बादल फटना Cloud Burst
बादल फटना (Cloud Burst) का अर्थ, कारण और बचाव के उपाय-
- बादल फटना एक ऐसा प्राकृतिक आपदा है जिसमें बहुत कम समय में भारी बारिश होती है, जिससे क्षेत्र में बाढ़ और जल-भराव की स्थिति बन जाती है। इसे “बादल फटना” कहा जाता है क्योंकि ऐसा लगता है जैसे एक जगह बादल फट गया हो। यह घटना अक्सर पहाड़ी क्षेत्रों में होती है, जहां जल धारा के साथ तेजी से नीचे बहती है और नदियों में बाढ़ ला देती है।
बादल फटना का भूगोलिक और वैज्ञानिक कारण
1. भौगोलिक कारण
पर्वतीय क्षेत्र:
- पर्वतीय क्षेत्रों में बादल फटना Cloud Burst आम है क्योंकि ऊँचाई वाले क्षेत्रों में तापमान और वायुमंडलीय दबाव तेजी से बदलते हैं। इस प्रकार के क्षेत्रों में वायुमंडल में अचानक आर्द्रता बढ़ने से भारी बारिश हो सकती है।
संकीर्ण घाटियाँ:
- जब वायुमंडलीय जलवाष्प संकीर्ण घाटियों में प्रवेश करती है, तो वहां ठंडे वातावरण से मिलकर संघनित हो जाती है और भारी बारिश का कारण बनती है। इस प्रक्रिया में, जब भारी मात्रा में पानी अचानक बरसता है, तो इसे बादल फटना कहा जाता है।
मानसून प्रभाव:
- मानसून के समय, विशेषकर जून से सितंबर के बीच, जब गर्म हवाएं ठंडी हवाओं से मिलती हैं, तो वायुमंडलीय अस्थिरता बढ़ जाती है। इससे भारी बारिश होती है, जो बादल फटने का कारण बन सकती है।
2. वैज्ञानिक कारण
वाष्पीकरण और संघनन:
- जब गर्म हवा तेजी से ऊपर की ओर उठती है, तो यह अधिक आर्द्रता लेकर जाती है। ऊँचाई पर पहुँचते ही ठंडे वातावरण में यह संघनित होकर भारी बारिश में परिवर्तित हो जाती है।
उष्णकटिबंधीय चक्रवात:
- उष्णकटिबंधीय चक्रवात के दौरान भारी मात्रा में जलवाष्प वायुमंडल में उठती है। जब यह ठंडे वातावरण से मिलती है, तो भारी बारिश होती है।
स्थानीय तापमान:
- बादल फटना Cloud Burst स्थानीय तापमान और दबाव की तेज़ी से होने वाली वृद्धि या गिरावट के कारण भी हो सकता है। जब ठंडी और गर्म हवाएं मिलती हैं, तो यह भारी बारिश का कारण बनता है।
बादल फटना (Cloud Burst) मुख्यतः क्यूम्यलोनिम्बस बादलों (Cumulonimbus Clouds) के कारण होता है। ये बादल विशाल, खड़ी और भारी बारिश के बादल होते हैं। नीचे इस संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई है:-
क्यूम्यलोनिम्बस बादल (Cumulonimbus Clouds)
1. आकार और संरचना:
- क्यूम्यलोनिम्बस बादल विशाल और खड़ी संरचना वाले होते हैं। ये बादल ऊंचाई में 2000 मीटर से लेकर 16000 मीटर तक हो सकते हैं। इनकी ऊँचाई के कारण इन्हें “टावरिंग” बादल भी कहा जाता है। इनका निचला भाग सामान्यत: गहरा और घना होता है, जबकि ऊपरी भाग बहुत ऊंचाई तक फैला होता है और अक्सर “ऐनविल” (anvil) के आकार में होता है।
2. निर्माण की प्रक्रिया:
- ये बादल तब बनते हैं जब गर्म और आर्द्र हवा तेजी से ऊपर की ओर उठती है। ऊँचाई पर पहुँचकर यह हवा ठंडी हो जाती है और उसमें मौजूद जलवाष्प संघनित होकर पानी की छोटी बूंदों में बदल जाती है। जैसे-जैसे संघनन होता है, उष्मा मुक्त होती है, जिससे और अधिक गर्म हवा ऊपर उठती है और बादल और ऊँचा हो जाता है।
3. वायुमंडलीय अस्थिरता:
