WHO approves Mpox test
परिचय-
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हाल ही में Alinity m MPXV परीक्षण को आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दी है। इस निर्णय का उद्देश्य Mpox (जिसे पहले मंकीपॉक्स कहा जाता था) के परीक्षण को वैश्विक स्तर पर अधिक सुलभ बनाना है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां Mpox के मामलों में वृद्धि हो रही है। यह कदम अफ्रीका सहित कई क्षेत्रों में तेजी से बढ़ते मामलों के मद्देनजर बेहद महत्वपूर्ण है।
WHO approves Mpox test को आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दी है, जिससे इस वायरस के तेजी से फैलने वाले प्रकोप को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। जानें कैसे यह नया परीक्षण तेजी से सटीक परिणाम देकर जन स्वास्थ्य को सुरक्षित बनाएगा।”
महत्वपूर्ण तथ्य-
- मंकीपॉक्स का नाम बदलकर अब Mpox रखा गया है।
- अलिनिटी m MPXV परख एक प्रकार का PCR परीक्षण है जिसे WHO ने आपातकालीन उपयोग सूची (EUL) के तहत स्वीकृति दी है।
- अगस्त 2024 में, WHO ने अफ्रीका में Mpox के बढ़ते मामलों के कारण इसे अंतरराष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया था।
Mpox: एक नज़दीकी दृष्टि
Mpox एक वायरल संक्रमण है जो गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। इस वायरस का संक्रमण मंकीपॉक्स वायरस से होता है, जो पोक्सवायरस परिवार का हिस्सा है। इसका प्रकोप मुख्य रूप से मध्य और पश्चिम अफ्रीका के क्षेत्रों में देखा गया है, लेकिन हाल के वर्षों में यह विभिन्न अन्य देशों में भी फैल गया है।
Mpox वायरस के लक्षण-
- तेज़ बुखार
- त्वचा पर चकत्ते या छाले
- मांसपेशियों में दर्द
- सूजन और कमजोरी
संक्रमण का प्रसार-
Mpox मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है। हाल के वर्षों में, इस वायरस ने वैश्विक चिंता का विषय बन गया है, क्योंकि इसके मामले कई देशों में बढ़ रहे हैं। अफ्रीका के कुछ हिस्सों में संक्रमण दर और मौतों में वृद्धि देखी गई है।
Alinity m MPXV परीक्षण की विशेषताएँ
WHO द्वारा अनुमोदित Alinity m MPXV एक अत्याधुनिक PCR परीक्षण है जो संक्रमित व्यक्ति की त्वचा से लिए गए नमूनों से वायरस के DNA का पता लगाने में सक्षम है। यह परीक्षण अत्यधिक सटीक है और रोग की पहचान में तेज़ी से मदद करता है, जिससे रोगियों का शीघ्र उपचार और वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
परीक्षण के लाभ
- सटीकता: यह परीक्षण वास्तविक समय में DNA का विश्लेषण करता है और बहुत ही कम समय में सटीक परिणाम प्रदान करता है।
- त्वरित परिणाम: यह परीक्षण तेज़ी से परिणाम देता है, जो बीमारी के प्रसार को नियंत्रित करने में अत्यधिक सहायक होता है।
- वैश्विक पहुँच: इस परीक्षण की मंजूरी के बाद, उम्मीद की जा रही है कि यह परीक्षण जल्द ही उन क्षेत्रों में भी उपलब्ध होगा जहां इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है।
वर्तमान परीक्षण सुविधाएँ और चुनौतियाँ
वर्तमान में, भारत में Mpox के परीक्षण के लिए 35 प्रयोगशालाएँ तैयार हैं। लेकिन अफ्रीका और अन्य विकासशील देशों में परीक्षण सुविधाओं की कमी है, जिससे मामलों की पुष्टि में देरी होती है। अफ्रीका में 2024 में 30,000 से अधिक संदिग्ध Mpox मामले सामने आए, जिनमें से अधिकांश की पुष्टि नहीं हो पाई है।
परीक्षण में देरी के कारण-
- अपर्याप्त संसाधन: कई देशों में संसाधनों की कमी के कारण वायरस को फैलने से रोकना मुश्किल हो जाता है।
- प्रशिक्षित कर्मियों की कमी: प्रयोगशालाओं में प्रशिक्षित कर्मियों की कमी एक बड़ी चुनौती है।
WHO की आपातकालीन उपयोग सूची (EUL) और इसका महत्व
