Pradhan Mantri Viksit Bharat Rozgar Yojana प्रधानमंत्री विकसित भारत रोज़गार योजना

प्रधानमंत्री विकसित भारत रोज़गार योजना – इतिहास, उद्देश्य, वर्तमान और भविष्य

“Pradhan Mantri Viksit Bharat Rozgar Yojana का उद्देश्य औपचारिक रोजगार को बढ़ावा देना, नए कर्मचारियों को प्रोत्साहन देना और संगठित क्षेत्र में नौकरी सृजन करना है। जानिए इस योजना का इतिहास, उद्देश्य, लाभ और इसका भविष्य –

Pradhan Mantri Viksit Bharat Rozgar Yojana प्रधानमंत्री विकसित भारत रोज़गार योजना


परिचय (Introduction)

प्रधानमंत्री विकसित भारत रोज़गार योजना (PM-VBRY) एक नई राष्ट्रीय योजना है, जिसे केंद्र सरकार ने 15 अगस्त 2025 को लॉन्च किया।
इसका उद्देश्य देश में औपचारिक (Formal) रोज़गार को बढ़ावा देना, नए रोज़गार का सृजन करना और श्रमिकों में वित्तीय साक्षरता को प्रोत्साहित करना है।
इस योजना को Employees’ Provident Fund Organisation (EPFO) द्वारा संचालित किया जा रहा है।


इतिहास और पृष्ठभूमि (History & Background)

  • कोरोना महामारी और बाद की अवधि में असंगठित क्षेत्र में रोज़गार पर भारी प्रभाव पड़ा।

  • सरकार ने Atmanirbhar Bharat Rozgar Yojana (ABRY) (2020) शुरू की थी, जिसने 60 लाख से अधिक रोजगार बनाने में मदद की।

  • उसी अनुभव के आधार पर सरकार ने अधिक व्यापक एवं दीर्घकालिक योजना के रूप में Pradhan Mantri Viksit Bharat Rozgar Yojana को लाँच किया।

  • इसका लक्ष्य ABRY से दोगुना रोजगार उत्पन्न करना और औपचारिक सेक्टर की भागीदारी को बढ़ाना है।


उद्देश्य (Objectives of PM-VBRY)

  • संगठित क्षेत्र में नए रोज़गार का सृजन

  • नए कर्मचारियों और नियोक्ताओं – दोनों को वित्तीय प्रोत्साहन देना

  • औपचारिक रोजगार (Formal Employment) को बढ़ावा

  • कामगारों में वित्तीय साक्षरता एवं दीर्घकालीन बचत की संस्कृति विकसित करना

  • MSME सेक्टर को मजबूती देना व रोजगार-धनात्मक वृद्धि (Job-led growth) को बढ़ावा देना


मुख्य विशेषताएँ (Key Features)

बिंदु विवरण
लॉन्च 15 अगस्त 2025
संचालित संस्था EPFO
बजट ₹99,446 करोड़
लक्षित रोज़गार 3.5 करोड़ (दो वर्षों में)
कर्मचारी प्रोत्साहन दो किश्तों में ₹15,000
नियोक्ता प्रोत्साहन प्रति कर्मचारी प्रतिमाह ₹3,000 (2–4 वर्ष तक)
योग्यता EPFO में पहली बार रजिस्ट्रेशन; वेतन ≤ ₹1,00,000/माह

कर्मचारियों के लिए लाभ

  • पहली बार EPFO-रजिस्टर्ड संस्था में नौकरी पाने पर पात्रता।

  • 6 महीने की सतत सेवा के बाद ₹7,500 (पहली किश्त)।

  • 12 महीने पूरे होने और Financial Literacy Module पूरा करने पर दूसरी किश्त ₹7,500

  • दूसरी किश्त का एक भाग सीधे बचत खाते (Savings A/c) में स्थानांतरित।


नियोक्ताओं के लिए लाभ

श्रेणी न्यूनतम नए नियुक्त कर्मचारी प्रोत्साहन
< 50 कर्मियों वाली कंपनियाँ कम से कम 2 नए कर्मचारी ₹3,000 प्रति कर्मचारी/माह
≥ 50 कर्मियों वाली कंपनियाँ कम से कम 5 नए कर्मचारी ₹3,000 प्रति कर्मचारी/माह
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ऊपर जैसा लाभ अवधि 4 वर्ष तक

आवेदन प्रक्रिया (Eligibility & Process)

कर्मचारी –

  • UAN (Universal Account Number) बनाना (Aadhaar आधारित फेश ऑथेंटिकेशन द्वारा – UMANG ऐप)।

  • कोई अलग आवेदन आवश्यक नहीं, पात्रता स्वतः लागू होती है।

नियोक्ता –

  • EPFO कोड Shram Suvidha Portal पर प्राप्त करना।

  • EPFO Portal पर पंजीकरण।

  • समय पर ECR (Electronic Challan cum Return) जमा करना।

  • नए कर्मचारियों को कम से कम 6 महीने तक बनाए रखना आवश्यक।


महत्व और संभावित प्रभाव (Impact and Significance)

  • संगठित क्षेत्र की हिस्सेदारी बढ़ेगी

  • नौकरीपेशा युवाओं में वित्तीय अनुशासन और बचत की आदत बढ़ेगी

  • MSME सेक्टर को नई ऊर्जा मिलेगी

  • Formalisation of Economy को बढ़ावा मिलेगा

  • Inclusive Growth और Developed India Vision 2047 के लक्ष्य को मजबूती


भविष्य की दिशा (Future Outlook)

  • 2027 तक 4.5 करोड़ से अधिक औपचारिक नौकरियों के निर्माण का लक्ष्य

  • योजना में AI-based Monitoring Portal जोड़ने की तैयारी

  • “UPSKILL + PM-VBRY” मॉडल पर काम – यानी रोज़गार के साथ कौशल विकास जोड़ना

  • G20 Labour Ministers Meeting (2026) में इसे “Best Practice” के रूप में प्रस्तुत किए जाने की संभावना

  • निजी क्षेत्र के लिए Performance-linked incentives से जोड़ने का प्रस्ताव


UPSC Mains के लिए कुछ संभावित प्रश्न

1. “PM-VBRY भारतीय अर्थव्यवस्था में औपचारिक रोजगार आधारित विकास को बढ़ावा देने हेतु एक महत्वपूर्ण पहल है।” चर्चा कीजिए।
2. Atmanirbhar Bharat Rozgar Yojana व PM-VBRY के बीच प्रमुख अंतर बताइए।
3. PM-VBRY के माध्यम से MSME सेक्टर में किस प्रकार परिवर्तन संभव है?

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