- क्यूम्यलोनिम्बस बादल वायुमंडलीय अस्थिरता के उच्च स्तर पर बनते हैं। जब गर्म और ठंडी हवा के बीच अचानक तापमान और दबाव में अंतर होता है, तो यह अस्थिरता पैदा होती है, जिससे भारी बारिश और गरज के साथ बिजली चमकने की स्थिति उत्पन्न होती है।
क्यूम्यलोनिम्बस बादल ही मुख्यतः बादल फटने की घटनाओं के लिए जिम्मेदार होते हैं। ये बादल अपनी विशालता और भारी मात्रा में जलवाष्प को धारण करने की क्षमता के कारण जाने जाते हैं। इनके कारण उत्पन्न होने वाली भारी बारिश, बिजली की गर्जना, और ओलावृष्टि जैसी घटनाएं इनकी खासियत होती हैं। बादल फटना एक खतरनाक और अचानक घटने वाली घटना है, जिससे बड़े पैमाने पर बाढ़ और विनाशकारी प्रभाव हो सकते हैं।
बादलों के प्रकार और उनके भौगोलिक विशेषताएँ-
- बादल वायुमंडल में जलवाष्प के संघनन से बनते हैं। इनका आकार, ऊँचाई और संरचना अलग-अलग हो सकती है। नीचे बादलों के प्रमुख प्रकार और उनकी भूगोलिक विशेषताओं का वर्णन किया गया है:
1. स्तरीकृत बादल (Stratus Clouds)
विवरण:
- ये बादल सामान्यत: क्षैतिज रूप से फैलते हैं और आसमान में एक समान परत बनाते हैं। इनका रंग सफेद या हल्का ग्रे होता है।
भौगोलिक विशेषता:
- स्तरीकृत बादल समुद्र तल से 2000 मीटर की ऊँचाई तक पाए जाते हैं। ये समुद्री क्षेत्रों और मैदानों में आम होते हैं, जहां ठंडी हवा और नमी मिलती है।
2. क्यूम्यलस बादल (Cumulus Clouds)
विवरण:
- ये बड़े, सफेद और धुली हुई रुई जैसे दिखते हैं। ये आमतौर पर साफ मौसम में दिखाई देते हैं और बारिश का संकेत नहीं देते।
भौगोलिक विशेषता:
- क्यूम्यलस बादल लगभग 1000-2000 मीटर की ऊँचाई पर बनते हैं। ये ज्यादातर मैदानी इलाकों और उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाए जाते हैं।
3. निम्बस्ट्रेटस बादल (Nimbostratus Clouds)
विवरण:
- ये मोटे, गहरे रंग के बादल होते हैं जो आसमान में व्यापक रूप से फैलते हैं। ये बादल लगातार बारिश या बर्फबारी का संकेत देते हैं।
भौगोलिक विशेषता:
- निम्बस्ट्रेटस बादल 2000-4000 मीटर की ऊँचाई पर बनते हैं। ये अधिकतर शीतोष्ण जलवायु क्षेत्रों में देखे जाते हैं।
4. सिरस बादल (Cirrus Clouds)
विवरण:
- ये पतले, सफेद और धुएँ जैसे बादल होते हैं जो ऊँचाई पर बनते हैं। ये बादल पानी के छोटे-छोटे क्रिस्टल से बने होते हैं और मौसम में बदलाव का संकेत देते हैं।
भौगोलिक विशेषता:
- सिरस बादल आमतौर पर 6000 मीटर से अधिक की ऊँचाई पर पाए जाते हैं। ये उच्च पर्वतीय क्षेत्रों और ध्रुवीय क्षेत्रों में आम होते हैं।
5. अल्टोस्ट्रेटस बादल (Altostratus Clouds)
विवरण:
- ये गहरे ग्रे या नीले रंग के बादल होते हैं जो सूरज को ढक लेते हैं। इनका आकार बहुत बड़ा होता है और ये आसमान में व्यापक रूप से फैले होते हैं।
भौगोलिक विशेषता:
- अल्टोस्ट्रेटस बादल लगभग 2000-7000 मीटर की ऊँचाई पर बनते हैं। ये अधिकांश शीतोष्ण क्षेत्रों में पाए जाते हैं।
6. क्यूम्यलोनिम्बस बादल (Cumulonimbus Clouds)
विवरण:
- ये विशाल, खड़ी और भारी बारिश के बादल होते हैं। ये तूफान, बिजली और ओलावृष्टि का संकेत देते हैं।
भौगोलिक विशेषता:
- क्यूम्यलोनिम्बस बादल 2000-16000 मीटर की ऊँचाई तक हो सकते हैं। ये उष्णकटिबंधीय और समशीतोष्ण क्षेत्रों में आम होते हैं।
7. अल्टोक्यूम्यलस बादल (Altocumulus Clouds)
