Jet Stream
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- जेट स्ट्रीम Jet Stream तेज़ गति वाली हवाएँ हैं जो पृथ्वी के वायुमंडल में बहुत ऊँचाई पर बहती हैं। ये हवाएँ पश्चिम से पूर्व की दिशा में चलती हैं और इनमें हवा की गति बहुत तेज होती है। इस लेख में हम जेट स्ट्रीम Jet Stream कैसे बनती हैं, इनके प्रकार और इनके प्रभाव के बारे में जानेंगे।
जेट स्ट्रीम Jet Stream की उत्पत्ति-
- जेट स्ट्रीम Jet Stream बनने का मुख्य कारण पृथ्वी के वायुमंडल में तापमान में अंतर है। वायुमंडल में विभिन्न स्थानों पर तापमान अलग-अलग होता है। जैसे, भूमध्य रेखा पर गर्म और ध्रुवों पर ठंडा होता है। जब गर्म और ठंडी हवा मिलती है, तो यह दबाव पैदा करती है, जिससे जेट स्ट्रीम Jet Stream बनती है।
प्रकार-
जेट स्ट्रीम Jet Stream के दो मुख्य प्रकार होते हैं
- ध्रुवीय जेट स्ट्रीम (Polar Jet Stream)
- उपोष्णकटिबंधीय जेट स्ट्रीम (Subtropical Jet Stream)
ध्रुवीय जेट स्ट्रीम Jet Stream: यह ध्रुवीय क्षेत्रों के पास होती है और 9 से 12 किलोमीटर की ऊँचाई पर बहती है। यह ठंडी ध्रुवीय हवा और गर्म समशीतोष्ण हवा के बीच की सीमा पर होती है।
उपोष्णकटिबंधीय जेट स्ट्रीम Jet Stream: यह उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के पास होती है और 10 से 16 किलोमीटर की ऊँचाई पर बहती है। यह गर्म उपोष्णकटिबंधीय हवा और ठंडी समशीतोष्ण हवा के बीच की सीमा पर होती है।
गति और दिशा-
- जेट स्ट्रीम Jet Stream की गति आमतौर पर 120 से 250 किलोमीटर प्रति घंटे तक होती है, लेकिन यह मौसम और स्थान के अनुसार बदल सकती है। ये हवाएँ पश्चिम से पूर्व की दिशा में बहती हैं, और यह दिशा पृथ्वी के घूमने के कारण होती है।
प्रभाव-
जेट स्ट्रीम Jet Stream का मौसम और जलवायु पर गहरा प्रभाव होता है। इसके प्रभाव इस प्रकार हैं-
- मौसम परिवर्तन: जेट स्ट्रीम Jet Stream के कारण स्थान विशेष पर तापमान और वर्षा में बदलाव होता है। यह उच्च दबाव और निम्न दबाव क्षेत्रों को प्रभावित करती है, जिससे तूफान और शीतलहर जैसी घटनाएं होती हैं।
- वायुमानविक परिवहन: हवाई जहाज जेट स्ट्रीम Jet Stream का उपयोग ईंधन और समय बचाने के लिए करते हैं। उच्च गति की जेट स्ट्रीम में उड़ान भरने से विमान तेजी से अपनी मंजिल तक पहुँच सकते हैं।
- समुद्री धाराओं पर प्रभाव: जेट स्ट्रीम Jet Stream समुद्र की धाराओं को भी प्रभावित करती है, जिससे महासागर की सतह पर पानी के तापमान में परिवर्तन होता है। यह समुद्री जीवों और पारिस्थितिकी तंत्र को प्रभावित करता है।
मौसमी परिवर्तन-
- जेट स्ट्रीम Jet Stream का स्थान और ताकत मौसम के अनुसार बदलती रहती है। गर्मियों में, यह उत्तरी गोलार्ध में अधिक उत्तर की ओर होती है, जबकि सर्दियों में यह दक्षिण की ओर खिसक जाती है। यह परिवर्तन विभिन्न मौसम घटनाओं का कारण बनता है, जैसे कि मानसून, शीतलहर और तूफान।
जलवायु परिवर्तन का प्रभाव-
- वर्तमान में जलवायु परिवर्तन के कारण जेट स्ट्रीम Jet Stream में भी परिवर्तन देखने को मिल रहा है। वैश्विक तापमान में वृद्धि से जेट स्ट्रीम Jet Stream की गति और दिशा में बदलाव आ सकता है, जिससे मौसम के पैटर्न में अनिश्चितता बढ़ सकती है। यह खेती, जल संसाधन, और मानव जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।
जेट स्ट्रीम Jet Stream का इतिहास-
