदिर, और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर स्थान हैं, जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। इसके अलावा, इस क्षेत्र में खनन गतिविधियाँ भी होती हैं, जिनसे स्थानीय आर्थिक स्थिति पर प्रभाव पड़ता है।

Aravalli Mountains and its geographical features

निष्कर्ष-

  • अरावली पर्वत श्रृंखला भारतीय उपमहाद्वीप की एक महत्वपूर्ण भौगोलिक संरचना है, जो न केवल ऐतिहासिक और भौगोलिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि पर्यावरणीय और जलवायु दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके निर्माण, जलवायु, वनस्पति, और वन्यजीवों की विविधता इसे एक अनूठा पारिस्थितिक तंत्र बनाती है। इसके अलावा, मानव जनसंख्या और गतिविधियाँ इस क्षेत्र की सामाजिक और आर्थिक संरचना को प्रभावित करती हैं।

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चलिए कुछ प्रश्न देखते है।

Q.1 अरावली पर्वत की सबसे ऊंची चोटी कौन सी है?

ANS. अरावली पर्वत श्रृंखला की सबसे ऊंची चोटी “गुरु शिखर” है। यह चोटी राजस्थान के माउंट आबू में स्थित है। गुरु शिखर की ऊँचाई समुद्र तल से 1,722 मीटर (5,650 फीट) है। इस चोटी पर प्रसिद्ध दत्तात्रेय मंदिर स्थित है, जो पर्यटकों और श्रद्धालुओं के बीच एक प्रमुख आकर्षण है। इसके अलावा, गुरु शिखर पर एक वेधशाला भी है, जो अंतरिक्ष विज्ञान के अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण है। यह चोटी अरावली पर्वत की अन्य चोटियों में सबसे ऊंची और महत्वपूर्ण मानी जाती है।

Q.2 अरावली पर्वत कहां स्थित है?

ANS. अरावली पर्वत भारत की प्राचीनतम पर्वत श्रृंखला है, जो उत्तर-पश्चिमी भारत में स्थित है। यह पर्वत श्रृंखला मुख्य रूप से राजस्थान, हरियाणा, गुजरात और दिल्ली तक फैली हुई है। अरावली पर्वत की कुल लंबाई लगभग 692 किलोमीटर है।

यह पर्वत श्रृंखला राजस्थान के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों को विभाजित करती है और पर्यावरणीय दृष्टि से महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अरावली पर्वत के पास कई ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थल स्थित हैं, जैसे कि माउंट आबू, अजमेर, और अलवर। यह पर्वत श्रृंखला न केवल भारत की भौगोलिक संरचना का महत्वपूर्ण हिस्सा है, बल्कि यह वन्यजीवन और वनस्पतियों का भी एक महत्वपूर्ण आवास स्थल है।

Q.3 अरावली का सर्वाधिक विस्तार किस जिले में है?

ANS. अरावली पर्वत श्रृंखला का सर्वाधिक विस्तार राजस्थान राज्य के सिरोही जिले में है। सिरोही जिले में अरावली पर्वत की महत्वपूर्ण चोटियाँ और पहाड़ियाँ स्थित हैं, जिनमें माउंट आबू और गुरु शिखर प्रमुख हैं। माउंट आबू अरावली पर्वत की सबसे ऊँची चोटी गुरु शिखर का घर भी है, जो समुद्र तल से 1,722 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है।

सिरोही जिले में अरावली का प्राकृतिक सौंदर्य, घने जंगल, और विविध वन्यजीवन देखने को मिलता है। इस जिले में अरावली पर्वत श्रृंखला का विस्तार बहुत व्यापक है, जिससे यह क्षेत्र पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण बन गया है।

Q.4 अरावली पर्वत कैसा पर्वत है?

ANS.अरावली पर्वत एक प्राचीन भ्रंश (fault) पर्वत श्रृंखला है, जो भारत की सबसे पुरानी पर्वत श्रृंखलाओं में से एक है। इस पर्वत की उम्र लगभग 2.5 अरब वर्ष मानी जाती है। अरावली पर्वत मुख्यतः अवशिष्ट (residual) पर्वत हैं, जो अत्यधिक कटाव और अपक्षय के कारण अब कम ऊंचाई के रह गए हैं।

अरावली पर्वत श्रृंखला का निर्माण ग्रेनाइट और नाइस जैसी कठोर चट्टानों से हुआ है, और यह मुख्यतः उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम दिशा में फैली हुई है। यह पर्वत राजस्थान के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों को विभाजित करता है और इसके साथ कई नदी घाटियाँ भी जुड़ी हुई हैं।

Q.5 अरावली पर्वत श्रृंखला का विस्तार किस राज्य में है?