विवरण:
- ये सफेद या ग्रे रंग के छोटे-छोटे बादलों के समूह होते हैं। ये सामान्यत: बड़े समूहों में एकत्रित होते हैं और आसमान में ऊंचाई पर दिखाई देते हैं।
भौगोलिक विशेषता:
- अल्टोक्यूम्यलस बादल 2000-5000 मीटर की ऊँचाई पर होते हैं। ये पहाड़ी और मैदानी इलाकों में पाए जाते हैं।
8. स्ट्रैटो-क्यूम्यलस बादल (Stratocumulus Clouds)
विवरण:
- ये मोटे और क्षैतिज रूप से फैले हुए बादल होते हैं जो कभी-कभी आसमान को पूरी तरह से ढक लेते हैं। इनका रंग सफेद या हल्का ग्रे होता है।
भौगोलिक विशेषता:
- स्ट्रैटो-क्यूम्यलस बादल 1000-2000 मीटर की ऊँचाई पर बनते हैं। ये अधिकतर तटीय और मैदानी क्षेत्रों में पाए जाते हैं।
9. सिरोस्ट्रेटस बादल (Cirrostratus Clouds)
विवरण:
- ये पतले, सफेद और पारदर्शी बादल होते हैं जो आसमान में एक हल्की सी परत बनाते हैं। ये सूर्य या चंद्रमा के चारों ओर एक “हेलो” प्रभाव उत्पन्न करते हैं।
भौगोलिक विशेषता:
- सिरोस्ट्रेटस बादल 5000-13000 मीटर की ऊँचाई पर होते हैं। ये उच्च पर्वतीय क्षेत्रों और शीतोष्ण क्षेत्रों में पाए जाते हैं।
बादलों के प्रकार और उनके भूगोलिक विशेषताओं को समझना मौसम और जलवायु के अध्ययन में महत्वपूर्ण है। ये विभिन्न प्रकार के बादल हमें मौसम के बारे में संकेत देते हैं और हमारे दैनिक जीवन पर उनके प्रभाव का अनुमान लगाने में मदद करते हैं। उनके आकार, ऊँचाई, और संरचना के आधार पर हम यह समझ सकते हैं कि कब बारिश होगी, कब मौसम साफ रहेगा, और कब तूफान आएगा
बादल फटने के प्रमुख उदाहरण Cloud Burst-
उत्तराखंड (उत्तरकाशी), 1978
- वर्ष 1978 में उत्तरकाशी जिले में बादल फटने की घटना हुई थी, जिससे भारी बारिश और बाढ़ आई। इस घटना में कई लोग हताहत हुए और संपत्ति का भारी नुकसान हुआ।
उत्तराखंड (केदारनाथ), 2013
- 16-17 जून 2013 को केदारनाथ में हुई बादल फटने की घटना ने पूरे उत्तराखंड में भारी तबाही मचाई। इस घटना में हजारों लोग मारे गए और बड़ी संख्या में संपत्ति और धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचा।
लद्दाख (लेह), 2010
- 5-6 अगस्त 2010 को लेह में बादल फटने की घटना हुई, जिसमें 200 से अधिक लोग मारे गए और सैकड़ों लोग घायल हुए। इस घटना में गाँवों का भारी नुकसान हुआ और बाढ़ से सड़कें और घर बर्बाद हो गए।
हिमाचल प्रदेश (किन्नौर), 2015
- 24 जुलाई 2015 को किन्नौर जिले में बादल फटने की घटना हुई, जिससे बाढ़ और भूस्खलन हुआ। इस घटना में कई लोग मारे गए और बड़े पैमाने पर संपत्ति का नुकसान हुआ।
जम्मू और कश्मीर (लद्दाख), 2021
- 28 जुलाई 2021 को लद्दाख के कारगिल जिले के द्रास क्षेत्र में बादल फटने की घटना हुई। इस घटना में कई लोग हताहत हुए और संपत्ति का भारी नुकसान हुआ।
हिमाचल प्रदेश (चंबा), 2021
- 12 जुलाई 2021 को चंबा जिले में बादल फटने से बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति उत्पन्न हुई। इस घटना में कई लोग हताहत हुए और गाँवों का भारी नुकसान हुआ।
उत्तराखंड (चमोली), 2021
- 7 फरवरी 2021 को चमोली जिले में हुई बादल फटने Cloud Burst की घटना ने बाढ़ की स्थिति उत्पन्न की और तपोवन-विष्णुगढ़ हाइड्रो परियोजना को भारी नुकसान पहुँचाया।
