बिहार ने बेरोजगारों के लिए ₹1000 भत्ता शुरू किया Bihar launches ₹1000 allowance for unemployed

“मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना” 

₹1000 प्रतिमाह

प्रस्तावना

Bihar launches ₹1000 allowance for unemployed योजना के तहत बिहार सरकार बेरोजगार स्नातक युवाओं को हर महीने ₹1000 भत्ता देगी। जानिए पूरी जानकारी – पात्रता, आवेदन प्रक्रिया, लाभ और योजना का उद्देश्य।

बिहार ने बेरोजगारों के लिए ₹1000 भत्ता शुरू किया Bihar launches ₹1000 allowance for unemployed

बेरोजगारी भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व की एक गंभीर समस्या है। हर वर्ष लाखों छात्र-छात्राएँ स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी की तलाश में संघर्ष करते हैं। खासकर बिहार जैसे राज्य, जहाँ बड़ी संख्या में युवा पढ़ाई के बाद भी उचित रोज़गार के अवसरों से वंचित रह जाते हैं। इस चुनौती को देखते हुए बिहार सरकार ने 2025 में “मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना” का दायरा बढ़ाकर स्नातक बेरोजगार युवाओं को भी शामिल किया है। इस योजना के तहत 20 से 25 वर्ष की आयु वाले बेरोजगार स्नातक दो वर्षों तक ₹1,000 प्रतिमाह का भत्ता प्राप्त कर सकेंगे।

यह कदम न केवल युवाओं को अस्थायी आर्थिक राहत देगा, बल्कि उन्हें कौशल विकास और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में भी मदद करेगा। यह लेख विस्तार से इस योजना की पृष्ठभूमि, उद्देश्य, लाभ, पात्रता, प्रक्रिया, आलोचना, चुनौतियाँ और भविष्य की संभावनाओं पर प्रकाश डालता है।


बिहार में बेरोजगारी की पृष्ठभूमि

  • बिहार देश का तीसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है।

  • यहाँ की आबादी का बड़ा हिस्सा 35 वर्ष से कम आयु का है, यानी राज्य की अधिकांश जनसंख्या युवा है।

  • लेकिन राज्य में औद्योगिकीकरण की कमी, निवेश की धीमी गति, सरकारी नौकरियों की सीमित संख्या और निजी क्षेत्र के अवसरों का अभाव बेरोजगारी को बढ़ाता है।

  • 2016 में सरकार ने “स्वयं सहायता भत्ता योजना” शुरू की थी, जिसका मकसद इंटरमीडिएट पास बेरोजगार युवाओं को भत्ता देकर आत्मनिर्भर बनाना था।

  • अब 2025 में इसका विस्तार स्नातकों तक कर दिया गया है।


मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना 2025 की मुख्य बातें

  1. भत्ता राशि – प्रति माह ₹1,000

  2. अवधि – अधिकतम 2 वर्ष (24 महीने)

  3. लक्षित आयु वर्ग – 20 से 25 वर्ष

  4. लाभार्थी – स्नातक (Arts, Science, Commerce) बेरोजगार युवा

  5. शर्तें

    • लाभार्थी पढ़ाई में संलग्न न हों

    • किसी नौकरी या स्वरोज़गार में न हों

    • बिहार का स्थायी निवासी होना आवश्यक

  6. लाभार्थियों की संख्या – अनुमानित लाखों युवा स्नातक

  7. उद्देश्य – आर्थिक सहायता, कौशल विकास, प्रतियोगी परीक्षा तैयारी


योजना का उद्देश्य

  1. युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना – पढ़ाई पूरी करने के बाद युवाओं को बेरोजगारी में भटकने से बचाना।

  2. कौशल विकास को बढ़ावा देना – भत्ता मिलने से युवा स्किल ट्रेनिंग और कोचिंग कर सकेंगे।

  3. प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी – आर्थिक दिक्कतों से मुक्त होकर छात्र UPSC, BPSC, SSC, रेलवे और अन्य परीक्षाओं की तैयारी कर सकेंगे।

  4. राज्य का विकास – जब युवा रोजगार पाएँगे तो राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

  5. निर्वाचन राजनीति में संदेश – विधानसभा चुनावों से पहले सरकार यह दिखाना चाहती है कि वह युवाओं के लिए गंभीर है।