आपातकालीन उपयोग सूची (EUL) WHO की एक प्रक्रिया है जो सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थितियों के दौरान चिकित्सा उपकरणों और परीक्षणों की उपलब्धता को तेज़ करती है। यह प्रक्रिया उन उपकरणों को स्वीकृति देती है जिनकी तत्काल आवश्यकता होती है, जिससे इनका उपयोग महामारी नियंत्रण और जन स्वास्थ्य सुरक्षा में तेजी से हो सके।
EUL का प्रभाव:-
- सार्वजनिक स्वास्थ्य सुरक्षा: EUL प्रक्रिया वायरस के प्रसार को रोकने में मदद करती है, खासकर विकासशील देशों में जहां परीक्षण क्षमता सीमित है।
- त्वरित पहुंच: इस प्रक्रिया के माध्यम से अधिक से अधिक देशों में Mpox परीक्षण उपलब्ध होंगे, जिससे शीघ्र निदान और उपचार संभव हो सकेगा।
Mpox का वैश्विक परिदृश्य
ग्लोबल फ़ॉरेस्ट वॉच के अनुसार, भारत और अन्य देशों ने 2001 से 2023 के बीच वृक्ष आवरण में भारी कमी देखी है। यह वायरस विशेष रूप से उन क्षेत्रों में तेजी से फैलता है, जहां वनों का क्षरण हो रहा है और पर्यावरणीय असंतुलन है।
भारत में Mpox के मामले-
- भारत में अभी तक 30 मामले सामने आए हैं।
- WHO द्वारा भारत को उच्च-जोखिम वाले देशों में शामिल किया गया है, जहां वायरस के फैलने की संभावना अधिक है।
इस जानकारी को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए, नीचे दिए गए आंकड़े और चार्ट्स को शामिल किया जा सकता है:
1. वैश्विक Mpox मामले और परीक्षण क्षमता का वितरण-
देश | पुष्ट मामले | परीक्षण सुविधाएँ | देरी |
---|---|---|---|
भारत | 30 | 35 | 2 सप्ताह |
अफ्रीका | 30,000+ | 10 | 1 महीना |
यूरोप | 1000+ | 20 | 1 सप्ताह |
2. PCR परीक्षण की प्रक्रिया-
चरण | विवरण |
---|---|
नमूना संग्रह | त्वचा के घावों से |
DNA पहचान | PCR मशीन के माध्यम से |
परिणाम | त्वरित और सटीक |
3. EUL के तहत अनुमोदित परीक्षण-
- अलिनिटी m MPXV
- PCR परीक्षण
- तेज़ पहचान और उपचार
4. विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में Mpox के पुष्ट मामलों का प्रतिशत-
क्षेत्र | प्रतिशत (%) |
---|---|
अफ्रीका | 75% |
एशिया | 10% |
यूरोप | 15% |
वैश्विक प्रभाव-
- अफ्रीका में सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र: Mpox वायरस का सबसे बड़ा प्रकोप अफ्रीका में देखा जा रहा है।
- प्रभावित देश: इसके अलावा, कई यूरोपीय और एशियाई देश भी वायरस से प्रभावित हो रहे हैं।
WHO और सरकार की प्रतिक्रिया
पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के मंत्री भूपेंद्र यादव ने माना कि विकास परियोजनाओं के कारण कुछ वन क्षेत्र नष्ट हो गए हैं, लेकिन उन्होंने 2013 से 2023 के बीच सफल प्रतिपूरक वनीकरण प्रयासों की ओर भी इशारा किया। इसके बावजूद, Mpox के संक्रमण की गंभीरता को देखते हुए कई देशों ने अपने परीक्षण सुविधाओं में सुधार की मांग की है।
भविष्य की चुनौतियाँ और संभावनाएँ
WHO द्वारा स्वीकृत इस परीक्षण के साथ, यह उम्मीद की जाती है कि Mpox परीक्षण अधिक सुलभ और तेज़ हो जाएगा। इससे संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करने और मरीजों को सही समय पर उपचार प्रदान करने में मदद मिलेगी। हालाँकि, संसाधनों और प्रशिक्षण की कमी वाले क्षेत्रों में अभी भी बड़ी चुनौतियाँ बनी हुई हैं।
चुनौतियाँ-
- प्रशिक्षित कर्मियों की कमी: कई देशों में प्रशिक्षित लैब कर्मियों की कमी है, जो इस परीक्षण को व्यापक रूप से लागू करने में बाधा बन सकती है।
- वित्तीय संसाधन: विकासशील देशों में सीमित वित्तीय संसाधन इस महामारी से लड़ने में एक बड़ी चुनौती है।
निष्कर्ष
Mpox का प्रकोप और उसके प्रभाव वैश्विक स्वास्थ्य के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बने हुए हैं। WHO द्वारा Alinity m MPXV परीक्षण की स्वीकृति से इस वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। यह परीक्षण खासकर उन क्षेत्रों में बेहद सहायक साबित हो सकता है, जहां परीक्षण की कमी के कारण Mpox के मामलों की पुष्टि में देरी हो रही थी।