- जेट स्ट्रीम Jet Stream का इतिहास और उसका विकास बहुत ही दिलचस्प है। जेट स्ट्रीम Jet Stream उच्च वेग वाली वायुप्रवाह होती है जो धरती के वायुमंडल के ऊपरी स्तरों में चलती है। आइए इसके इतिहास के बारे में विस्तार से जानते हैं:
प्रारंभिक अवलोकन-
1900 के दशक की शुरुआत-
- जेट स्ट्रीम Jet Stream का पहला संकेत 1920 के दशक में आया जब जापानी मौसम विज्ञानी वासबुना ओशी (Wasaburo Oishi) ने बैलून का प्रयोग करके एक तेज गति वाली वायु धारा का पता लगाया। ओशी के अध्ययन को उस समय ज्यादा मान्यता नहीं मिली क्योंकि वे जापानी भाषा में प्रकाशित हुए थे।
द्वितीय विश्व युद्ध-
- द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जेट स्ट्रीम Jet Stream का महत्व सामने आया। 1940 के दशक में, जर्मन और अमेरिकी पायलटों ने देखा कि कुछ ऊँचाईयों पर वायु के तेज बहाव के कारण उनके विमानों की गति पर बड़ा असर पड़ रहा है। उन्होंने इसे “जेट स्ट्रीम”Jet Stream नाम दिया।
वैज्ञानिक अनुसंधान और मान्यता-
- 1940 का दशक: युद्ध के बाद, मौसम विज्ञानियों ने जेट स्ट्रीम Jet Stream के अध्ययन में अधिक रुचि ली। 1944-45 के दौरान, अमेरिकी मौसम विज्ञानी रॉस्बी (Carl-Gustaf Rossby) और उनके सहयोगियों ने जेट स्ट्रीम Jet Stream का विस्तृत अध्ययन किया और इसके सिद्धांत विकसित किए। उन्होंने यह पाया कि जेट स्ट्रीम Jet Stream पश्चिम से पूर्व की दिशा में बहती है और यह ध्रुवीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में अधिक सक्रिय होती है।
- 1950 का दशक: 1950 के दशक में, जेट स्ट्रीम Jet Stream के अध्ययन ने मौसम विज्ञान को नया दृष्टिकोण दिया। वैज्ञानिकों ने पाया कि यह धारा मौसम के पूर्वानुमान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसकी गति और दिशा का अध्ययन करके मौसम की भविष्यवाणी में सुधार हुआ।
आधुनिक समय-
1960 का दशक और आगे-
- उपग्रह प्रौद्योगिकी के विकास के साथ, जेट स्ट्रीम के अध्ययन में और प्रगति हुई। उपग्रह चित्रों और डेटा ने वैज्ञानिकों को जेट स्ट्रीम Jet Stream की गति, दिशा और प्रभाव का अधिक सटीक अध्ययन करने में सहायता की।
वर्तमान समय-
- आज, जेट स्ट्रीम Jet Stream मौसम विज्ञान और जलवायु अध्ययन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह वैश्विक मौसम प्रणालियों, तूफानों और जलवायु परिवर्तन के अध्ययन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
- जेट स्ट्रीम Jet Stream के अध्ययन ने न केवल मौसम विज्ञान को समृद्ध किया है बल्कि विमानन उद्योग को भी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की है, जिससे उड़ानों की योजना बनाने और ईंधन की बचत में सहायता मिली है।
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निष्कर्ष-
- जेट स्ट्रीम Jet Stream वायुमंडल की एक महत्वपूर्ण विशेषता है जो मौसम और जलवायु पर गहरा प्रभाव डालती है। इसकी उत्पत्ति, प्रकार, गति, और दिशा के बारे में समझने से हमें बेहतर मौसम पूर्वानुमान और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को समझने में मदद मिलती है। इसके प्रभाव और मौसमी परिवर्तन की जानकारी हमें हमारी दैनिक गतिविधियों में भी सहायता प्रदान करती है। जेट स्ट्रीम Jet Stream के बारे में जानकारी बढ़ाना और इसे समझना भविष्य में जलवायु संबंधित चुनौतियों से निपटने के लिए आवश्यक है।
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