हिमाचल प्रदेश (कुल्लू), 2021
- 20 जुलाई 2021 को कुल्लू जिले में बादल फटने Cloud Burst की घटना हुई, जिससे अचानक आई बाढ़ ने कई लोगों की जान ले ली और संपत्ति का भारी नुकसान हुआ।
उत्तराखंड (पिथौरागढ़), 2016
- 1 जुलाई 2016 को पिथौरागढ़ जिले में बादल फटने Cloud Burst से भारी बाढ़ और भूस्खलन हुआ, जिसमें कई लोग मारे गए और कई घरों का नुकसान हुआ।
हिमाचल प्रदेश (मंडी), 2023
- जुलाई 2023 में मंडी जिले में बादल फटने Cloud Burst की घटना हुई, जिससे भारी बारिश और बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई। इस घटना में कई लोगों की जान गई और संपत्ति का नुकसान हुआ।
- ये कुछ प्रमुख उदाहरण हैं जो दर्शाते हैं कि भारत में बादल फटने की घटनाएँ कितनी विनाशकारी हो सकती हैं। इन घटनाओं से बचने और उनकी पूर्व चेतावनी के लिए मौसम विज्ञान और प्रौद्योगिकी का उपयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है।
बादल फटने Cloud Burst से बचने के उपाय-
स्थान की समझ:
- पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को मौसम की जानकारी रखना चाहिए और वायुमंडलीय परिवर्तनों को समझना चाहिए। बादल फटने Cloud Burst की घटनाओं की अधिक संभावना वाले क्षेत्रों में न बसें।
प्राकृतिक चेतावनी संकेत:
- अचानक तापमान में गिरावट, हवा की दिशा में परिवर्तन, और अचानक बादल छाने जैसे संकेतों को ध्यान में रखें।
समय पर बचाव:
- जब मौसम विभाग द्वारा बादल फटने की चेतावनी दी जाती है, तो तुरंत सुरक्षित स्थान पर चले जाना चाहिए। नदियों के किनारे और पहाड़ी इलाकों से दूर रहें।
आपातकालीन किट:
- एक आपातकालीन किट हमेशा तैयार रखें, जिसमें जरूरी दवाइयाँ, खाने-पीने का सामान, टॉर्च, और अन्य आवश्यक वस्त्र हों।
मौसम की जानकारी:
- मौसम विभाग की जानकारी पर ध्यान दें और सरकार द्वारा दी गई सलाह का पालन करें। यदि भारी बारिश की संभावना है, तो घर से बाहर निकलने से बचें।
सुरक्षित संरचनाएँ:
- ऐसे क्षेत्र में घर बनाएं जो भूस्खलन और बाढ़ से सुरक्षित हो। भवन निर्माण में ऐसे सामग्री का उपयोग करें जो भूकंप और बाढ़ के समय मजबूत रह सके।
अगर आप को लैंडस्लाइड क्यों होती है ? Why do landslides happen के बारे में जानना हे तो निचे दिए गए लिंक पर क्लिक करे।
https://iasbharti.com/why-do-landslides-happen/#more-901
निष्कर्ष-
- बादल फटना Cloud Burst एक प्राकृतिक आपदा है जो कभी भी और कहीं भी हो सकती है, विशेषकर पहाड़ी और मानसूनी क्षेत्रों में। इसके कारण जान-माल का भारी नुकसान हो सकता है। इसलिए, इसे समझना और इसके संभावित प्रभावों से बचने के उपाय करना आवश्यक है। सावधानी और समय पर प्रतिक्रिया ही इससे बचने का सबसे बड़ा उपाय है। प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए शिक्षा और जागरूकता महत्वपूर्ण है।
- बादल फटने Cloud Burst जैसी घटनाओं से बचने के लिए हमें प्राकृतिक चेतावनी संकेतों को समझना चाहिए और समय पर सही कदम उठाने चाहिए। सुरक्षित स्थानों की पहचान और आपातकालीन किट का हमेशा तैयार रहना आवश्यक है। इन उपायों के साथ, हम इस आपदा से बच सकते हैं और खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं।