Chenab Rail Bridge is the world’s highest rail bridge
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- फरवरी 2024 में प्रधानमंत्री मोदी ने जम्मू कश्मीर में कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया था। उसमें विश्व की नजर थी चिनाब रेलवे पुल Chenab Rail Bridge पर। जो दुनिया का अब तक का सबसे ऊंचा सिंगल अर्क रेलवे पुल है। पेरिस के आईफाल टावर से भी ऊंचा यह पुल भारत के इतिहास में किसी भी रेलवे परियोजना द्वारा बनाई गई सबसे बड़ी सिविल इंजीनियरिंग चुनौती थी। जिसे न सिर्फ पूरा किया गया बल्कि इस पुल पर ट्रेन का ट्रायल भी लगभग पूरा हो चुका है।
- चिनाब रेल पुल Chenab Rail Bridge, जो जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले में स्थित है, भारत का सबसे ऊँचा और विश्व का सबसे ऊँचा रेल पुल है। यह पुल चिनाब नदी पर स्थित है और उधमपुर-संपर्कित रेल लिंक परियोजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस पुल का निर्माण भारतीय रेलवे और कोंकण रेलवे के सहयोग से किया गया है और इसे भारत की इंजीनियरिंग कौशल का प्रतीक माना जाता है।
Chenab Rail Bridge जानिए इस अद्भुत संरचना के बारे में, जो न केवल इंजीनियरिंग का चमत्कार है, बल्कि भारत की कनेक्टिविटी में एक नई दिशा भी प्रदान करता है।
चिनाब रेल पुल Chenab Rail Bridgeका महत्व और इतिहास-
- चिनाब रेल पुल का निर्माण भारत सरकार की एक बड़ी परियोजना का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य कश्मीर घाटी को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ना है। इस परियोजना का नाम “उधमपुर-संपर्कित रेल लिंक परियोजना” है। इस परियोजना की शुरुआत 2002 में हुई थी, लेकिन इसका वास्तविक कार्यान्वयन 2004 में आरंभ हुआ।
- चिनाब रेल पुल का निर्माण एक अत्यंत चुनौतीपूर्ण कार्य था, जिसे कई तकनीकी और प्राकृतिक बाधाओं का सामना करना पड़ा। इस पुल का उद्देश्य कश्मीर घाटी में परिवहन की सुविधा को बढ़ाना और वहां के लोगों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करना है।
- उधमपुर श्रीनगर बारामूला रेल लिंक प्रोजेक्ट का हिस्सा इस ब्रिज का निर्माण उधमपुर श्रीनगर बारामूला रेल लिंक परियोजना के तहत किया गया है। रेल 7 स्टेशनों से होकर बारामूला पहुंचेगी। इसका मकसद घाटी के लोगों के आने-जाने के सफर को आसान बनाना है। पुल के आर्क को बनाने में इंजीनियर को 3 साल लग गए। इसके लिए दो विशाल केबल क्रेन की मदद ले गई थी। जिसे चिनाब नदी के दोनों किनारो पर लगाया गया है।
- यह पुल 35000 करोड रुपए की उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजनाओं का हिस्सा है। जिसका उद्देश्य है जटिल स्थलकृति और मौसम की स्थिति में कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए जम्मू और कश्मीर में कनेक्टिविटी को बढ़ावा देना है। हालांकि चिनाब नदी पुल की जो लागत है वो अकेले लगभग 14000 करोड रुपए है।
- चिनाब पुल Chenab Rail Bridge एक भारत श्रेष्ठ भारत की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं के अंतर्गत आता है। जिसका उद्देश्य है कश्मीर को देश के अन्य राज्यों से जोड़ना है। पुल की कुल लंबाई 1315 मीटर है। पुल की लाइफ की लाइफ 120 साल है। इसका डिजाइन ऐसे किया गया है कि यह 260 किलोमीटर प्रति घंटे की गति वाली हवाओं का भी सामना करने में सक्षम है और इस पुल पर ऐसा पेंट हुआ है कि अगले 20 साल तक इसे फिर से रंगने की जरूरत नहीं है।
- चिनाब नदी पर यह रेलवे लाइन भौगोलिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस क्षेत्र में सशस्त्र बलों के लिए भी उपयोगी साबित ही। और इससे पर्यटन को भी काफी बढ़ावा मिलेगा जम्मू और कश्मीर के लोगों के लिए यह पुल दो दशकों के लंबे इंतजार के बाद आया है। क्योंकि 2003 में पहली बार मंजूरी मिलने के बाद इस परियोजना की कोई समय सीमा पूरी नहीं हो पाई थी। उधमपुर- श्रीनगर- बारामुला रेल लिंक परियोजना के पूरी तरह से चालू हो जाना के बाद जम्मू और श्रीनगर के बीच वंदे भारत मेट्रो ट्रेन भी आपको जल्द पटरी पर दौड़ती नजर आने वाली है।
