जलियाँवाला बाग़ की कहानी Jallianwala Bagh
लहू दे कर तिरंगे की
बुलंदी को संवारा है
फरिश्ते तुम वतन के हो
तुम्हे सजदा हमारा है
जय हिंद🙏🙏🙏
यह जलियाँवाला बाग़ Jallianwala Bagh की कहानी है |
jaliyan wala bag hatyakand in hindi-
- हमे स्वतंत्रता युही नही मिली, इसके लिए लाखो देश भक्तोंने अपना खून बहाया है| देश के लिए अनगीनत बेटो ने अपना सर हस्ते- हस्ते सुली पे चढा है. तब जाके हमे आजादी मिली है.
- इसी तरह jaliyan wala bag year सन 13 एप्रिल 1919 को वैशाखी के दिन अमृतसर के जलिया वाला बाग Jallianwala Bagh मे एक सार्वजनिक सभा का आयोजन किया गया था सभामे भाग लेने वाले अधिकांश लोक आसपास के गाव से आये हुए ग्रामीण थे जो सरकार द्वारा शहर में आरोपीत प्रतिबंध से बेखबर थे ये लोग दस एप्रिल 1919 सत्याग्रहीयो पर गोली चलाने तथा अपने नेताओ डॉक्टर सत्यपाल व डॉक्टर किचलू को पंजाब से बाहर भेजे जाने का विरोध कर रहे थे|
- जनरल डायरने इस सभा के आयोजन को सरकारी आदेश की अवहेलना समझा तथा स्थल को सशस्त्र सैनिको के साथ घेर लिया | डायरने बिना किसी पूर्व सूचना के सभा पर गोलिया चलाने का आदेश दिया लोगो पर तब तक गोलिया बरसाई गई जब तक सैनिको की गोलिया समाप्त नही हो जाये | सभी स्थल के सभी निकास मार्ग के सैनिको द्वारा घीरे होने के कारण सभा मे सम्मिलित निहत्ये लोग चारो और से गोलियो से छलनी होते रहे.|
- इस घटना मे लगभग 1000 लोग शहीद हो गये | जिसमे युवा, महिलाये ,बूढ , बच्चे ,सभी शामिल थे | जालिया वाला बाग Jallianwala Bagh हत्याकांडसे पुरा देश स्तब्ध रहगया | वहशी क्रूरता ने देश को मौन कर दिया. पुरे देश में इस बर्बर हत्याकांड की भर्त्सना की गई.|
- रवींद्रनाथ टागोर जिन्होंने इस हत्याकांड के विरोध स्वरूप अपने “नाईट हुड “की उपाधी त्याग दी तथा “शंकर राम नागरने ” व्हाईसरॉय की कार्यकारणी से त्यागपत्र दे दिया |
- अनेक स्थानो पर सत्याग्रहीयोने अहिंसा का मार्ग त्याग कर हिंसा का मार्ग अपनाया | सरकारने अत्याचारी अपराधियों को दंडित करने के स्थान पर उनका पक्ष लिया , जनरल डायरको सन्मानित किया गया |
उधम सिंह की प्रतिशोध गाथा: जलियाँवाला बाग का बदला
- इस घटना में एक व्यक्ती थे उन्हे भी गोली लगी थी, उनका नाम था सरदार उधमसिंग | उन्होने निहत्ते लोगो पे हो रहे गोला बारूद के हमले को देखा था |
- इसलिये उन्होंने ठान लिया की इसका बदला ओ लेके रहेंगे | उन्होने 13 मार्च 1940 को लंडन के केक्स -स्टन हॉल मे उस समय के ब्रिटिश लेफ्टनंट गव्हर्नर मायकल ओडवायर को गोली चला कर मार डाला | उसके बाद उनको गिरफ्तार किया गया और 31 जुलै 1940 को फासी पर चढ़ा दिया गया और वो हस्ते हस्ते देश के लिए शहीद हो गये |
- जब ये जालिया वाला बाग Jallianwala Bagh हत्याकांड हुआ तो भगत सिंह बारा वर्ष की उमर के थे, उनके मन पे इस घटना का प्रभाव पडा था उन्होने अपने स्कूल से 12 मिल पैदल चलकर जालिया वाला बाग पोहोच गये थे |