योजना के अपेक्षित प्रभाव

  • युवाओं की आर्थिक निर्भरता में कमी

  • ग्रामीण और शहरी युवाओं में नौकरी की तैयारी का उत्साह

  • राज्य में शिक्षा और रोजगार के बीच का अंतर घटेगा

  • समाज में सामाजिक असंतोष और पलायन में कमी

  • युवाओं का विश्वास सरकार में बढ़ेगा


योजना का सामाजिक और राजनीतिक महत्व

  • बिहार लंबे समय से पलायन की समस्या झेल रहा है। लाखों युवा रोज़गार की तलाश में दिल्ली, मुंबई, गुजरात जैसे राज्यों में जाते हैं। यह योजना उन्हें राज्य में रोकने का प्रयास है।

  • राजनीतिक दृष्टि से, यह योजना विधानसभा चुनावों से पहले युवाओं को जोड़ने की रणनीति है।

  • यह कदम बिहार को एक कल्याणकारी राज्य की दिशा में आगे ले जाता है।


आलोचना और चुनौतियाँ

  1. भत्ता की राशि कम – ₹1,000 प्रति माह स्नातक युवाओं के लिए बहुत कम मानी जा रही है।

  2. स्थायी समाधान नहीं – यह अस्थायी राहत है, स्थायी रोज़गार का विकल्प नहीं।

  3. राजकोषीय बोझ – लाखों युवाओं को भत्ता देने से राज्य की वित्तीय स्थिति पर बोझ बढ़ सकता है।

  4. दुरुपयोग की संभावना – फर्जी दस्तावेज़ या गलत जानकारी देकर लोग योजना का लाभ ले सकते हैं।

  5. सीमित आयु सीमा – 25 वर्ष से अधिक उम्र के स्नातक बेरोजगारों को लाभ नहीं मिलेगा।


अन्य राज्यों से तुलना

  • उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में बेरोजगार भत्ता योजनाएँ पहले से लागू हैं, लेकिन उनकी राशि और अवधि अलग-अलग है।

  • राजस्थान ने भी युवाओं को बेरोजगारी भत्ता उपलब्ध कराया है।

  • बिहार की योजना का विशेष पहलू यह है कि यह स्नातक स्तर के युवाओं पर केंद्रित है।


निर्माण श्रमिकों के लिए अतिरिक्त सहायता

बेरोजगार स्नातक योजना के साथ, बिहार सरकार ने निर्माण श्रमिकों को भी वित्तीय सहयोग दिया।

  • 16 लाख से अधिक श्रमिकों को ₹5,000 की सहायता

  • ₹802.46 करोड़ वार्षिक वस्त्र सहायता योजना के तहत वितरित।

  • “प्रतिज्ञा वेब पोर्टल” का शुभारंभ, ताकि श्रमिकों को समय पर लाभ मिल सके।


बिहार सरकार का 5 वर्षीय रोजगार लक्ष्य

  • राज्य सरकार का लक्ष्य है कि अगले 5 वर्षों में 1 करोड़ युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना।

  • इसमें सरकारी और निजी दोनों सेक्टर शामिल होंगे।

  • आईटी, कृषि, उद्योग और सेवा क्षेत्र में नए अवसर सृजित किए जाएँगे।

  • भत्ता योजना इस बड़े लक्ष्य की पहली कड़ी है।


निष्कर्ष

बिहार सरकार की नई बेरोजगार स्नातक भत्ता योजना एक साहसिक और ऐतिहासिक कदम है। इससे लाखों युवाओं को न केवल आर्थिक सहारा मिलेगा बल्कि वे अपने भविष्य के लिए कौशल और रोजगार के नए अवसर भी तलाश पाएँगे। हालाँकि इस पर आलोचना भी हो रही है कि यह स्थायी समाधान नहीं है, लेकिन यह निश्चित रूप से युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण शुरुआत है।

यदि राज्य सरकार रोजगार सृजन, औद्योगिकीकरण और कौशल विकास को इस योजना के साथ जोड़ती है, तो आने वाले वर्षों में बिहार न केवल बेरोजगारी की समस्या से उबर पाएगा, बल्कि देश के सबसे युवा और ऊर्जावान राज्यों में अपनी जगह मजबूत करेगा।

Leave a comment