तकनीकी विशेषताएँ-
चिनाब रेल पुल Chenab Rail Bridge की ऊँचाई और डिज़ाइन इसे विशिष्ट बनाते हैं। आइए इसकी कुछ महत्वपूर्ण तकनीकी विशेषताओं पर नजर डालते हैं-
- ऊँचाई- यह पुल नदी के तल से 359 मीटर (1180 फीट) की ऊँचाई पर स्थित है, जो इसे विश्व का सबसे ऊँचा रेल पुल बनाता है।
- लंबाई- इस पुल की कुल लंबाई 1315 मीटर (4314 फीट) है।
- मुख्य आर्क स्पैन- पुल का मुख्य आर्क स्पैन 467 मीटर (1532 फीट) का है, जो इसे विश्व के सबसे लंबे आर्क स्पैन में से एक बनाता है।
- निर्माण सामग्री-पुल के निर्माण में स्टील और कंक्रीट का बड़े पैमाने पर उपयोग किया गया है। पुल की मजबूती और स्थायित्व को सुनिश्चित करने के लिए उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री का चयन किया गया।
भूकंपीय और वायुगतिकीय प्रतिरोध: यह पुल उच्च तीव्रता वाले भूकंप और 266 किमी/घंटा (165 मील/घंटा) तक की वायु गति को सहन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
निर्माण तकनीक-
- पुल के निर्माण में केबल क्रेन और अन्य उन्नत इंजीनियरिंग तकनीकों का उपयोग किया गया है, जिससे भारी हिस्सों को उठाना और स्थानांतरित करना संभव हुआ।
- इस ब्रिज को स्ट्रक्चरल स्टील से बनाया गया है और यह -10 डिग्री सेल्सियस से 40 डिग्री सेल्सियस के तापमान को झेलने में सक्षम है। चिनाब रेल ब्रिज Chenab Rail Bridge देश में पहला ऐसा पुल है जिसे डीआरडीओ की मदद से पुल को ब्लास्ट लोड के लिए भी डिजाइन किया गया है। जो की 30 किलोग्राम विस्फोटकों से होने वाले ब्लास्ट का सामना कर सकता है।
- चिनाब पुल को 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रेल रफ्तार के लिए डिजाइन किया गया है।चिनाब नदी का पुल का मुख्य आर्क 267 मीटर है जो भारत के रेल का अब तक का सबसे लंबा स्पन वाला आर्क ब्रिज है। यह पुल पूरी तरह से भूकंप विरोधी है। पुल वाला क्षेत्र भूकंप के झोन चार में आता है। लेकिन यह पुल भूकंपीय क्षेत्र पांच के लिए डिजाइन किया गया है। यहां रिएक्टर स्केल पर 8 तीव्रता के भूकंप का सामना करने में सक्षम है।
- चिनाब नदी के पुल Chenab Rail Bridge में कुल मिलाकर 18 खंबे है। सबसे ऊंचा कंक्रीट पिलर करीब 49.343 मी. का है। और सबसे ऊंचा स्टील पिलर करीब करीब 130 मीटर ऊंचा है। इस ब्रिज में लगभग 27000 टन से भी ज्यादा स्टील की खपत हुई है। ब्रिज को जोड़ने के लिए विश्व स्तरीय वेल्डिंग का उपयोग किया गया है। चिनाब नदी पुल पर दो ट्रैक बिछाए गए हैं। फूल को इंक्रीमेंट लॉन्चिंग से लांच किया गया है।
निर्माण प्रक्रिया और चुनौतियाँ-
- चिनाब रेल पुल Chenab Rail Bridge का निर्माण एक अत्यंत जटिल और चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया थी, जिसे कई चरणों में पूरा किया गया। आइए इस निर्माण प्रक्रिया और इसके दौरान आई चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा करते हैं:
भूगर्भीय सर्वेक्षण और डिज़ाइन-
- पुल के निर्माण से पहले, भूगर्भीय सर्वेक्षण और विस्तृत इंजीनियरिंग डिज़ाइन तैयार किया गया। यह प्रक्रिया कई वर्षों तक चली और इसमें भूवैज्ञानिकों, इंजीनियरों और डिज़ाइन विशेषज्ञों का सहयोग शामिल था।
बुनियादी ढांचा निर्माण-
- पुल के आधारभूत संरचना के निर्माण के लिए, मजबूत नींव और स्तंभों का निर्माण किया गया। इसके लिए बड़े पैमाने पर खुदाई और कंक्रीटिंग कार्य किए गए।
केबल क्रेन प्रणाली-
- पुल के मुख्य आर्क स्पैन के निर्माण के लिए केबल क्रेन प्रणाली का उपयोग किया गया। इस प्रणाली के माध्यम से भारी स्टील गार्डर और सेगमेंट को उठाया और स्थापित किया गया।
वायुगतिकीय और भूकंपीय परीक्षण-
- पुल की स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, वायुगतिकीय और भूकंपीय परीक्षण किए गए। इन परीक्षणों के माध्यम से यह सुनिश्चित किया गया कि पुल उच्च वायु गति और भूकंप के झटकों को सहन कर सके।
