G7 History
G7: इतिहास, वर्तमान और भविष्य – भारत और G7 का गहन विश्लेषण
G7 History,सदस्य, उद्देश्य, कार्यप्रणाली और भारत की भूमिका “G7 का इतिहास, स्थापना, सदस्य देश, उद्देश्य, भारत की भूमिका और भविष्य, जानिए G7 की शुरुआत से लेकर आज तक की पूरी कहानी।”
परिचय (Introduction)
G7 यानी Group of Seven दुनिया की 7 सबसे विकसित और आर्थिक रूप से शक्तिशाली लोकतांत्रिक देशों का समूह है। यह कोई औपचारिक अंतरराष्ट्रीय संगठन नहीं है, बल्कि एक अनौपचारिक मंच है जहाँ सदस्य देश वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करते हैं और नीतियों का समन्वय करते हैं।
G7 की खासियत यह है कि इसका कोई स्थायी सचिवालय या मुख्यालय नहीं है। हर साल एक सदस्य देश अध्यक्ष (Presidency) बनता है और बैठक आयोजित करता है, साथ ही उस वर्ष का एजेंडा तय करता है।
G7 का इतिहास (History of G7)
स्थापना की पृष्ठभूमि
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G7 की शुरुआत 1970 के दशक में हुई।
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1973-74 की तेल संकट (Oil Crisis) और आर्थिक मंदी के बाद विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं ने एक मंच पर आने की जरूरत महसूस की।
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1975 में, फ्रांस के राष्ट्रपति वैलेरी गिस्कार्द द’एस्तेंग और जर्मनी के चांसलर हेलमुट श्मिट ने 6 देशों के नेताओं को आमंत्रित किया:
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फ्रांस
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जर्मनी (तब पश्चिम जर्मनी)
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इटली
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जापान
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यूनाइटेड किंगडम (UK)
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संयुक्त राज्य अमेरिका (USA)
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इसे शुरू में G6 कहा गया।
G6 से G7
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1976 में कनाडा जुड़ा, और G6 → G7 बन गया।
G7 से G8 और फिर वापसी G7
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1997 में रूस को शामिल किया गया और यह G8 बन गया।
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2014 में, क्राइमिया पर रूस के कब्जे के कारण रूस की सदस्यता निलंबित कर दी गई और यह वापस G7 हो गया।
G7 के सदस्य (Current Members of G7)
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कनाडा (Canada)
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फ्रांस (France)
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जर्मनी (Germany)
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इटली (Italy)
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जापान (Japan)
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यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom)
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संयुक्त राज्य अमेरिका (United States of America)
G7 के उद्देश्य (Objectives of G7)
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वैश्विक आर्थिक स्थिरता बनाए रखना।
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अंतरराष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देना।
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जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संरक्षण पर सहयोग।
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आतंकवाद, साइबर सुरक्षा, और वैश्विक स्वास्थ्य संकटों पर संयुक्त कार्रवाई।
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विकासशील देशों को सहायता।
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लोकतांत्रिक मूल्य और मानवाधिकारों की रक्षा।
G7 की कार्यप्रणाली (Functioning of G7)
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कोई स्थायी सचिवालय नहीं – हर साल अध्यक्ष बदलता है।
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वार्षिक शिखर सम्मेलन (Annual Summit) – सदस्य देशों के प्रधानमंत्री/राष्ट्रपति भाग लेते हैं।
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मंत्री स्तरीय बैठकें – वित्त, विदेश, ऊर्जा, पर्यावरण जैसे मुद्दों पर।
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अध्यक्ष का महत्व – जो देश अध्यक्ष होता है, वही एजेंडा तय करता है, बैठक आयोजित करता है, और घोषणापत्र जारी करता है।
G7 का महत्व (Importance of G7)
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दुनिया की 43% वैश्विक GDP इन्हीं 7 देशों के पास है।
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वैश्विक व्यापार और वित्तीय नीतियों पर इनका बड़ा प्रभाव है।
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अंतरराष्ट्रीय संकटों में त्वरित प्रतिक्रिया देने की क्षमता।
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NATO और अन्य सुरक्षा गठबंधनों से जुड़ाव।
भारत और G7 (India & G7)
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भारत G7 का सदस्य नहीं है, लेकिन कई बार अतिथि देश (Guest Country) के रूप में बुलाया जाता है।
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2021, 2022, 2023 और 2024 में भारत को आमंत्रित किया गया।
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भारत का महत्व:
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दुनिया की सबसे बड़ी लोकतंत्र।
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तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था।
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जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा सुरक्षा, और तकनीक में भूमिका।
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2025 में भी भारत से अपेक्षा है कि वह वैश्विक एजेंडा में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराएगा।
G7 की आलोचनाएँ (Criticism of G7)
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केवल विकसित देशों का समूह – विकासशील देशों की भागीदारी कम।