ANS. अरावली पर्वत श्रृंखला का विस्तार मुख्य रूप से चार राज्यों में है: राजस्थान, हरियाणा, गुजरात, और दिल्ली।

  1. राजस्थान: अरावली पर्वत श्रृंखला का सबसे बड़ा हिस्सा राजस्थान में स्थित है। यह राज्य के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों को विभाजित करती है और यहां कई प्रमुख पहाड़ियाँ और चोटियाँ, जैसे माउंट आबू और गुरु शिखर, स्थित हैं।
  2. हरियाणा: राजस्थान से उत्तर की ओर बढ़ते हुए अरावली श्रृंखला हरियाणा राज्य में प्रवेश करती है। यहां यह गुरुग्राम और फरीदाबाद जिलों से होकर गुजरती है, जहां अरावली की छोटी-छोटी पहाड़ियाँ और वन क्षेत्र हैं।
  3. गुजरात: अरावली श्रृंखला का दक्षिणी सिरा गुजरात राज्य में फैला हुआ है। यहां यह मुख्यतः साबरकांठा और बनासकांठा जिलों में विस्तारित है।
  4. दिल्ली: अरावली पर्वत का एक छोटा सा हिस्सा दिल्ली में भी फैला हुआ है। यहां यह राजधानी के दक्षिणी और पश्चिमी क्षेत्रों में स्थित है और पर्यावरणीय दृष्टि से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह दिल्ली के ग्रीन बेल्ट का हिस्सा है।

Q.6 अरावली पर्वत की चोटियां? 

ANS.

  • गुरु शिखर: यह अरावली पर्वत की सबसे ऊँची चोटी है, जिसकी ऊँचाई 1,722 मीटर (5,650 फीट) है। यह चोटी राजस्थान के माउंट आबू में स्थित है और यहां दत्तात्रेय मंदिर और एक वेधशाला भी है।
  • सेर: यह चोटी सिरोही जिले में स्थित है और माउंट आबू के पास है। इसकी ऊँचाई लगभग 1,595 मीटर (5,233 फीट) है। यह चोटी अपनी प्राकृतिक सुंदरता और पर्यावरणीय महत्व के लिए जानी जाती है।
  • दिलवाड़ा: यह चोटी भी माउंट आबू के निकट स्थित है और इसकी ऊँचाई 1,491 मीटर (4,892 फीट) है। इस क्षेत्र में प्रसिद्ध दिलवाड़ा मंदिर भी स्थित है, जो जैन धर्म का एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है।
  • रेतिया: यह चोटी राजस्थान के अजमेर जिले में स्थित है और इसकी ऊँचाई 1,440 मीटर (4,724 फीट) है। इस चोटी पर पर्यटकों के लिए ट्रेकिंग और अन्य साहसिक गतिविधियों की सुविधा है।
  • नग्नाच्छी: यह चोटी राजस्थान के अलवर जिले में स्थित है और इसकी ऊँचाई 1,424 मीटर (4,671 फीट) है। इस चोटी के आसपास कई ऐतिहासिक और प्राकृतिक स्थल हैं।

Q.7 राजस्थान में अरावली का विस्तार कहां से कहां तक है?

ANS. राजस्थान में अरावली पर्वत श्रृंखला का विस्तार उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम दिशा में होता है, जो राज्य के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों को विभाजित करती है। इस पर्वत श्रृंखला की शुरुआत राजस्थान के अलवर जिले से होती है और यह दक्षिण-पश्चिम दिशा में गुजरात की सीमा तक जाती है।

  1. अलवर से माउंट आबू तक: अरावली पर्वत श्रृंखला राजस्थान के अलवर जिले से शुरू होकर दक्षिण की ओर अजमेर, जयपुर, और उदयपुर जिलों से होती हुई सिरोही जिले के माउंट आबू तक फैली हुई है।
  2. कुल लंबाई: राजस्थान में अरावली पर्वत श्रृंखला की कुल लंबाई लगभग 550 किलोमीटर है। यह श्रृंखला राज्य के कई महत्वपूर्ण शहरों और जिलों से गुजरती है, जिनमें अलवर, जयपुर, अजमेर, उदयपुर, और सिरोही प्रमुख हैं।
  3. महत्व: राजस्थान में अरावली पर्वत श्रृंखला न केवल एक भौगोलिक विभाजन रेखा का कार्य करती है, बल्कि यह पर्यावरणीय दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह थार रेगिस्तान के विस्तार को रोकने में सहायक है और राज्य के कई हिस्सों में जलवायु को प्रभावित करती है।

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