पर्यावरणीय चुनौतियाँ-
- पुल के निर्माण के दौरान पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जैसे कि भारी वर्षा, हिमपात और अत्यधिक तापमान। इन चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, निर्माण प्रक्रिया में सुरक्षा उपायों को शामिल किया गया।
पुल का सामाजिक और आर्थिक प्रभाव
चिनाब रेल पुल Chenab Rail Bridge का निर्माण केवल एक इंजीनियरिंग चमत्कार ही नहीं है, बल्कि इसका सामाजिक और आर्थिक प्रभाव भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है। इस पुल के माध्यम से कश्मीर घाटी के लोगों को कई लाभ प्राप्त होंगे:
बेहतर कनेक्टिविटी-
- यह पुल कश्मीर घाटी को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ता है, जिससे यात्रा समय में कमी आएगी और परिवहन की सुविधा बढ़ेगी।
आर्थिक विकास-
- पुल के निर्माण से क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियाँ बढ़ेंगी। व्यापार और वाणिज्य में वृद्धि होगी, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।
पर्यटन-
- कश्मीर घाटी एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। इस पुल के माध्यम से पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि यात्रियों को आसानी से और सुरक्षित रूप से यात्रा करने की सुविधा मिलेगी।
चुनौतियाँ और समाधान-
- चिनाब रेल पुल Chenab Rail Bridge के निर्माण के दौरान कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिनका समाधान करने के लिए उन्नत तकनीकों और रणनीतियों का उपयोग किया गया। आइए इन चुनौतियों और उनके समाधानों पर नजर डालते हैं-
भूगर्भीय चुनौतियाँ-
- पुल का निर्माण एक कठिन भूगर्भीय क्षेत्र में किया गया है, जिसमें ऊबड़-खाबड़ और अस्थिर चट्टानें शामिल हैं। इस समस्या का समाधान करने के लिए, भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और आधुनिक निर्माण तकनीकों का उपयोग किया गया।
पर्यावरणीय चुनौतियाँ-
- भारी वर्षा, हिमपात और अत्यधिक तापमान के कारण निर्माण कार्य में बाधाएँ आईं। इन चुनौतियों का सामना करने के लिए, सुरक्षा उपायों और पर्यावरणीय प्रबंधन योजनाओं को लागू किया गया।
लॉजिस्टिकल चुनौतियाँ-
- निर्माण स्थल तक भारी उपकरण और सामग्री पहुंचाने में कठिनाइयाँ आईं। इस समस्या का समाधान करने के लिए, केबल क्रेन और अन्य उन्नत परिवहन प्रणालियों का उपयोग किया गया।
- परियोजना के दौरान विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों और श्रमिकों का समन्वय आवश्यक था। इसके लिए एक प्रभावी प्रबंधन प्रणाली और प्रशिक्षण कार्यक्रम लागू किया गया।
पर्यावरणीय प्रभाव-
- पुल के निर्माण के दौरान पर्यावरणीय संरक्षण उपायों को ध्यान में रखा गया। नदी और उसके आसपास के पारिस्थितिक तंत्र की सुरक्षा के लिए विभिन्न उपाय किए गए।
सांस्कृतिक प्रभाव-
- पुल का निर्माण स्थानीय समुदायों और उनकी संस्कृति पर भी प्रभाव डालता है। इस परियोजना के माध्यम से स्थानीय लोगों को रोजगार और विकास के अवसर प्राप्त होते हैं, जिससे उनकी जीवनशैली में सुधार होता है।
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सारांश-
- चिनाब रेल पुल Chenab Rail Bridge न केवल एक अद्वितीय इंजीनियरिंग चमत्कार है, बल्कि यह भारत की विकास और प्रगति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है। यह पुल कश्मीर घाटी के लोगों के लिए नई संभावनाओं और अवसरों का द्वार खोलता है। इसके निर्माण के माध्यम से भारतीय रेलवे ने अपनी तकनीकी क्षमता और समर्पण को साबित किया है।
- इस पुल के माध्यम से कश्मीर घाटी में बेहतर कनेक्टिविटी, आर्थिक विकास, और सामाजिक एकता को बढ़ावा मिलेगा। यह परियोजना न केवल भारतीय रेलवे के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है। चिनाब रेल पुल Chenab Rail Bridge भारत की उन्नति और विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
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