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वैश्विक दक्षिण (Global South) के मुद्दों पर सीमित ध्यान।
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फैसले बाध्यकारी (binding) नहीं होते।
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कई बार G20 की तुलना में कम प्रभावी माना जाता है।
भविष्य में G7 (Future of G7)
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विस्तार की संभावना – भारत, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया जैसे देशों को शामिल करने पर चर्चा।
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जलवायु और तकनीक पर अधिक फोकस।
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चीन के प्रभाव को संतुलित करने की कोशिश।
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वैश्विक स्वास्थ्य संकट (जैसे महामारी) पर त्वरित प्रतिक्रिया तंत्र बनाना।
G7 – UPSC बुलेट पॉइंट नोट्स
1. परिचय (Introduction)
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पूरा नाम: Group of Seven
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प्रकृति: अनौपचारिक मंच (Informal Forum)
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मुख्यालय: नहीं
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सदस्य: 7 विकसित देश
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स्थापना: 1975 (G6 के रूप में)
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वर्तमान रूप: G7 (2014 से, रूस के निलंबन के बाद)
2. सदस्य देश (Members of G7)
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कनाडा (Canada)
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फ्रांस (France)
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जर्मनी (Germany)
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इटली (Italy)
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जापान (Japan)
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यूनाइटेड किंगडम (UK)
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संयुक्त राज्य अमेरिका (USA)
3. इतिहास (History)
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1975: फ्रांस में 6 देशों की बैठक → G6
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1976: कनाडा जुड़ा → G7 बना
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1997: रूस जुड़ा → G8
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2014: क्राइमिया कब्जे के बाद रूस निलंबित → वापस G7
4. उद्देश्य (Objectives)
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वैश्विक आर्थिक स्थिरता बनाए रखना।
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जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संरक्षण।
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अंतरराष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा।
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आतंकवाद और सुरक्षा मुद्दों पर सहयोग।
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वैश्विक स्वास्थ्य संकट पर प्रतिक्रिया।
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लोकतांत्रिक मूल्यों और मानवाधिकारों की रक्षा।
5. कार्यप्रणाली (Functioning)
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कोई स्थायी सचिवालय नहीं।
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अध्यक्षता हर साल बदलती है।
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वार्षिक शिखर सम्मेलन – PM/President स्तर पर।
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मंत्री स्तरीय बैठकें – वित्त, विदेश, ऊर्जा, पर्यावरण, आदि।
6. भारत और G7 (India & G7)
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सदस्य नहीं, लेकिन कई बार अतिथि देश (Guest Country)।
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2021, 2022, 2023, 2024 में आमंत्रण मिला।
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भारत का महत्व:
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सबसे बड़ा लोकतंत्र
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तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था
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ऊर्जा, जलवायु, तकनीक में अहम भूमिका
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7. महत्व (Importance)
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वैश्विक GDP का लगभग 43% हिस्सा।
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वैश्विक व्यापार और नीतियों में प्रभाव।
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संकटों में त्वरित प्रतिक्रिया देने की क्षमता।
8. आलोचनाएँ (Criticism)
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केवल विकसित देशों का समूह।
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Global South देशों की भागीदारी कम।
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निर्णय बाध्यकारी (Binding) नहीं।
9. भविष्य (Future)
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भारत, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया जैसे देशों को शामिल करने की संभावना।
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जलवायु, तकनीक और स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान।
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चीन के प्रभाव को संतुलित करने के प्रयास।
10. UPSC के लिए Quick Facts
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स्थापना: 1975 (G6)
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मुख्यालय: नहीं
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सदस्य: 7
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हाल का अध्यक्ष (2025): [अपडेट]
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पूर्व नाम: G6, G8
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भारत: सदस्य नहीं, अतिथि देश