- ब्रिटिश सैनिकोने जिस निहत्ते लोगों पर गोलिया चलाई थी ,उसके निशान आज भी मौजूद है | जिस कुवे मे लोग खुद गये और गोलीयो से खुद को बचाने की कोशिश कर रहे थे वह पार्क के अंदर एक संरक्षित स्मारक के रूप मे मौजूद है |
- विश्वभर मे इस हत्याकांड की निंदा की गई इसके फलस्वरूप ब्रिटिश सरकार पर दबाव बढ़ता गया और अंत मे भारत के लिए सेक्रेटरी ऑफ स्टेट एडविन मॉन्टेगु ने उन्नीसो उन्नीस के अंत मे इसकी जांच के लिए हंटर कमिशन नियुक्त किया | कमिशन के सामने डायरने स्वीकार किया के वेग गोली चलाने का मन बनाकर ही जालिया वाला बाग आहे थे , और साथ मे दो तोपे भी लाये थे ,जो रास्ता संकरा होने के कारण अंदर नही आ सके |
- १९२० मे जनरल डायर को दबाव के चलते इस्तीफा देना पडा | इस हत्याकांड की जांच के लिए काँग्रेसने मदन मोहन मालवीय की अध्यक्षता मे एक समिती नियुक्त की |
हम जिस हत्याकांड के बारे मे पड रहे है उसका नाम जालिया वाला बाग Jallianwala Bagh हत्याकांड है
कभी वतन के लिए
सोच के देख लेना
कभी मा के चरण
चुमके देख लेना
कितना मजा आता है
मरने मे यारो
कभी मुल्क के लिये
मर के देख लेना
अगर आप को काकोरी षडयंत्र Kakori Conspiracy के बारे में जानना है तो निचे दिए गए लिंक पर क्लिक करे।
https://iasbharti.com/kakori-conspiracy/#more-366
चलिए कुछ प्रश्न देखते है।
Q.1 जलियाँवाला बाग में हत्या का आदेश किसने दिया था? Who ordered killing at Jallianwala Bagh?
ANS. जनरल डायरने इस सभा के आयोजन को सरकारी आदेश की अवहेलना समझा तथा स्थल को सशस्त्र सैनिको के साथ घेर लिया | डायरने बिना किसी पूर्व सूचना के सभा पर गोलिया चलाने का आदेश दिया लोगो पर तब तक गोलिया बरसाई गई जब तक सैनिको की गोलिया समाप्त नही हो जाये | सभी स्थल के सभी निकास मार्ग के सैनिको द्वारा घीरे होने के कारण सभा मे सम्मिलित निहत्ये लोग चारो और से गोलियो से छलनी होते रहे.|
Q.2 How many people were killed in Jallianwala Bagh 1919? 1919 में जलियाँवाला बाग में कितने लोग मारे गए थे?
ANS. इस घटना मे लगभग 1000 लोग शहीद हो गये | जिसमे युवा, महिलाये ,बूढ , बच्चे ,सभी शामिल थे | जालिया वाला बाग Jallianwala Bagh हत्याकांडसे पुरा देश स्तब्ध रहगया | वहशी क्रूरता ने देश को मौन कर दिया. पुरे देश में इस बर्बर हत्याकांड की भर्त्सना की गई.|
Q.3 When did the Jallianwala Bagh massacre take place? जलियाँवाला बाग में हत्याकांड कब हुवा?
ANS. सन 13 एप्रिल 1919 को वैशाखी के दिन अमृतसर के जलिया वाला बाग Jallianwala Bagh मे एक सार्वजनिक सभा का आयोजन किया गया था सभामे भाग लेने वाले अधिकांश लोक आसपास के गाव से आये हुए ग्रामीण थे जो सरकार द्वारा शहर में आरोपीत प्रतिबंध से बेखबर थे ये लोग दस एप्रिल 1919 सत्याग्रहीयो पर गोली चलाने तथा अपने नेताओ डॉक्टर सत्यपाल व डॉक्टर किचलू को पंजाब से बाहर भेजे जाने का विरोध कर रहे थे|
Q.4 जलियाँवाला बाग हत्याकांड संक्षिप्त नोट? Jallianwala Bagh massacre short note ?
ANS.
Thank Sir
It’s Important information UPSC